समाजसेवा में अडंगा आए तो शीर्षासन कराते हैं बाबा रामदेव

स्वामी परमार्थदेव जी ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट पर लगाए जा रहे आरोपों का तार्किक रूप से खंडन किया.


योगशिविर में आए पतंजलि आयुर्वेद के स्वामी परमार्थदेव गरजे


भोपाल,09 जनवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। स्वामी बाबा रामदेव ने ऋषि मुनियों की देन भारतीय योग पद्धति को पुर्नजीवित करके समाजसेवा का सफल मॉडल खड़ा किया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आड़ में जिन लुटेरों ने इस अनुष्ठान में व्यवधान डालने की कोशिश की उन्हें पूज्य स्वामी जी ने शीर्षासन करा दिया। आज वे अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। पतंजलि फूड्स के माध्यम से हमने आम जनता को अपना भागीदार बनाया है। हम देश से प्राप्त संसाधनों को देश के विकास पर खर्च कर रहे हैं। ये हमारी देश भक्ति है और इसमें देश के उद्यमी अपनी हिस्सेदारी दर्ज करा रहे हैं। हमारा उद्देश देश को स्वस्थ और समृद्ध बनाना है। अपना लक्ष्य हम पाकर ही रहेंगे। राजधानी में आए पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार के डॉक्टर स्वामी परमार्थ देव ने पत्रकार वार्ता में सवालों का जवाब देते हुए ये बात कही। वे यहां सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में आयोजित योग शिविर में शामिल होने राजधानी पहुंचे हैं।


पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के प्रकल्पों पर लगाए जा रहे आरोपों का तीखा प्रतिकार करते हुए स्वामी परमार्थदेव ने कहा कि हमारा लक्ष्य समाजसेवा है और हम इसमें आधुनिक व्यापार प्रबंधन की तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं। यही वजह है कि आज हम आम परिवारों को स्वस्थ बनाने में कामयाब हुए हैं। देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने के अभियान में हम सबसे सबल मॉडल के रूप में उभरे हैं। हमारी प्रगति से उन लोगों को हैरानी हो रही है जो अपने उत्पादों के माध्यम से आम जनता को ठग रहे थे। हम अपने प्रतिद्वंदियों के षड़यंत्रों को अच्छी तरह समझते हैं इसलिए हमारे उत्पाद गुणवत्ता के पैमाने पर चोखे हैं। कभी हमारे ऊपर छह छह सौ मुकदमे लादे गए लेकिन हम सभी में बेदाग होकर आगे आए हैं। हमारी सफलता के पीछे आम जनता की शक्ति है, यही वजह है कि हम अपने लक्ष्यकी ओर लगातार बढ़ते जा रहे हैं।


पतंजलि फूड्स पर सेबी की आपत्तियों के बारे में उन्होंने कहा कि आर्थिक मॉडल में कई छोटी त्रुटियां रह जाती हैं जिन्हें हम सेबी, या अन्य आर्थिक गतिविधियों की नियंत्रक संस्थाओं के मार्गदर्शन में सुधारते जा रहे हैं। हमने अपने कारोबार में कई संस्थाओं और नागरिकों को हिस्सेदार बनाया है। उनकी खामियों के आरोप भी हमारे ऊपर लगा दिए जाते हैं जबकि हमने जो आर्थिक मॉडल अपनाया है उसमें देशसेवा और स्वाधीनता की खनक है।


भारत स्वाभिमान न्यास और पतंजलि योग समिति के प्रांतीय कार्यालय प्रबंधक टी.एस.बावल ने बताया कि राजधानी में आयोजित विशाल योग शिविर में भारत स्वाभिमान,पतंजलि योग समिति, महिला पतंजलि योग समिति, युवा भारत, पतंजलि किसान सेवा समिति, हमरो स्वाभिमान संगठन, के कार्यकर्ता साधक, स्कूली बच्चे, आध्यात्मिक संगठन, सामाजिक संगठन व गणमान्य नागरिक ठंड और कोहरे के बावजूद बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा, संगठन के प्रदेश संरक्षक अरुण मेहरोत्रा, भारत स्वाभिमान संगठन के प्रदेश प्रभारी करण सिंह पंवार, पतंजलि योग समिति की प्रदेश प्रभारी डॉक्टर पुष्पांजलि शर्मा, भारत स्वाभिमान के प्रदेश प्रभारी, राजेन्द्र आर्य, पतंजलि किसान सेवा समिति के प्रभारी मुन्नीलाल यादव, युवा भारत के प्रभारी अनिल सेन, सोशल मीडिया के प्रभारी सत्यानारायण गौर, प्रदेश कोषाध्यक्ष टी.एस. बावल, पतंजलि योग समिति सह प्रदेश प्रभारी हरिशरण समारी, पतंजलि किसान सेवा समिति सह प्रदेश प्रभारी कमलेश गौर, युवा भारत सह प्रदेश प्रभारी लखनलाल साहू, महिला पतंजलि योग समिति प्रदेश कोषाध्यक्ष पार्वती शर्मा, संगठन के सभी जिला प्रभारीगण मुरलीधर साहू, डॉक्टर मनोज शर्मा, अमरीश गोस्वामी, मोहनलाल श्रीवास्तव, रेखा बत्रा, हीरालाल कुशवाहा, रामकृपाल पटेल, लोकेश नागर, सुरेन्द्र सिंह आर्य, धर्मेन्द्र जाट, एमएल गौर, प्रदीप वैष्णव, महेन्द्र रघुवंशी, शर्द वर्मा, अशोक पटेल, प्रदीप वर्मा, गणेश प्रसाद गौर, रामकृपाल पटेल,अखिलेश योगी, शशिकांत यादव, सोबरन सिंह चौहान, वीरेन्द्र धवन, हरीश भाई , एम के श्रीवास्तव, जगदीश सिंह, डॉक्टर एस आर मालवीय, विनोद वाजपेयी, उपस्थित थे।


सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधाकर पाराशर, अर्पणा नागोलिया, संजय झा, गुलाब रघुवंशी, प्रेम सिंह चौहान, भीम सिंह यादव, के साथ बडी संख्या में गणान्य नागरिकों ने भी शिविर का लाभ उठाया। योग शिविर में स्वामी परमार्थदेव ने सूक्ष्म व्यायाम, भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उद्घिगत, प्राणायाम के साथ सूर्य नमस्कार, मरकटासन, वज्रासन, गौमुखासन, ताड़ासन, त्रियक ताड़ासन, आदि कराते हुए उनके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।


योग शिविर के बाद ई-4। 7 अरेरा कालोनी में आोयजित बैठक में स्वामी परमार्थदेव ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। एक डाक्टर भी चीरा लगाता है और अपराधी भी चाकू चलाता है। डाक्टर के कार्य को हम समाजसेवा कहते हैं और स्वयं जाकर उससे चीरा लगवाते हैं। सभी जानते हैं कि डाक्टर का कार्य जीवनदान देना है। हम सभी कार्यकर्ताओं को मानवसेवा ,स्वास्थ्य सेवा और योग सेवा के अपने कार्य में जुटे रहना है। हम विचार पर आधारित गुरु सत्ता को ध्यान में रखते हुए वो आचरण करें जिससे समाज का लाभ हो। हमारे कार्यों से आम लोगों में संतुष्टि का भाव जागना चाहिए तभी हम अपने अनुष्ठान को सफल कर पाएंगे।

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