रमनवीर अरोरा की हवेली पर छापे में गुर्गा गिरफ्तार

रमनवीर अरोराः सिक्यूरिटी एजेंसी के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए उलीचकर पुरस्कार खरीदने वाला ब्लैकमेलर अभियुक्त.


भोपाल, 19 फरवरी ( प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मध्यप्रदेश पुलिस ने फर्जी कंपनियां बनाकर राज्य के खजाने से ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ शुरु कर दी है। ऐसे ही एक गिरोह के सरगना की कारगुजारियां जब पुलिस के सामने उजागर हो गईं तो पुलिस ने कुख्यात ठग और रमनवीर इंपोरियम के कथित संचालक रमनवीर अरोरा की हवेली पर छापा मारा जहां उसका गुर्गा पुलिस के हत्थे चढ़ गया।जिसने अपने मालिक के कहने पर अपराध करना स्वीकार कर लिया है। मुख्य आरोपी अभी भी फरार बताया जा रहा है।


सैडमेप भोपाल की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर महिला अधिकारी ने पुलिस थाना क्राईम ब्रांच में शिकायत की थी कि किसी व्यक्ति ने उनके और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी के बीच फर्जी बातचीत का कथित स्क्रीन शाट वायरल किया था जिसमें आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करके उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी. पुलिस ने इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ऐसी चैट बरामद की और पाया कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, सेक्रेट्री एवं कमिश्नर ,एमएसएमई सेक्रेटरी , स्पोर्ट्र्स सेक्रेटरी आदि के बीच असत्य, मनगढ़ंत, और काल्पनिक आपत्तिजनक चैट बनाकर उसका स्क्रीन शाट सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इस चैट का मकसद इन अधिकारियों को बदनाम करना था। ये सब साजिशें केवल इसलिए की जा रहीं थीं क्योंकि सैडमेप से सिक्यूरिटी के नाम पर लूट कर रहे फर्जी ठेकों को निरस्त कर दिया गया था। फर्जी तरीकों से नौकरियां करने वाले कई निठल्ले अधिकारियों को भी निकाल बाहर किया गया था।


पुलिस ने पाया कि मुख्य अभियुक्त ब्लैक लिस्टेड रतन इंपोरियम का रमनवीर अरोरा इस षड़यंत्र का मुख्य साजिश कर्ता है। वह एक समाचार पत्र प्रकाशित करता है और पुलिस पर रौब जमाकर बच निकलता रहा है। इसने टाईम्स आफ इंडिया समूहब का एक पुरस्कार भी खरीदा था जिसे दिखाकर वह खुद को बड़ा समाजसेवी बताता रहता है। पुलिस आयुक्त नगरीय पुलिस भोपाल ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध मुख्यालय, और पुलिस उपायुक्त अपराध को अज्ञात आरोपी को खोजकर गिरफ्तार करने और वैधानिक कार्रवाई करने के आदेश दिये थे।


निर्देश प्राप्त होने पर पुलिस उपायुक्त अपराध द्वारा अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अपराध के नेतृत्व एवं सहायक पुलिस आयुक्त अपराध के मार्ग दर्शन में थाना क्राइम ब्रांच की टीम गठित कर तत्काल सक्रिय किया गया जिनके द्वारा आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकि साधनो/संसाधनों के आधार पर पता लगाया कि इंदौर के रहने वाले जावेद मोहम्मद पिता शफी मोहम्मद खान ने अपने सेठ रमनवीर सिंह अरोरा के कहने पर उक्त फर्जी कूटरचित स्क्रीन शॉट, एप के माध्यम से बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था जिसे क्राइम ब्रांच भोपाल की टीम द्वारा कडी मशक्कत के बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है,मामले में अनुसंधान एवं फरार मुख्य आरोपी रमनवीर सिंह अरोरा की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।राजधानी से एक दोपहर में प्रकाशित समाचारपत्र का मालिक इस गिरोह का संरक्षक बताया जा रहा है।


पुलिस ने बताया कि उसने जावेद मोहम्मद पिता सफी मोहम्मद खान उम्र 35 साल निवासी म.न 17 राजा मार्ग,धार हाल पता, म.न 249 सिल्वर नगर,मोहम्मद इसरार का मकान, गली नं 2 थाना खजराना इंदौर कक्षा -5 वीं अप.क्र.28/24 धारा 469,500 भादवि इजाफा धारा 201,204,471,120 बी भादवि के अंतर्गत गिरफ्तार किया है। वह अनपढ़ महिलाओं को कुछ पैसे देकर उनके नाम पर सिम खरीद लेता था और उसी के माध्यम से दुष्प्रचार करता था।

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