कमल पटेल ने भ्रष्ट अफसरशाही को चेताया

कमल पटेलः किसान की आवाज सुने नौकरशाही


दो लाख करोड़ के बजट में से साठ हजार करोड़ सिर्फ वेतन बांटती है सरकार


देवास,21 सितंबर( प्रेस इंफार्मेशन सेंटर) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन से शुरु हुए सेवा पखवाड़े ने जनता की आवाज को नए अंदाज में प्रस्तुत किया है। राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने देवास जिले में एक कार्यक्रम में नौकरशाही को अपने अंदाज से चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि कई अफसरों के असहयोग और भ्रष्टाचार से जनता परेशान है। प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी सुन लें यदि उन्होंने जनता के काम करना नहीं सीखा तो मुख्यसचिव से लेकर चपरासी तक किसी को नहीं बख्शा जाएगा।उन्होंने कहा किस सरकार अपने दो लाख करोड़ के बजट में से सिर्फ साठ हजार करोड़ रुपए तो वेतन में बांट देती है। उन्हें सरकारी योजनाएं लागू करना होंगी या हटना पड़ेगा।

कृषि मंत्री कमल पटेल के भाषण का प्रदेश के ईमानदार और कर्मठ अधिकारी कर्मचारी स्वागत कर रहे हैं.


झाबुआ के कलेक्टर और एसपी को हटाने की कार्रवाई का समर्थन करते हुए श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद ही जन चौपाल अभियान शुरु किया गया है। इसमें जनता से संवाद करके उनकी समस्याओं के समाधान किए जा रहे हैं। जन चौपाल का अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा। हरदा जिले में पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन 25 दिसंबर सुशासन दिवस पर जो कार्यक्रम शुरु किया गया था वह अब पूरे प्रदेश में चल रहा है इसमें सरकार जनता की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि हरदा जिलेमें तो आपकी समस्या का हल आपके घर अभियान चलाकर हमने अधिकारियों को अपना दायित्व निभाने का अवसर दिया है। कृषि मंत्री कमल पटेल के इस नवाचार भरे अभियान को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरदा जिले के बाद पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। राज्य के सभी मंत्रीगण अपने- अपने प्रभार जिलों के लिए मोर्चे पर मुस्तैद हो गए हैं। इस बीच इस अभियान के पुरोधा कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल सुशासन को लेकर कड़े तेवर अपनाए हुए हैं।मंत्री पटेल अपने नए नवाचारो के साथ प्रशासन तंत्र पर हमेशा हमलावर रहते हैं। नौकरशाही के कामकाज पर चौकन्ना रहते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव से लेकर कर्मचारी जगत की कार्यशैली पर हमेशा जनता की आवाज को लेकर वे तीखे प्रहार करते रहते हैं।
पूरे प्रदेश में शुरू हुए मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में 33 बिंदुओं का समावेश है। केंद्र और राज्य की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीब पात्र हितग्राहियों को मिले इसके लिए यह अभियान शुरू किया गया है। गरीब और किसान का दर्द क्या होता है। इस बात से मंत्री पटेल वाकिफ हैं और इसी को लेकर वे सदैव एक जनप्रतिनिधि होने के नाते प्रशासन तंत्र पर मुखर रहते हैं। इसी मुखरता के कारण मंगलवार की देर रात्रि उनके तेवर सरकारी आयोजन में देखने को मिले।इस अभियान के कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव से लेकर निचले स्तर पर सरकारी तंत्र के चपरासी तक के अमले को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार में रहते हुए आप जो सेवाएं दे रहे हैं और सेवाएं देने पर जो सैलरी आप ले रहे हैं। वह जनता के पैसे से ही आपको मिल रही है। जनता का पैसा लेते हुए प्रशासन तंत्र में चाहे वह मुख्य सचिव हो या निचले स्तर पर चपरासी क्यों न हो। अगर गरीबों के कल्याणनार्थ सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को नहीं मिला तो मुख्य सचिव से लेकर चपरासी स्तर के लोगों को भी छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार अब एक्शन मोड पर है। ऊपर से लेकर नीचे तक सब सावधान हो जाएं।

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