दिव्यांग बच्चों को संबल देने सामने आया इक्विटास बैंक

दिव्यांग बच्चों की कठिन सेवा को देखते हुए इक्विटास स्माल फायनेंस बैंक ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बच्चों को पठन सामग्री का वितरण किया। प्राचार्य सिस्टर एंसिलिन ने बच्चों में मुस्कान लाने के इन प्रयासों के प्रति संतोष प्रकट किया।


भोपाल,29 सितंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। इक्विटास स्माल फायनेंस बैंक ने अपने कारोबारी विस्तार के साथ दिव्यांग बच्चों को संबल देने का अभियान मध्यप्रदेश में भी जारी रखा है। बैंक बनने के सात वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बैंक ने आज पटेल नगर स्थित दिव्यांग बच्चों के ज्योति स्पेशल स्कूल में बच्चों के बीच पढ़ाई सामग्री वितरित करके उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास किया है। बैंक अपनी माईक्रो फायनेंस बैंकिंग गतिविधियो से आम नागरिकों के बीच लगातार समर्थन बढ़ाता जा रहा है इसके साथ ही बैंक ने समाजसेवा के माध्यम से लोगों के साथ खडे होने का दायित्व निभाना जारी रखा है। चेन्नई से प्रारंभ इस बैंक का सामाजिक दायित्वों के प्रति समर्पण देखकर ही रिजर्व बैंक ने कडी प्रतिस्पर्धा के बीच इक्विटास बैंक को बैंकिंग का लाईसेंस प्रदान किया था तबसे लेकर बैंक लगातार अपनी बैंकिंग गतिविधियों के साथ लोक दायित्व निर्वहन का वादा भी पूरा करता आ रहा है।


इक्विटास स्माल फायनेंस बैंक के इंदौर रेंज के सीएसआर अधिकारी राजेश भूमरकर ने बताया कि इक्विटास डेवलपमेंट इनीशिएटिव ट्रस्ट अपने सामाजिक दायित्वों को लगातार निभाता आ रहा है। समय से साथ बैंक के कामकाज में निखार आता जा रहा है जिससे हमारी सामाजिक गतिविधियां भी बढ़ती जा रहीं हैं। इसी श्रंखला में आज हमने मंदबुद्धि और दिव्यांग बच्चों के ज्योति स्पेशल स्कूल में अपना सहयोग दिया है। पांच से पंद्रह साल के करीबन अड़तालीस बच्चों को जब हमने पढ़ाई सामग्री वितरित की तो उनके खिले चेहरे और उनमें झलकता संतोष और जीवटता देखते ही बनती थी। ऐसे बच्चों को सहारा देना और उन्हें सामान्य जीवन के लिए प्रशिक्षित करना बहुत दुरूह कार्य है ऐसे किसी भीसामाजिक अभियान को मदद देने का हमारा प्रयास हमेशा जारी रहेगा। वर्ष 2016 से जब हमें बैंकिंग का लाईसेंस मिला तभी से हम एमपी में कार्य कर रहे हैं । भोपाल के लोगों ने हमारे कार्य के प्रति समर्पण को देखते हुए लगभग एक सौ चालीस करोड़ रुपए की जमाराशि देकर सामाजिक गतिविधियां निभाने की जवाबदारी सौंपी है। जैसे जैसे हमारी क्षमता बढती जाएगी हम प्रदेश के विकास की प्रमुख कड़ी के रूप में सदैव उपस्थित रहेंगे।


बैंक के रीजनल मैनेजर अमित देशपांडे ने बच्चों को दुलार करते हुए बताया कि बैंक ने कुछ ऐसी सरल प्रणाली विकसित की है जिससे हम ऐसे सामाजिक ट्रस्टों, एसोसिएशन, फेडरेशन और समितियों की आय बढ़ाने में सहयोगी साबित हो रहे हैं। हमारा लक्ष्य सार्थक बैंकिंग करना है। अपने इस दायित्व के निर्वहन में हम लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं।


बैंक के शाखा प्रबंधक लोकेश जैन ने बताया कि हमारी बैंकिंग गतिविधियां माईक्रो फायनेंस का सिद्धांत अपनाने की वजह से ज्यादा कारगर साबित हो रहीं हैं। हमने दस दस महिलाओं के स्वसहायता समूहों को बाजार की तुलना में कम ब्याज दर पर फायनेंस किया है। इन समूहों में सभी हितग्राही आपस में एक दूसरे की गारंटी देते हैं। ऐसे में हमारा डूबत ऋण एक फीसदी से भी कम होता है। यही वजह है कि हमारा मुनाफा ठोस और गारंटी वाला होता है। लगभग बीस सालों से हम लोगों को फायनेंस देकर उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए कार्य कर रहे हैं इस कारण से हमारा ग्राहकी आधार बहुत बड़ा है। लोगों को हम पर विश्वास है और जब हम उन्हें पैरों पर खड़ा करने में मदद करते हैं तो फिर वे हमसे अधिक ऋण लेकर अपना जीवन स्तर ऊंचा उठाने में निपुण हो जाते हैं। हमारी इसी सफलता को देखते हुए आज श्रंगेरी सारदा मठ हमारा संरक्षक बनकर सामने आया है। हमारे प्रेरणा पुंज पीएन वासुदेवन बैंक के धन प्रबंधन की जो कार्यपद्धति विकसित की है उससे हम गारंटी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। शेयर बाजार का समर्थन हमारी विकास यात्रा का सबसे बड़ा गवाह साबित हो रहा है।


श्री राजेश भूमरकर ने बताया कि हम अपने उपभोक्ताओं को सफल बनाने के लिए हेल्थ हेल्पलाईन चलाते हैं जिनके अंतर्गत उन्हें बेहतर और सस्ती चिकित्सा की सलाह दी जाती है। मेडिकल कैप लगाकर हम लोगों को मुफ्त चिकित्सकीय जांच की सुविधा मुहैया कराते हैं। अपनी सीएसआर गतिविधियों में हम युवाओं और उद्यमियों का भी मार्गदर्शन करते हैं जिससे हमारी बैंकिंग गतिविधियां अपना उद्देश्य सार्थक बनाती हैं। आज के आयोजन में बैंक की ओर से व्यवसाय विकास अधिकारी रोहित राजपूत और प्रियंका पराते भी उपस्थित थे। ज्योति स्पेशल स्कूल की प्राचार्य सिस्टर बिंसी आगस्टाईन( एंसिलिन सिस्टर) ने सभी समाजसेवियों के प्रति आभार प्रकट किया।

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