भूमाफिया से सुपारी लेने लगी इंदौर की पुलिस

रहवासियों की समिति के अध्यक्ष आलोक जैन ने जब बिल्डर की गैर कानूनी गतिविधियों का विरोध किया तो उन पर बिल्डर के गुर्गों ने हमला कर दिया।पीली शर्ट वाले कटारे ने तो सबकी मौजूदगी में श्री जैन को नुकीली वस्तु घोंपने का प्रयास भी किया।


भोपाल,16 अक्टूबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। पुलिस भी भू माफिया का गुर्गा बन सकती है ये पुलिस कमिश्नर प्रणाली के किसी पैरवीकोर ने कभी सोचा नहीं होगा। इंदौर की एक टाऊनशिप के नागरिक इन दिनों पुलिस की भूमिका को लेकर सशंकित हैं और उसकी माफियागिरी का तांडव झेल रहे हैं। माना ये जाता था कि राजस्व अधिकारी अक्सर दबाव में आकर माफिया की काली करतूतों के सामने सरेंडर कर देते हैं तो इन हालात से निपटने में पुलिस प्रभावी हो सकती है। इंदौर पुलिस की वर्तमान कारगुजारियों ने इन कयासों को धूल धूसरित कर दिया है।
मामला सिल्वर स्प्रिंग्स, बायपास रोड, नायता मुंडला स्थित, सैकड़ों एकड़ में विस्तृत एकीकृत टाउनशिप का है। भूमाफिया ने इस पर अपना आधिपत्य बनाए रखने के लिए उसे अनेक टुकड़ों में बांट दिया है । टाऊनशिप के फेज़ 1 में हाल ही में उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ से मिले आदेश के बाद चुनाव हुए और बिल्डर का विधिवत सफाया हो गया ।टाऊनशिप के फेज़ 2 में रखरखाव के लिए गठित बिल्डर की कंपनी के सहयोगी संगठन की विशेष आमसभा में एकीकृत टाऊनशिप की संघर्ष समिति के वर्तमान अध्यक्ष आलोक जैन और एक अन्य रहवासी सुबोध गुप्ता के बीच मामूली धक्का मुक्की के बाद (1) हीरालाल जोशी (2) सुबोध गुप्ता,(3) अभय कटारे (4) विकास मल्होत्रा (5) सत्यम राठौर (6) ऋषभ विश्वकर्मा व अन्य बाहरी अनधिकृत व्यक्तियों (7) परमजीत सिंह (8) जीतू सोलंकी (9) देवेश्वर द्विवेदी (10) प्रयास द्विवेदी (11) नरेंद्र पाटीदार ने एक तयशुदा रणनीति बनाकर आलोक जैन के ऊपर घातक जानलेवा हमला कर दिया । इस घटना के बाद इन सभी लोगों ने पुलिस थाने में झूठे बयान देकर श्री जैन के ही विरुद्ध शिकायत जमा करा दी। विवाद टालने के लिए आलोक जैन ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने इस मामले को समाप्त समझ लिया। इस समझौते के बाद बिल्डर के गुर्गों ने श्री जैन को निष्कासित करने के लिए जाल बिछाना शुरु कर दिया । इस टाऊनशिप के बिल्डर डेवलपर के कंपनी सचिव नीलेश गुप्ता (12) ने एक पत्र के माध्यम ये कहना शुरु कर दिया कि आलोक जैन को निष्कासित कर दिया गया है। सुबोध गुप्ता की ओर से समिति अध्यक्ष श्री जैन को सोसायटी से बाहर करने संबंधी आवेदन कार्यालय में जमा कराया गया । तभी से ये सभी लोग श्री जैन को डराने धमकाने के निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
मालूम हो कि सैकड़ों एकड़ में विस्तृत सिल्वर स्प्रिंग्स टाउनशिप के निदेशक अभिषेक झवेरी (13) और मुकेश झवेरी (14) ने सैकड़ों करोड़ रुपयों की शासकीय / रहवासियों की साझा धन संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया है । रहवासियों के सभागार पर कब्ज़ा कर वहां चलाए जा रहे अवैध शराबखाने व अन्य संदिग्ध गतिविधियों को पुलिस की पहल पर ही बंद किया गया था । हालांकि बताया जाता है कि अभी भी खाली मकानों से बिल्डर और उसके सहयोगी (विपक्षी क्रमांक 1 से 11) अवैध अनैतिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं । एकीकृत टाउनशिप के बहुसंख्यक रहवासियों की एकमात्र प्रतिनिधि संगठन यह संघर्ष समिति शासन प्रशासन न्यायालय के हर स्तर पर बिल्डर डेवलपर की अनियमितताओं / गबन / घोटालों को चुनौती दे रही है ।
WP 5586/2021 उच्च न्यायालय, इंदौर
CC/114/2022 उपभोक्ता आयोग, इंदौर
इसी से क्षुब्ध होकर बिल्डर व उसके नियमित कर्मचारियों / प्रायोजित प्रतिनिधियों (विपक्षी क्रमांक 1 से 14) द्वारा समिति के अध्यक्ष पर यह सुनियोजित-निर्धारित जानलेवा हमला किया गया । अन्य उपस्थित रहवासियों के हस्तक्षेप से कोई अनहोनी तो नहीं हो सकी,लेकिन विपक्षी क्रमांक 1 से 14 तक के लोगों से प्रार्थी समिति के अध्यक्ष श्री आलोक जैन व उनके परिवार को जानमाल का खतरा निरंतर बना हुआ है ।
ज्ञातव्य है कि विपक्षी क्रमांक 3 अभय कटारे के विरुद्ध पहले ही अनेक आपराधिक प्रकरण विचाराधीन हैं. इस टाऊनशिप में भी यह व्यक्ति बिल्डर की ओर से कब्जा जमाने,अतिक्रमण करने, गबन करने और अवैध वसूली करने का काम संभालता है।इसके इशारे पर विपक्षी क्रमांक 1 हीरालाल (पप्पू) जोशी ने सरेआम श्री जैन को जान से मारने की धमकी भी दी है।वर्तमान में टाऊनशिप के सर्वेसर्वा सूत्रधार होने के कारण इन्हीं के पास पूरे घटनाक्रम के आडियो और वीडियो साक्ष्य सुरक्षित हैं । जो दो अन्य वीडियो पक्ष विपक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए वह सुश्री शीतल राय के मोबाइल से बनाए गए, जिसमें से बीच का गंभीर मारपीट / बलवा वाला हिस्सा संपादित कर छुपा दिया गया है ।ये वीडियो दिखाकर बिल्डर के गुर्गे पुलिस को गुमराह कर रहे हैं।

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