सरकारी खजाने से 162 करोड़ चुराने वाले धराए

ज्ञानेश्वर पाटिलः बेखौफ होकर कर डाली अमानत में खयानत करने वाले अफसरों की धरपकड़.

भोपाल,16 जनवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। वित्त विभाग के आईएफएमआईएस (IFMIS) साफ्टवेयर की मदद से शासन ने फर्जी भुगतानों पर कार्रवाई करते हुए करीबन 162 करोड़ रुपयों का घोटाला उजागर किया है। अब तक इन मामलों पर आडिटर्स ही निगाह रखते थे। ये घोटाला आडिटर्स की ओके रिपोर्ट के बाद निगाह में आया है। साफ्टवेयर के माध्यम से मध्य प्रदेश शासन के लगभग 5600 आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के कार्यालय के समस्त देयकों के भुगतान किये जाते हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों के वेतन एवं विभिन्न स्वत्वों के भुगतान, कार्यालयीन व्यय, अनुदान, स्कालरशिप आदि के भुगतान सम्मिलित हैं।

आयुक्त कोष एवं लेखा ज्ञानेश्वर पाटिल की सक्रियता से ये मामला उजागर हुआ है। विगत माहों में कुछ कार्यालयों में फ्राड भुगतान के गंभीर प्रकरण आयुक्त, कोष एवं लेखा कार्यालय के संज्ञान में आये थे। अधिकांश स्थानों से यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि DDO के द्वारा Login Password अपने अधीनस्थ बाबू को Share किये जा चुके हैं एवं DDO कार्यालय में Bill Creator एवं Approver का कार्य बाबू के द्वारा किया जाता है। इसी वजह से अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा स्वयं के या परिवार के खाते में राशि जमा कर गबन किये गये, जिसकी सूचना सिवनी एवं अन्य जिले से प्राप्त हुई।

विगत वर्षों में करोड़ों ट्रांजैक्‍शन्‍स में मानवीय हस्तक्षेप से इस तरह के गबन को पकड़ने में कठिनाई थी। अतः यह निर्णय लिया गया कि IFMIS में इस समस्त जानकारी की उपलब्धता को देखते हुए Data Analysis कर यह जानकारी प्राप्त की जावे कि राशि कौन-से खाते में जमा की जा रही है। इसी Data Analysis हेतु एक State Financial Intelligence Cell (SFIC) का गठन किया गया। SFIC द्वारा IFMIS के गत 5 वित्त वर्षों के 85 लाख देयकों से हुए लगभग 15 करोड़ ट्रांजैक्शन का विश्लेषण करने का कार्य प्रारंभ किया गया। अनियमितताओं की संभावनाओं वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया गया एवं डाटा के विश्लेषण हेतु अनेक क्वेरीज बनाई गईं।

Data Analysis के माध्यम से पहला गबन कार्यालय कलेक्टर, इंदौर में पकड़ा गया। इसी Data Analysis को और Strengthen करते हुए आज दिनांक तक लगभग 162 करोड़ रुपये के गबन पकड़े गये हैं, 170 संदिग्धों पर FIR की गयी है एवं 15 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। अनेक प्रकरणों में उत्‍तरदायी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर विभागीय जांच संस्थित की गई हैं।

निर्धारित प्रक्रिया अनुसार SFIC द्वारा संदिग्‍ध भुगतानों को चिह्नांकित किया जाता है, एवं इनकी विस्तृत जाँच के लिये संबंधित संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा को जाँच करने के लिये आदेशित किया जाता है। अनियमितताओं, अधिक भुगतान तथा गबन की पुष्टि होने पर जिला कलेक्टर के संज्ञान में लाते हुए तुरंत वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। इस प्रक्रिया में प्राप्‍त प्रत्येक जाँच निष्कर्ष के आधार पर IFMIS सिस्टम में त्वरित गति से सुधार किये जा रहे हैं।

आज दिनांक तक SFIC द्वारा निम्नलिखित अधिक भुगतान एवं गबन का पर्दाफाश किया गया है :-

क्र. संभाग का नाम कोषालय का नाम कार्यालय का नाम हानि/गबन की राशि वसूली की गई राशि क्‍या FIR की गई है? FIR में आरोपियों की संख्‍या
1 उज्‍जैन उज्‍जैन केंद्रीय जेल, भैरूगढ़, जिला उज्‍जैन 135048325 0 YES 10
पुन: जांच —-”—– 66199128 0
2 उज्‍जैन देवास शासकीय महाविद्यालय बागली 37239107 0 YES 8
3 उज्‍जैन देवास शासकीय महाविद्यालय हाटपिपल्‍या 785607 0 YES 2
4 उज्‍जैन आगर मालवा DD Veterinary Services Agar Malwa 5477460 58514 Yes 9
5 उज्‍जैन आगर मालवा उप संचालक पशु चिकित्‍सा गो अभ्‍यारण (सुसनेर) Agar Malwa 196942 0 Yes 6
6 उज्‍जैन शाजापुर DD Veterinary Services शाजापुर 416244 0 YES 3
7 उज्‍जैन शाजापुर BEO शाजापुर 936692 971918 No 0
8 उज्‍जैन शाजापुर BEO Kalapipal 1011726 1336459 NO 0
9 इन्‍दौर इन्‍दौर कलेक्‍टर इन्‍दौर 92431697 17036025 Yes 54
10 इन्‍दौर खरगोन BEO, कसरावद 20400000 13800000 YES 1
11 इन्‍दौर खरगोन EE, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण डिवीजन क्र 21 सनावद, खरगौन 28310524 5200000 No 0
12 इन्‍दौर खण्‍डवा DFO Khandwa (G) 1232577 1232577 YES 1
13 इन्‍दौर धार SAF, धार 4285167 0 YES 1
14 इन्‍दौर धार BEO Nisarpur 11823031 11823031 YES 7
15 इन्‍दौर अलीराजपुर BEO कट्ठीवाड़ा 204712747 6886843 Yes 6
16 इन्‍दौर इन्‍दौर DSP, Police Training School, Indore 10431268 0 No 0
17 सागर सागर EE, WR Div 2 केसली 6010405 4614881 No 0
18 सागर सागर SE PWD Sagar 2940379 700000 No 0
19 रीवा अनूपपुर ASCO, पुष्‍पराजगढ़ 13786154 1000000 Yes 7
20 रीवा सीधी BEO SIDHI 375396 0 NO 0
21 रीवा सीधी PRINCIPAL G.H.S.S 2734323 0 NO 0
22 रीवा सीधी EXECUTIV ENGINEER P.H.E DIVN 1576779 0 NO 0
23 भोपाल भोपाल BEO, फंदा 1447307 581630 NO 0
24 भोपाल नर्मदापुरम तहसीलदार, डोलारिया 22333863 1500000 YES 2
25 भोपाल नर्मदापुरम SP नर्मदापुरम 2112194 2112194 YES 1
26 भोपाल वल्लभ भवन Conservator of Forest, Social Forestry, Bhopal 1632000 0 YES 1
27 भोपाल रायसेन CMHO, रायसेन 19232727 12400583 Yes 12
28 जबलपुर छिंदवाड़ा BEO, छिंदवाड़ा 6371516 4132214 YES 8
29 जबलपुर छिंदवाड़ा BEO, मोहखेड 1997739 987037 No 0
30 जबलपुर छिंदवाड़ा BEO Tamia 4355307 0 Yes 5
31 जबलपुर बालाघाट BEO Balaghat 8644323 8644323 Yes 15
32 ग्‍वालियर भिण्‍ड BEO भिण्‍ड 20626794 13337080 Yes 6
33 ग्‍वालियर भिण्‍ड ASCO, Bhind 5833475 1025967 No 1
34 ग्‍वालियर भिण्‍ड BEO Mehgaon 7351476 12160 Yes 1
35 ग्‍वालियर भिण्‍ड BEO Lahar 882800 917467 No 0
36 ग्‍वालियर दतिया BEO Bhander 23589509 0 No 0
37 ग्‍वालियर शिवपुरी तहसीलदार, पोहरी 6266660 1222620 Yes 1
38 ग्‍वालियर शिवपुरी SP Shivpuri 934500 443275 YES 1
39 ग्‍वालियर ग्‍वालियर EE, PHE, Section-1 Gwalior 812776308 26380753 Yes 1
40 ग्‍वालियर गुना BEO Chachoda 14342224 8204249 No 0
41 ग्‍वालियर गुना BEO GUNA
BEO BAMORI
Joint Enquiry 14796896 7734410 No 0
42 ग्‍वालियर गुना 0 0 No 0
43 ग्‍वालियर मुरैना BEO PHARGHAR 522416 522416 No 0
Total 1624411712 154818626 170
नोट – हानि/गबन की राशि प्रारंभिक अनुमान हैं, जिनमें वृद्धि या कमी हो सकती है।

कोष एवं लेखा द्वारा मार्च 2023 में केंद्रीय जेल, भेरूगढ़ जिला उज्जैन में कर्मचारियों की विभागीय भविष्य निधि के भुगतानों में कार्यालय के विभिन्न कर्मचारियों के विभागीय भविष्य निधि खाते में से राशि निकालकर श्री रिपुदमन सिंह रघुवंशी, प्रहरी, श्री शैलेन्द्र सिंह सिकरवार, प्रहरी एवं श्री सोनू मालवीय के खातों में भुगतान को चिह्नित किया गया। प्रकरण का परीक्षण होने पर इस कार्यालय में इसके अलावा गृह भाड़ा भत्ता, वर्दी धुलाई भत्ता में श्री रिपुदमन सिंह रघुवंशी के वेतन में विभिन्न माहों में लाखों रुपये के भुगतान दर्शित हुए। समस्त अनियमितताओं को शामिल करते हुए इस जेल कार्यालय में लगभग 20 करोड़ का गबन प्रकाश में आया है। उक्त तीनों आरोपियों के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है।

इस प्रकरण में कर्मचारियों के बैंक खाता क्रमांक परिवर्तन के लिये आहरण अधिकारियों को दिये गये अधिकारों का व्यापक दुरुपयोग दर्शित हुआ, जिसके द्वारा कर्मचारियों के खाता क्रमांकों में बार-बार परिवर्तन कर उनके विभागीय भविष्य निधि खातों से राशि का आहरण किया गया। साथ ही विभागीय भविष्य निधि खातों के बैलेंस में परिवर्तन किया जाकर अधिक राशि का आहरण किया जाना दर्शित हुआ। आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा IFMIS में तुरंत प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया एवं कर्मचारियों के बैंक खाते में परिवर्तन एवं विभागीय भविष्य निधि के बैलेंस में परिवर्तन अब कोषालय अधिकारी के अनुमोदन उपरांत ही संभव है। गृह भाड़ा भत्ता एवं वर्दी धुलाई भत्तों के साथ वेतन के अन्य भत्तों में अधिकतम संभव राशि की सीमा लगाई गई है।

मार्च 2023 में ही आयुक्त कोष एवं लेखा के जिला कोषालय इंदौर के निरीक्षण के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय इंदौर में लगभग 9 करोड़ रुपये का गबन प्रकाश में आया। मुख्यतः असफल भुगतानों एवं कार्यालयीन व्यय के देयकों को श्री मिलाप सिंह चौहान, सहायक वर्ग 3 के द्वारा स्वयं के एवं पत्नी के खाते में एवं अन्य मित्रों के खाते में राशि का अवैध ट्रांसफर किया जाना पाया गया। प्रकरण में 54 व्यक्तियों पर FIR की जा चुकी है। यह दर्शित हुआ कि असफल भुगतान में दूसरे कार्यालयों के चालान से भी भुगतान किया गया है। आयुक्त कोष एवं लेखा ने इस संबंध में पूर्व से ही प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया था एवं ई-कुबेर से असफल भुगतान में मैन्युअल प्रक्रिया के स्थान पर आनलाइन प्रक्रिया बनाई गई है, जिसमें संबंधित कार्यालय को आटोमेटिकली असफल भुगतान व्यक्ति या संस्था के नाम सहित दर्शित होते हैं।

अप्रैल 2023 में देवास जिले के शासकीय महाविद्यालय, बागली एवं शासकीय महाविद्यालय हाटपिपल्या में 3.8 करोड़ का गबन प्रकाश में आया। श्री विजय शंकर त्रिपाठी, सहायक वर्ग 3 एवं श्री रोहित दुबे, सहायक वर्ग 3 के द्वारा कर्मचारियों के एरियर एवं छात्रों की स्कालरशिप की राशि को अपने खातों में ट्रांसफर किया गया। स्वीकृति के रूप में खाली कागज की इमेज साफ्टवेयर में संलग्न होने पर भी देयक उपकोषालय बागली से अनुमोदित होने से उपकोषालय के कर्मचारी श्री हरी सिंह चौहान को भी निलंबित किया गया है। इस प्रकरण में FIR दर्ज की गई है एवं अन्य संदिग्धों के नाम जोड़े जाने के लिये प्रकरण पुलिस विवेचना में है।

इन सभी प्रकरणों में अधिकारियों के द्वारा पासवर्ड शेयर करना एवं भुगतानों की मानीटरिंग में लापरवाही प्रकाश में आयी है। इसे रोकने के लिये ई-साइन को देयक को एप्रूव करने के लिये अनिवार्य किया गया है। आधार आधारित भुगतान प्रणाली की शुरुआत की गई है, ताकि वास्तविक भुगतानप्राप्तकर्ता की पहचान सुनिश्चित की जा सके।

इन समस्त प्रकरणों के विश्लेषण पर यह भी दर्शित हुआ कि आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को कोषालय में न आना पड़े, इसके लिये उनके कार्यालय के कर्मचारियों के बैंक खाता क्रमांक का सुधार करना, मोबाइल क्रमांक सुधारना, ई-मेल परिवर्तित करना, विभागीय भविष्य निधि के बैलेंस को अपडेट करना आदि की सुविधायें प्रदान की गई। आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा पासवर्ड एवं डिजिटल हस्ताक्षरों के डिटेल्स अपने अधीनस्थ कर्मचारी को विश्वास कर शेयर करने से दुरुपयोग के प्रकरण सामने आये हैं। DDO द्वारा सतर्कता दिखाते तो गबन की स्थिति निर्मित नहीं होती। अब बैंक खाता विवरण सुधार एवं विभागीय भविष्य निधि के बैलेंस के सुधार तो कोषालय अधिकारी से किया जाना सुनिश्चित किया ही गया है, साथ ही मोबाइल क्रमांक के अपडेशन की मिशन मोड में कार्यवाही जारी है, जिसके पूर्ण होने के उपरांत मोबाइल नंबर सुधारने का उत्तरदायित्व भी कोषालय अधिकारी को प्रदान किये जावेंगे।

वेतन निर्धारण में सेवा-पुस्तिका को स्कैन कर IFMIS में अपलोड करने एवं उसके आधार पर वेतन निर्धारण किया जावेगा। इससे सेवा-पुस्तिका के कोष एवं लेखा कार्यालयों में नहीं भेजने या बाद में एंट्री को अनुचित रूप से सुधारने की वृत्ति को नियंत्रित किया गया है।
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