ठगी पकड़ी जाए तो बंदूक दिखाकर धमकाता है बूटकॉम का गुप्ता

सूदखोर ठग प्रकाश गुप्ता ने शूटिंग अकादमी में घुसपैठ जमाकर पुलिस के कई आला अफसरों को अपने ब्याज के जाल में फंसा लिया है.


भोपाल,18 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। कंप्यूटर ग्राहक से ठगी की पोल जब खुल जाए और व्यापारी अपनी गलती मानने की बजाए बंदूक दिखाने लगे तो ये कारोबार कानून की निगाह में अड़ीबाजी माना जाता है। सामान्य ग्राहक इसे नहीं जानते और वे आमतौर पर पुलिस में शिकायत नहीं करते लेकिन बूटकाम सिस्टम्स का ठग व्यापारी प्रकाश चंद गुप्ता इसे अपना कारोबारी हुनर मानने लगा है। उसने खुद पर फर्जी हमला करवाकर बंदूक का लाईसेंस बनवा लिया । अब वह नित नए पैंतरे आजमाकर मालदार कंप्यूटर ग्राहकों को गन दिखाकर धमकाता है। । शूटिंग अकादमी से जुड़कर इसने कई पुलिस अफसरों को भी अपने सूदखोरी के जाल में फांस लिया है। वे समय समय पर इसके चौकीदार बन जाते हैं।


सूत्रों के अनुसार यूपी के लालगंज का रहने वाला प्रकाश चंद गुप्ता वल्द चंद्राभान गुप्ता एमपीनगर पुलिस थाने से महज चार सौ मीटर दूर ठगी का ये अड्डा चला रहा है ।कोई ग्राहक यदि उसकी ठगी को समझ जाता है और अपना पैसा वापस मांगने की जिद पर अड़ जाता है तो वह अपने कर्मचारियों को तेज आवाज में बोलकर वहीं रखी बंदूके उठाकर बाजू में रख लेता है। पुलिस कहती है कि वह साक्ष्य के अभाव में लाचार है। कोई इस बदमाश के खिलाफ तथ्यों पर शिकायत करे तो वह उसे सजा करवा सकती है । पुलिस जिन साक्ष्यों को प्रकरणों में इस्तेमाल करती है उन्हें गुप्ता के अदालती एजेंट धराशायी कर देते हैं। इसके लिए गुप्ता का गिरोह फर्जी दस्तावेज और साक्ष्य तैयार करता है। इस गिरोह में नामी वकील, नोटरी, डॉक्टर,जज ,बैंक मैनेजर, पुलिस वाले और हैंडराईटिंग एक्सपर्ट भी शामिल हैं। ये ऐसे फर्जी साक्ष्य गढ़ते हैं जिन्हें देखकर खासे जज भी चकरा जाते हैं ,फिर वह प्रकरण भ्रष्ट जजों की अदालतों में ट्रांसफर करवा लेता है और रिश्वत देकर बरी हो जाता है।


बताते हैं कि तीन सौ पंद्रह बोर की बंदूक का लाईसेंस बनवाने के लिए उसने खुद पर हमले की फर्जी वारदात गढ़ी थी। हमलावरों को पुलिस ने बाकायदा कोर्ट में भी पेश किया और अदालत ने उन्हें दोषी ठहराकर सजा भी सुना दी। इस प्रकरण की आड़ में दलालों ने उसे आनन फानन में लाईसेंस मुहैया करवा दिया। ये कहानी उसके ठगी के पैटर्न का खुलासा करता है। जिस प्रकरण क्रमांक 108 2019 में पंचम अपर सत्र न्यायाधीश विनय कुमार भारद्वाज ने 31 जनवरी 2023 को सजा सुनाई उसके सजायाफ्ता सफदर,इमरान, शाहिद और हनीफ आज हर्जाना मांग रहे हैं।उन्हें अपराध का प्रकरण दर्ज होने तक चुप रहने की सुपारी दी गई थी।उन्हें तब नहीं पता था कि वास्तव में सजा पड़ जाएगी।


घटना 25 अक्टूबर 2018 की बताई गई है। प्रकाश गुप्ता ने शिकायत की थी कि हमलावरों ने उससे साढे छह लाख रुपए भरा ब्रीफकेस छीन लिया था जिसे पुलिस ने बाद में जब्त कर लिया । इस मामले में अदालत ने चारों अभियुक्तों को तीन तीन साल की जेल और दो दो हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। चारों लड़के नए थे और अदालत ने पूर्व रिकार्ड देखते हुए उन्हें छोटी सजा सुनाई।अभियुक्तों ने खुद को निर्दोष बताते हुए फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।


गुप्ता ने तब एसपी से निवेदन किया था कि उसे जान का खतरा है, आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाईसेंस दिया जाए। प्रशासनिक मशीनरी को इतनी आड़ काफी थी। उसे लाईसेंस भी मिल गया और उसने हथियार भी खरीद लिए। यही नहीं पुलिस विभाग के आला अफसरों से दोस्ती गांठकर वह फायरिंग अकादमी का सदस्य भी बन गया और वहां उसने अपना साहूकारी का जाल फैलाकर कई आला पुलिस अफसरों को भी मोटे ब्याज का लालच दिखाकर अपने जाल में फांस लिया। इनमें से कई अफसरों के विरुद्ध उसने झूठे साक्ष्य बना लिये हैं और वे भी अपनी रकम वापस मांगने के लिए सामने आने तैयार नहीं हैं।


ब्लैकमेलिंग की वारदातों को अंजाम देने के लिए उसने कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों,वेवसाईटों और चैनलों की सदस्यता ले रखी है जिनसे वह भारत ही नहीं चीन, दुबई, थाईलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के सप्लायर जब शिकायत करते हैं तो वहां के अफसरों को धमकाने के लिए वह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस के अधिकारियों का सहारा लेता है। इसके लिए वह उन अधिकारियों को ब्याज के नाम पर रिश्वत पहुंचा देता है।

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