आर्थिक सुधारों के साथ चलें तो घर घर बरसेगी खुशहालीःजगदीश देवड़ा

प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा से चर्चा के बाद राहत के क्षणों में बाएं से सर्व श्री आलोक सिंघई, राजेन्द्र आगल, हरे कुर्ते में राधेश्याम अग्रवाल, और उदय सिंह जी


भोपाल,27 जुलाई(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेश के नागरिकों से कहा है कि भारत सरकार जो वित्तीय सुधार लागू कर रही है वे आजादी के बाद से अपेक्षित थे। जनता इन सुधारों के साथ कदमताल करेगी तो जल्दी ही घर घर में खुशहाली फैल जाएगी। कटनी दौरे से लौटने के बाद आज पत्रकारों से मुलाकात में उन्होंने प्रदेश के मजबूत होते वित्तीय ढांचे को लेकर कई संकेत दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस तरह आधारभूत ढांचे को विकसित किया गया है उसका लाभ प्रदेश की जनता भरपूर उठा रही है। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ीं हैं और सरकार उन्हें पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रही है।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में हरफन मौला वित्तमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि आर्थिक चुनौतियों के बीच जिन परिवारों की समरसता बिगड़ रही है उन्हें हमारी सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारे देश में बचत की परंपरा बहुत मजबूत रही है अब हमें अपने आर्थिक संसाधनों को बढ़ाने के तरीके सीखना होंगे। भारत सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स में छूट की जो सीमा बढ़ाई है उससे काली अर्थव्यवस्था समाप्त होगी। भारत का विदेशी व्यापार संतुलन सुधरेगा और लोगों की आय बढ़ेगी।सबसे बड़ी बात है कि लोगों के जीवन में सुकून बढ़ेगा अब तक जिन छोटे और मध्यम आयवर्ग के लोगों को अपनी आय छिपानी पड़ती थी वे अब बेखौफ होकर अपना जीवनयापन कर पाएंगे।
वित्तमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जिस तरह माईक्रोफाईनेंस और सूक्षम व लघु उद्योगों को अवसर दिए हैं, किसानों के लिए एफपीओ गठित किए हैं, सहकारिता के क्षेत्र को मजबूत बनाया है उससे जल्दी मुद्रा निर्माण बढ़ेगा और देश की क्षमताओं का उचित प्रतिफल हम जन जन तक पहुंचा पाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग वित्तीय प्रबंधन की बारीकियां समझ रहे हैं और सरकार पर उनकी निर्भरता घट रही है। हमारा प्रयास है कि लोग लाचार न रहें और वे अपने हुनर का इस्तेमाल करके खूब समृद्धि हासिल करें।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार कुशल वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से जनता को लाभ पहुंचाने वाले वित्तीय संस्थानों की पहचान कर रही है और उन्हें भरपूर संरक्षण भी दे रही है। हम ढर्रे की सोच से बाहर निकलना चाहते हैं। प्रदेश की पुरानी परंपराओं के साथ हमने कई ऐसे नवाचार भी किए हैं जो आज जनता की समृद्धि के प्रकाश स्तंभ बनते जा रहे हैं।

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