महामहिम ने निकाली कमलनाथ की झूठी हेकड़ी

भोपाल,15मार्च(प्रेस सूचना केन्द्र)। प्रदेश में बगावत के बाद अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार की सारी हेकड़ी राज्यपाल महामहिम ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में ही निकाल दी है।उन्होंने कहा है कि विधायकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आपकी सरकार अल्पमत में आ चुकी है इसलिए राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद आप सदन में विश्वासमत हासिल करें। यह कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को शुरु होगी और स्थगित,विलंबित या निलंबित नहीं की जा सकेगी।

महामहिम लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 14 मार्च को लिखे पत्र में कहा है कि आपकी सरकार के 22 विधायकों ने अपने पद त्याग की सूचना विभिन्न माध्यमों से दी है। छह मंत्रियों के इस्तीफे विधानसभा ने भी मंजूर कर दिए हैं। ये स्थिति अत्यंत गंभीर है इसलिए प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आप सदन में विश्वास मत हासिल करें।

कांग्रेस के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाने के बाद कांग्रेस के ही 22 सांसदों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वे विधायक बैंगलूरु के एक रिसार्ट में रह रहे हैं और वीडियो के माध्यम से उन्होंने पद त्याग की सूचना सार्वजनिक की है। कांग्रेस के कई अन्य मंत्रियों ने भी सुरक्षा की मांग करके सरकार के कामकाज के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। इस्तीफा दे चुके जनसंपर्क मंत्री ने आज प्रेसवार्ता के माध्यम से आरोप लगाया कि कांग्रेस के 16 विधायकों को भाजपा ने बंदूक की नोंक पर बंधक बना रखा है। उन विधायकों पर सम्मोहित करने वाला जादू टोना किया गया है।

इसी के साथ उन्होंने कैबिनेट बैठक में करोना वायरस के कहर की भी चर्चा का उल्लेख किया। कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि होटल में ठहरे दो विधायकों में करोना वायरस से प्रभावित होने के लक्षण मिले हैं इसलिए वे सदन की कार्यवाही थोड़े दिनों के लिए स्थगित करने की मांग करेंगे। कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के कई पूर्व मंत्रियों ने दावा किया कि कमलनाथ सरकार सदन में विश्वासमत हासिल कर लेगी। इन बड़बोले नेताओं ने खोखले दावे करते हुए कहा कि सरकार न केवल पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी बल्कि एक और बार सत्ता में आएगी।

विकास की डींगें हांकते मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके मंत्रियों की सारी हेकड़ी राज्यपाल लालजी टंडन के इस पत्र से आज निकल गई है। पूर्व वित्तमंत्री तरुण भानोट तो इसके बाद कहते सुने गए कि हमने किसानों के दो लाख तक के कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था किसी भी प्रकार के ऋण माफ करने का वादा हमने कभी किया ही नहीं। इसी तरह अन्य वादों की असफलताओं को लेकर पूर्व मंत्रियों ने दबे स्वरों में स्वीकार किया कि सरकार की कई नीतियां अपेक्षाकृत रूप से सफल नहीं हो पाईं हैं। सरकार की नीतियों की असफलता की वजह से ही कांग्रेस के भीतर असंतोष फूटा और उनकी सरकार आज विदाई की दहलीज पर पहुंच गई है। हम मुख्यमंत्री कमलनाथ को उद्योगपति के रूप में प्रचारित किए जाने वाले वादों से प्रभावित हो गए थे जबकि सत्ता में आने के बाद वे सरकारी तंत्र और व्यापारियों की लूट के हथकंडे अपनाते देखे गए।

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