छेड़खानी के मामलों में अपराधियों की ढाल बनी भोपाल पुलिस

विद्यार्थियों को विदेश भेजने के नाम पर कबूतरबाजी करने वाला आरोपी सत्यम त्रिपाठी खुद को मुख्यमंत्री का करीबी बताता रहा है.


भोपाल,10 अप्रैल(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। कार्यस्थल पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों और छेड़छाड़ के मामलों में भोपाल पुलिस रसूखदारों के सामने उसी तरह लाचार नजर आती है जैसे कभी बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस देखी जाती थी। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का नाम लेकर किए जाने वाले अपराधों पर तो पुलिस इतनी डरी हुई होती है कि उसकी कार्रवाई घोड़े को उड़ना सिखाने जैसी हो जाती है। हबीबगंज पुलिस की महिला थानेदार ने यहां दर्ज एक छेड़छाड़ के प्रकरण की कार्रवाई केवल इसलिए विलंबित कर रखी है ताकि आरोपी को पीड़ित पक्ष पर समझौते के लिए दबाव बनाने का भरपूर अवसर मिल जाए।
मामला विगत पांच अप्रैल को घटित प्रकरण क्रमांक 0189 का है। जिसमें आरोपी ने युवाओं को विदेशों में शिक्षा दिलाने का मार्गदर्शन करने वाली एक छात्रा से न केवल छेड़खानी की बल्कि उससे मारपीट भी कर डाली थी। पहले से इसी संस्थान में कार्य कर रहे इस युवक को डर था कि यदि लड़की ने अपना काम बखूबी संभाल लिया तो उसकी नौकरी जा सकती है। कथित तौर पर कबूतरबाजी में लिप्त इस युवक से संस्थान पहले से इतना परेशान था कि उसके संचालक ने छात्रा को सारी जवाबदारी सौंपना शुरु कर दिया था। बताया जाता है कि आरोपी ने षड़यंत्र पूर्वक संस्थान का कैमरा दूसरी दिशा में मोड़ दिया। तमाम कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया और फिर संस्थान के ही कक्ष में छात्रा से छेड़खानी कर डाली। यही नहीं जब छात्रा ने आपत्ति की तो आरोपी ने उसके साथ मारपीट भी कर दी।
छात्रा ने जैसे तैसे भागकर अपने मित्र को बुलाया और अपनी बड़ी बहन व अन्य मित्रों को इस घटना की जानकारी दी। छात्रा की बड़ी बहन जो कि बड़ी कंपनी में अधिवक्ता है उसने छात्रा के साथ हबीबगंज पुलिस थाने पहुंचकर वारदात की शिकायत दर्ज कराई।शुक्रवार को पुलिस ने शिकायत पर प्राथमिकी तो दर्ज कर ली लेकिन अब तक आरोपी को गिरफ्तार करके चालान प्रस्तुत नहीं किया है। आरोपी को पुलिस ने बुलाकर अपनी निगरानी में ले लिया है लेकिन उसे घर जाने दिया जाता है और उसे छात्रा पर दबाव बनाकर समझौता करने के लिए राजी करने का अवसर दिया जा रहा है।
छात्रा के बताए अनुसार जब उसने आपत्ति की तो आरोपी ने अपने पत्रकार चाचा का मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव के साथ फोटो दिखाया और धमकाया कि मेरा परिवार मुख्यमंत्री का करीबी है। मैं तुम्हें कहीं भी उठवा लूंगा।मेरे चाचा पत्रकार भले हैं लेकिन वे असल में माफिया सरगना हैं। पत्रकारों का एक अपराधी संगठन उनके साथ है ऐसे में तुम्हारी आवाज मीडिया भी नहीं सुनेगा। पुलिस को तो मैं इतना धमका दूंगा कि वो तुम्हारी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इसलिए तुम कहीं शिकायत करने की तो सोचना भी मत।
छात्रा के पिता भी पत्रकार हैं और वो असली पत्रकारों की अहमियत अच्छी तरह समझती थी। उसने बहादुरी दिखाते हुए आरोपी के विरुद्ध पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवा दी। उसकी अधिवक्ता बहिन के तर्कों के सामने पुलिस ने प्रकरण तो कायम कर लिया लेकिन आरोपी को जेल भेजने के बजाए वह उसे अवसर उपलब्ध करवा रही है।
हबीबगंज थाना प्रभारी श्रीमती सरिता बर्मन का कहना है कि हमने प्रकरण कायम कर लिया है। अभी पीड़िता उसकी बहिन और उसकी मां के बयान लिए जाने हैं। आसपास के अन्य साक्ष्य भी एकत्रित किए जाने हैं। इसके बाद ही कोई कार्रवाई होगी। जब चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा तभी आरोपी के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई हो पाएगी। आरोपी भी अपनी बात कह रहा है इसलिए हम उसकी बात को भी अनसुना नहीं कर सकते। सभी पक्षों के बयान पूरे होते ही चालान कोर्ट में पेश हो पाएगा। जब उनसे पूछा गया कि कोई दबाब तो नहीं है तो उन्होंने कहा पुलिस ने प्रकरण कायम कर लिया है।
बिट्टन मार्केट स्थित मैट्रो प्लाजा में संचालित फिनटेक एडु (FINTECH_EDU) संस्थान ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आरोपी को नौकरी से निकाल दिया है लेकिन पुलिस इस आरोपी के प्रति नरमी बरत रही है। सत्यम त्रिपाठी नामक इस आरोपी के चाचा ने कथित तौर पर कई पत्रकारों के माध्यम से छात्रा के पिता पर दबाव बनाने का प्रयास किया है कि वे अपनी बेटी को समझा लें क्योंकि यदि आरोपी को जेल जाना पड़ेगा तो बेटी को खामखां बदनामी झेलना पड़ेगी। जबकि छात्रा अपनी बात पर कायम है और उसका कहना है कि आरोपी को कड़े से कड़ा दंड मिलना चाहिए ताकि घर से बाहर काम करने निकलने वाली युवतियों के प्रति होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन के मुद्दे पर बड़ी बड़ी कार्यशालाएं करने वाली मध्यप्रदेश पुलिस की अपराधियों पर मेहरबानी का ये मुद्दा आगे चलकर उसकी बदनामी का सबब भी बनने जा रहा है।

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