मास्टर प्लान में माफिया की घुसपैठ बोले बिहारीलाल जी

भोपाल,26 जून(प्रेस सूचना केन्द्र)। नगर विकास मंच मध्यप्रदेश के संयोजक बिहारीलाल जी का कहना है कि राजधानी के सुनियोजित विकास के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में आमूलचूल बदलाव करना जरूरी है। ये मास्टर प्लान विधि सम्मत नहीं है और इसे इतनी जल्दबाजी में बनाया गया है कि इसके ऊटपटांग स्वरूप का लाभ लेते हुए माफिया ताकतों ने बेशकीमती जमीनों को हथियाने और बेचने का जाल बुन डाला है। भू माफिया ने राजधानी में रोजगार के अवसर विकसित किए बगैर लोगों को गांवों से खदेड़कर भीड़ जुटाने का षड़यंत्र रचा है। प्रदेश के समन्वित विकास के लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों के मास्टर प्लान के साथ ही राजधानी का नगर निवेश भी किया जाना जरूरी हो गया है।

आज एक पत्रकार वार्ता में नगर विकास मंच मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों के साथ नगर तथा ग्राम निवेश विभाग मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्त असिस्टेंट डायरेक्टर श्री बिहारी लाल ने कहा कि राजधानी के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में भारी गड़बड़ियां हैं। इसका महाविशाल स्वरूप वेवसाईट पर इस तरह दर्शाया गया है कि जिसे आम लोग पढ़ समझ नहीं सकते। इसके संपादित स्वरूप को पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जाना जरूरी है। शहर के विकास में रुचि रखने वाले लोग इससे नगर विकास के संबंध में अपनी कीमती राय से शासन को अवगत करा सकेंगे। प्रेस वार्ता में मंच के अजय लखवानी समेत कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि राजधानी की वर्तमान भूमियों के मानचित्र बनाकर उन्हें वार्डवार प्रदर्शित किया जाना जरूरी है ताकि लोग भविष्य की योजनाओं के संबंध में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। इस मास्टर प्लान को संक्षिप्त पुस्तक के रूप में और हिंदी भाषा में प्रकाशित किया जाना जरूरी है। मास्टर प्लान का ये ड्राफ्ट राजधानी के ही 284 गांवों की पंचायतों के अधिकारों का दमन कर रहा है। इससे पंचायतों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे।

श्री बिहारीलाल ने कहा कि एक ओर जब भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत की योजना पर कार्य कर रही है वहां राजधानी में रोजगार के अवसर न होने पर ही अंधे शहरीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।शहर में लगभग 50 हजार से ज्यादा आवासीय प्रकोष्ठ खाली पड़े हैं। इसके बावजूद माफिया ताकतें शहर में और भी ज्यादा भवन बनाने का षड़यंत्र रच रही है।चीन में विकास के नाम पर ऐसे ही कई शहर खाली पड़े हैं जिन्हें भूतिया शहर कहा जाता है।सरकार की ये जवाबदारी है कि वो बेतरतीब शहरीकरण को रोककर लोगों को मौजूदा आवासों की सुविधा उपलब्ध कराए।

पत्रकार वार्ता में मौजूद नागरिकों ने जब उनसे सवाल किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नगरीय विकास मंंत्री जयवर्धन सिंह किन माफिया ताकतों के इशारे पर ये मास्टर प्लान लागू कर रहे थे तो उन्होंने कहा कि कई अन्य ताकतें भी शहरी विकास की आड़ में अपना उल्लू सीधा करना चाह रहीं हैं। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के इशारे पर कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के कई शहरों में एक साथ मास्टर प्लान लागू करके गांवों से लोगों को खदेड़ने की तैयारी की थी,सरकार के अवसान के बाद ये स्थितियां बदल गईं हैं। इस स्थिति में शहरों और गांवों के समन्वित नियोजन की जरूरत महसूस की जा रही है। कोरोना के कहर के बाद तो इस योजना की प्रासंगिकता कई सवालों से घिर गई है।

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