शिक्षकों को सात साल बाद ऐच्छिक प्रमोशन, निःशुल्क शिक्षा के चार सौ करोड़ भेजे


भोपाल,09 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के संचालन को आनलाईन करने के बाद प्रशासनिक प्रक्रिया को भी पूरी तरह आनलाईन कर दिया है। सात सालों बाद जिन शिक्षकों को पदोन्नत किया गया है उनके लिए भी पदभार ग्रहण करना या न करना अब ऐच्छिक बना दिया गया है। इस फैसले से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार के निवास पर लगने वाला जमावड़ा समाप्त हो गया है। अशासकीय विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययन करने वाले लगभग साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों के लिए भी लगभग चार सौ करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति राशि अंतरित कर दी गई है।


लगभग सात सालों के लंबे इंतजार के बाद प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों की समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा मंत्री से इनका समाधान करने को कहा था। इसके बाद शिक्षा राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार ने चुनाव के पहले शिक्षकों और विद्यार्थियों को ये बड़ी सौगात दी है। प्राचार्य हाईस्कूल से प्राचार्य हायर सेकेण्डरी और व्याख्याता से प्राचार्य हाईस्कूल के प्रमोशन से पहले विभाग ने काऊंसिलिंग की व्यवस्था की है। इसके तहत सभी जिला शिक्षा अधिकारी अब शिक्षकों से सहमति या असहमति पत्र भरवाएंगे। यदि वे शिक्षक नया पदभार ग्रहण नहीं करना चाहते हैं तो उन्हें वर्तमान पदस्थापना पर ही रहने की छूट दी जाएगी। जो शिक्षक प्रमोशन तो लेने तैयार हैं लेकिन पदस्थापना नए स्थान पर चाहते हैं उनके लिए भी वरिष्ठता क्रम के अनुसार शाला चयन करने की पात्रता रहेगी। इससे पाठशालाओं का स्टाफ संतुलन भी बना रहेगा और शिक्षकों की समस्याओं का भी समाधान हो जाएगा।


शिक्षकों को समयमान वेतनमान के नियमों के तहत पहले से बढ़ा हुआ वेतन तो प्राप्त हो रहा है लेकिन उन्हें अब तक क्रमोन्नति के तहत नया पदनाम नहीं मिल पाया था। इससे वे प्राचार्य पद पर अपनी प्रशासनिक क्षमताओं का भी प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। स्कूलों की व्यवस्थाओं को सुधारने में शिक्षकों के योगदान को देखते हुए अब उन्हें ऐच्छिक प्रमोशन देने की इस व्यवस्था से प्रदेश भर के शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। पिछले कुछ दिनों से राजधानी में मंत्री निवास पर लग रहा शिक्षकों का जमघट भी आज खत्म हो गया है।


स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आज शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश के अशासकीय विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों की प्रतिपूर्ति राशि सिंगल क्लिक से अंतरित कर दी है । प्रदेश के 18 हजार 440 निजी विद्यालयों में अध्ययनरत् लगभग 8 लाख 50 हजार विद्यार्थियों को 394 करोड 41 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति राशि अंतरित की गई है । राशि अंतरण कार्यक्रम राज्य मंत्री श्री परमार के भोपाल स्थित निवास कार्यालय पर आयोजित किया गया।


स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री परमार ने राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा में जिलों में संपादित किए जा रहे कार्यों एवं उपलब्धियों के आधार पर समस्त 52 जिलों का सत्र 2022-23 का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड एवं जिलों की वार्षिक रैंकिंग भी जारी की है।उन्होंने ने माह फरवरी में आयोजित शैक्षिक ओलंपियाड जिला स्तरीय प्रतियोगिता का परिणाम भी घोषित किया। प्रतियोगिता 23-24 फरवरी को प्रदेश के सभी 52 जिला मुख्यालयों पर आयोजित की गई थी।


कार्यक्रम में संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे। जिनमें समस्त जिला परियोजना समन्वयक, बीआरसी, नोडल अधिकारी एवं अशासकीय स्कूल संचालकों के साथ अभिभावकगण मौजूद थे। कार्यक्रम का सजीव यू-ट्यूब प्रसारण राज्य शिक्षा केंद्र के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर सजीव प्रसारित किया गया।

गौरतलब है कि पिछले साल इसी तरह आनलाईन तबादले करके श्री परमार ने शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया था।जिसमें शिक्षकों को स्वेच्छा से अपने संस्थान चुनने की छूट दी गई थी। स्कूल शिक्षा विभाग में इस तरह के नवाचार बरसों बाद देखे गए हैं जिससे विद्यालयों का शैक्षणिक माहौल सुधारने में मदद मिली है।

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