Category: दुनिया एक बाजार

  • उद्यमियों का सफल मंच बना राष्ट्रीय स्वदेशी मेला-किशन सूर्यवंशी

    उद्यमियों का सफल मंच बना राष्ट्रीय स्वदेशी मेला-किशन सूर्यवंशी


    भोपाल, 13 अप्रैल(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। राजधानी के बिट्टन मैदान पर 7 से 13 अप्रैल तक आयोजित राष्ट्रीय स्वदेशी मेला का आज विधिवत समापन हो गया।मेले के भव्य आयोजन के स्वरूप को देखते हुए नगर पालिक निगम के सभापति किशन सूर्यवंशी ने कहा कि ये आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता का बुलंद उद्घोष है।ये उद्यमियों को संबल देने वाला बड़ा मंच बनकर सामने आया है।

    राजेश पोरवालः स्वदेशी के विचार को देशव्यापी बनाने में उल्लेखनीय योगदान.


    अखिल भारतीय स्वदेशी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश पोरवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्न को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव ने जिस तरह मेले के आयोजन को सफल बनाने के लिए आशीर्वाद दिया उससे नागरिकों की जन भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने मेले के समापन अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित नगर निगम सभापति किशन सूर्यवंशी का हार्दिक अभिनंदन किया। श्री सूर्यवंशी ने मेले का भ्रमण किया और देश भर से आए शिल्प कलाकारों की सफलता की कहानियां भी सुनीं। उन्होंने बताया कि जिस तरह युवा उद्यमियों ने अपनी कला अभिरुचि को व्यावसायिक तौर पर प्रस्तुत किया है उसे देखकर कहा जा सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में जन भागीदारी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव ने राज्य की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जो उपाय किए हैं उनमें इस तरह के मेलों के आयोजन से युवाओं को ज्यादा अवसर मिल रहे हैं।


    भारत सरकार के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय के प्रतिनिधि चेतन कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मंत्रालय ने उद्यमियों के लिए कई फ्लैगशिप योजनाएं चलाई हैं। उद्यमियों को आर्थिक सहयोग प्रदान करके राष्ट्र के विकास सूचकांक को बढ़ाने में मदद मिली है। इस मेले में भी विभाग ने सक्रिय सहयोग करके युवाओं का मार्गदर्शन किया है।राज्य सरकार ने जिस तरह आगे बढ़कर उद्यमियों को अवसर उपलब्ध कराया उससे मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली है.


    अखिल भारतीय स्वदेशी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश पोरवाल ने बताया कि महावीर जयंती तक मेले की सूचना राजधानी के दूरदराज के इलाकों तक पहुंच चुकी थी। इससे दस अप्रैल से मेला स्थल पर खासा जमघट लगने लगा था। छुट्टी के दिनों में तो मेले में पहुंचे नागरिकों ने भरपूर खरीददारी की। मेला स्थल पर वाहन पार्किंग, पेयजल, बैठक व्यवस्था, प्रकाश संयोजन और व्यंजनों की सुविधा और बच्चों के लिए खेल जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराईं गईँ थीं जिसका लोगों ने भरपूर आनंद लिया। मेले के संचालक प्रणम्य अग्रवाल ने सभी सहयोगियों और नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

  • एमपी में उद्यमियों को नहीं झेलना पड़ेगा सत्ता की दलाली का बोझ

    एमपी में उद्यमियों को नहीं झेलना पड़ेगा सत्ता की दलाली का बोझ


    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की सत्ता संभालते ही गुजरातियों के व्यापारिक सोच से पूरे देश को रोशन करने का अभियान चलाया हुआ है। भारत ही नहीं बल्कि वे पूरे देश में अपने इसी सोच की वजह से वे आज आकर्षण का केन्द्र बन गए हैं। भोपाल में जब ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन तय किया गया तभी से पूरी दुनिया के भारत मित्रों की निगाह देश के दिल की ओर लगी हुईं थीं। फ्रांस,जर्मनी, अमेरिका समेत विश्व के तमाम देशों में जाकर प्रधानमंत्री ने निवेशकों को भारत आने का न्यौता दिया है। यही वजह है कि एमपी आज निवेशकों के लिए एक प्रमुख डेस्टिनेशन बनकर सामने आया है। उद्योग अनुकूल माहौल बनाने के लिए भाजपा ने लगभग दो दशक पहले आधारभूत ढांचे को विकसित करने पर जोर दिया था। बिजली, सड़क और पानी की मूलभूत जरूरतें पूरी करने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना, जल नल योजना जैसी तमाम योजनाओं ने एमपी के इंफ्रास्टक्चर को मजबूती प्रदान की है। आज प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह बदली हुई नजर आती है। कल्याणकारी हितग्राही मूलक योजनाओं से यहां के आम नागरिक की खरीद क्षमता भी बढ़ी है जिससे राज्य आज एक सफल बाजार के रूप में उभरकर सामने आया है। इस सबसे अलग जो बात आज श्री मोदी ने इंवेस्टर्स समिट में आए निवेशकों को समझाने का प्रयास किया वो यह कि देश का दिल आज निवेशकों को मुनाफे की गारंटी वाला राज्य बन गया है।


    इसके लिए हमें दो दशक पहले मध्यप्रदेश पर गौर करना होगा। तब राज्य में न तो सड़कें थीं, न बिजली पानी की मूलभूत व्यवस्थाएं थीं। कांग्रेस की सरकारों ने राज्य में लूटपाट का माहौल बना रखा था। वोट बटोरने के लिए तुष्टिकरण और जनता को बरगलाने के लिए उद्योगपतियों, व्यापारियों, सेठों को खलनायक बताने की राजनीति की जाती थी। शोषण की कहानियां सुनाकर कांग्रेस के नेता लोगों को बरगलाते थे। व्यापारियों और उद्योगपतियों को चोर व शोषक बताया जाता था। उनकी पैरवी करने वाली भाजपा को व्यापारियों की पार्टी बताकर लांछित किया जाता था। चंबल में डकैतों का आतंक इतना गहरा था कि लोग शाम के वक्त घरों से बाहर नहीं निकलते थे। उन्हीं डकैतों की कहानियां दिखाकर मुंबई की फिल्म नगरी कांग्रेस की जीवनरेखा बनी हुई थी। मीडिया की अपराध कथाएं भी उद्यमियों को कलंकित करती होती थीं। यही वजह है कि न तो यहां उद्योग विकसित हो पाए और न ही पूंजी का निर्माण हो पाया । आर्थिक रूप से बुरी तरह टूट चुका मध्यप्रदेश एक दुःस्वप्न बनकर रह गया था।


    बदले माहौल में आज इन्हीं पिछड़ेपन की नीतियों को मार भगाया गया है। लगभग दो दशकों की भाजपा की सरकारों ने पहले डकैतों, माफियाओं, ठगों और षड़यंत्र कारियों के विरुद्ध अभियान चलाया। अब वह सत्ता के दलालों को मार भगाने में जुटी हुई है। शिवराज सिंह की भाजपा सरकार ने आधारभूत ढांचे को तो विकसित किया लेकिन वह राज्य को सत्ता के दलालों से मुक्ति नहीं दिला पाई थी। डकैतों और माफियाओं ने जंगल छोड़ दिए लेकिन वे बस्तियों में आकर सेठ बन गए। राज्य की आय तो नहीं बढ़ी लेकिन कर्ज बढ़कर साढ़े तीन लाख करोड़ हो गया। चोरों मवालियों और ठगों ने अपनी आय बढ़ाई लेकिन वे न तो उद्योग स्थापित कर रहे थे और न ही उन्होंने अपनी काली कमाई का टैक्स चुकाया ।


    इस बार प्रदेश की जनता ने जैसे ही भाजपा को एक बार फिर सत्ता सौंपी तो सबसे पहले सत्ता के दलालों के आगे नतमस्तक नेताओं को सत्ता से बाहर किया और नई पीढ़ी को बागडोर सौंपी। डाक्टर मोहन यादव जैसे जमीनी नेता के हाथों कमान सौंपकर केन्द्र सरकार ने सत्ता के दलालों को घर बैठने का संदेश दिया। लाठी लेझम चलाने वाले पहलवान मोहन यादव हों या फिर वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा जैसे समर्पित राजनेताओं तो आगे लाकर उन्होंने जड़ हो चुकी राजनीति को एक खुला आसमान सौप दिया है। इसके साथ ही काला धन बटोरकर जिन राजनेताओं ने अपने चहेते व्यापारियों के माध्यम से निवेश किया और महाराजा बन बैठे उनसे काला धन भी निकलवाया जाने लगा है।इस सब कार्य के लिए मोहन यादव ने अफसरशाही को खुला अवसर दिया है।


    मुख्य सचिव के रूप में अनुराग जैन को भेजकर राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण बनाया गया है।जिन अफसरों के हाथों में आज राज्य की कमान है,योजनाओं को लागू करने की जवाबदारी है वे अपेक्षाकृत रूप से साफ सुथरे हैं। ये भी कहा जा सकता है कि अफसरशाही पर शिकंजा कसकर उसे औद्योगिक विकास के अनुकूल बनाया गया है। यही वजह है कि इस बार की इंवेस्टर समिट पिछले तमाम सम्मेलनों से अलग तस्वीर लेकर सामने आई है। निवेशकों की परख के लिए राज्य की पूरी जानकारी डिजिटल कर दी गई है। उनके आवेदनों की प्रक्रिया भी इतनी सरल कर दी गई है कि वे निवेश का प्रस्ताव देकर आसानी से अपना कारोबार शुरु कर सकते हैं।दुनिया के बहुराष्ट्रीय बैंकों में कार्य कर चुके भोपाल के ही युवा उद्यमी अंकेश मेहरा ने बताया कि उन्होंने अलान्ना ब्रांड नेम से राजधानी में एक स्टार्टअप शुरु किया है। उनका प्रोडक्ट होंठों की सुंदरता के लिए दुनिया का आधुनिकतम आविष्कार है। अपने माल को सस्ता और आम जनता की पहुंच का बनाने के लिए उन्हें कुछ पैकिंग मटेरियल आज भी चीन से बुलाना पड़ता है। जल्दी ही वे ये सामान भी भारत में बनाने लगेंगे। राज्य की औद्योगिक नीतियां उद्यमियों के लिए दोस्ताना हैं ।ये माहौल बना रहेगा तो राज्य जल्दी ही एक सफल स्टेट के रूप में अपना नाम रौशन करेगा।


    इसके पहले तक राज्य में एक कुप्रथा छाई हुई थी कि टेंडर किसी भी उद्यमी के नाम खुले उसे एक विशेष प्रजाति का साईलेंट पार्टनर रखना पड़ता था। कांग्रेस के आपराधिक चरित्र वाले मुख्यमंत्रियों की चलाई इस प्रथा का पालन भाजपा की सरकारें भी दो दशक तक करती रहीं।इसका सबसे बड़ा नुक्सान ये होता था कि निवेशक यदि गुणवत्ता का कार्य करे और कम मुनाफा ले तब भी उसे सत्ता के दलालों को मुनाफे का कट देना पड़ता था। सत्ता का पेट भरते भरते उसे यहां कारोबार करना घाटे का सौदा बन जाता था और वो यहां की परंपराओं से घबराकर निवेश से पीछे हट जाता था। पहली बार डाक्टर मोहन यादव की सरकार ने निवेशकों को सत्ता के दलालों के भय से मुक्ति दिलाकर स्वच्छंद वातावरण मुहैया कराया है। यही वजह है कि राज्य में निवेशकों ने धड़ाधड़ निवेश शुरु कर दिया है।


    लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस नीरज मंडलोई ने बताया कि इंवेस्टर्स समिट की सफलता का आलम ये है कि आज पहले दिन ही उनके विभाग को लगभग ढाई सौ करोड़ रुपयों के निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं। कल तक ये आंकडा़ नया रिकार्ड स्थापित करेगा। इसी तरह एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि उद्यमियों में जो उत्साह देखने मिल रहा है वह अद्वितीय है। हमें अब तक के अनुभवों और निरंतर संवाद का लाभ भी मिला है। ये बात सही है कि राज्य में कई मूलभूत बदलाव हुए हैं लेकिन अब तक भाजपा के कई स्थानीय नेता भी इस बदलाव को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के नेताओं के नाम पर भड़काया जा रहा है। अब तक जो हुआ सो हुआ पर जीआईएस के आयोजन की सफलता की जो तस्वीर उभरी है वह मध्यप्रदेश और देश में मेक इन इंडिया का एक सफल माडल दुनिया के सामने लाने में सफल हुई है।

  • भयमुक्त मध्यप्रदेश में अब निवेशकों को मुनाफे की गारंटी बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

    भयमुक्त मध्यप्रदेश में अब निवेशकों को मुनाफे की गारंटी बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

    भोपाल,24 फरवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत के उद्देश्य से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई दी। प्रधामनंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए आशान्वित है। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता को सिद्ध किया है, जिसके परिणाम स्वरूप सम्पूर्ण विश्व भारत पर विश्वास प्रकट कर रहा है। प्रधामनंत्री श्री मोदी ने कहा कि यही विश्वास हम मध्यप्रदेश में अनुभव कर रहे हैं। मध्यप्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का पांचवां बड़ा राज्य है, कृषि और खनन में अग्रणी है, इसके साथ ही राज्य को माँ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। देश में हो रहे अधोसंरचना विकास का लाभ मध्यप्रदेश को मिला है, दिल्ली, मुम्बई नेशनल हाईवे का बड़ा भाग मध्यप्रदेश से निकलता है, प्रदेश में पाँच लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क है और लॉजिस्टिक्स की यहाँ अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। मध्यप्रदेश में हर वो क्षमता है, जो इसे देश के शीर्ष पाँच राज्यों में ला सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने के लिए बधाई दी।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रिमोर्ट का बटन दबाकर प्रदेश में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए लागू 18 नवीन नीतियों का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश उद्योग नीति 2025, एमएसएमई नीति, एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, स्टार्टअप नीति, मध्यप्रदेश एनीमेशन, वीआर, गैमिंग कामिक्स और विस्तारित रियलिटि नीति, जीसीसी नीति, सेमी कंडक्टर नीति, ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति, फिल्म पर्यटन नीति, पर्यटन नीति, पम्पड हाइड्रो स्टोरेज नीति, सिटी गैस डिस्टिब्यूशन नीति, विमानन नीति, नवकरणीय ऊर्जा नीति, स्वास्थ निवेश प्रोत्साहन नीति और एकीकृत टाउनशिप नीति शामिल हैं।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समिट में पधारे उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यहां 300 से अधिक इंडस्ट्री जोन हैं और निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में 31 हजार मेगावॉट सरप्लस एनर्जी है, जिसमें 30 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी है। कुछ दिन पहले ही ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ हुआ है। एनर्जी सेक्टर में आए बूम का मध्यप्रदेश को लाभ मिला है। हाल ही में 45 हजार करोड़ रूपए लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी गई, जिससे 10 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी, परिणामस्वरूप प्रदेश में कपड़ा उद्योग और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर बढ़ेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश को देश का कॉटन कैपिटल बताते हुए कहा कि कपड़ा उद्योग और कॉटन सप्लाई में मध्यप्रदेश, देश का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां का मलबरी सिल्क और चंदेरी साड़ियां भी बहुत पसंद की जाती हैं। देश में बन रहे सात बड़े टेक्सटाइल पार्क में से एक मध्यप्रदेश में है। देश के टूरिज्म सेक्टर में मध्यप्रदेश अजब भी है और गजब भी है। नर्मदा के किनारे पर्यटन का पर्याप्त विकास हुआ है। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि दो दशक पहले लोग मध्यप्रदेश में निवेश करने से डरते थे। जिस प्रदेश में बसें ठीक से नहीं चल पाती थीं, वह राज्य अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक प्रदेश में दो लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, जो दर्शाता है कि नए क्षेत्रों में भी मध्यप्रदेश निवेश आकर्षित कर रहा है। लीथियम बैटरी और न्यूक्लीयर एनर्जी में भी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। रानी कमलापति स्टेशन के चित्र सभी का मन मोह रहे हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। विमानन सेवा के लिए ग्वालियर और जबलपुर के एयरपोर्ट को विस्तार दिया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार प्रदेश की विकास दर को नई ऊँचाइयां देने के लिए निरंतर हरसंभव प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय है।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विश्व के सामान्यजन, विशेषज्ञ और संस्थाएं भारत की ओर आशा से देख रही हैं। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में ऐसे ही गतिशील अर्थव्यवस्था बना रहेगा। इसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था ने भारत को सौर ऊर्जा का श्रेष्ठ केन्द्र कहा है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक सप्लाई चैन के रूप में उभर रहा है। विश्व में यह मान्यता है कि भारत जो कहता है – वह करके दिखाता है। वैश्विक स्तर पर विद्यमान यह विचार निवेशकों का उत्साह बढ़ाने के पर्याप्त आधार हैं।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी आगामी वर्षों में देश के विकास को गति देंगे। मध्यप्रदेश सहित देश में मेडिकल टूरिज्म की अपार संभावनाए हैं। हेल्थ एंड वेलनेस क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार एमएसएमई सेक्टर को गति देने के लिए एमएसएमई केन्द्रित सप्लाई चैन को विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है और इस सेक्टर में कार्यरत उद्यमियों को प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। “ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस” को प्रोत्साहित करने के लिए कई अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया गया है। केन्द्रीय बजट में टैक्स स्लैब को रिस्ट्रक्चर किया गया है, रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरें घटाई हैं।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समिट में पधारे डेलीगेट्स से कहा कि वे मध्यप्रदेश आएं है तो उज्जैन के महाकाल महालोक के दर्शन कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें, यह उन्हें आलोकिक अनुभूति प्रदान करेगा।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जीआईएस के शुभारंभ कार्यक्रम में 15-20 मिनिट विलंब पहुंचने का कारण बताते हुए कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ कि आज 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा है। वीआईपी मूवमेंट होने से विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो, इस उद्देश्य से उन्होंने अपने शिड्यूल को पंद्रह मिनिट लेट कर दिया।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी का भोपाल में पहली बार हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पधारने पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंग वस्त्रम भेंट अभिवादन किया। आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्मृति चिन्ह के रूप में भोपाल की प्रसिद्ध जरी-जरदोजी कला से निर्मित महाकाल मंदिर का चित्र भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित दो दिवसीय समिट में देश-दुनिया के दिग्गज राजनेता, उद्योगपति और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सहभागिता कर रहे हैं।
    कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरते भारत पर केंद्रित लघु फिल्म “इंडिया ग्रोथ स्टोरी” का भी प्रदर्शन किया गया। प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं पर केंद्रित लघु फिल्म “मध्य प्रदेश-अनंत संभावनाएं” का प्रदर्शन किया गया।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर मध्यप्रदेश की अनोखी शिल्प कला और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते एमपी एक्सपीरियन्स जोन और एमपी प्वेलियन का अवलोकन किया। एक्सपीरियन्स ज़ोन के अंतर्गत इमर्सिव डिजिटल वॉकव्यू के रूप में प्रदेश की विरासत, प्रगति और आकांक्षाओं का प्रदर्शन किया गया है। इसके साथ ही सांस्कृति क्षेत्र के अंतर्गत इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां, डिजिटल स्टोरीटेलिंग और वर्चुअल रीयलिटी द्वारा राज्य के इतिहास, लोककथाएं, वास्तुशिल्प और जनजातीय परम्पराएं प्रदर्शित हैं। गांव के रूप में विकसित जोन में पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों, टैराकोटा कलाकृतियों के साथ ही “एक जिला-एक उत्पाद” के अंतर्गत जिलों के उत्पादों का प्रदर्शन भी किया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रदेश के प्रसिद्ध जनजातीय चित्रकारों द्वारा बनाई गई गौंड, भीली, और पिथौरा कलाकृतियों का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर लगाई गई औद्योगिक प्रदर्शनियों क्रमश: आटो शो, टेक्सटाइल एवं फैशन एक्सपो का भी अवलोकन किया।


    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सतत विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में नए कदम बढ़ाऐ जा रहे है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम ‘अनंत संभावनाएँ है, जो प्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। ‘अनंत संभावनाएँ’ केवल एक विचार नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में अवसरों की व्यापकता को दर्शाने वाला दृष्टिकोण है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” का मंत्र दिया, जिसमें यह संदेश समाहित है कि जब संभावनाओं के अनंत आकाश में हम साथ मिलकर आशा की ज्योत जलाते हैं, तो एक नहीं, बल्कि सभी के आंगन रोशन होते हैं और यही हमारी सनातन संस्कृति है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प समस्त भारतवासियों ने लिया है, हमारा लक्ष्य देश को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विकसित मध्यप्रदेश समस्त प्रदेशवासियों के साथ महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी अनुक्रम में राज्य सरकार अगले 05 वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।


    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक वर्ष पहले निवेश तथा औद्योगिक विकास की यात्रा मार्च 2024 में बाबा महाकाल के आशीर्वाद के साथ उज्जैन से शुरू हुई। इस यात्रा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ ही देश के प्रमुख शहरों में इंटरैक्टिव सेशंस आयोजित किए गए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यूके, जर्मनी एवं जापान में मध्यप्रदेश की विकास गाथा को प्रस्तुत किया गया और उद्योगपतियों से संवाद कर उनकी आवश्यकताओं एवं संभावित चुनौतियों को समझा तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया गया। सरल, निवेश अनुकूल एवं प्रासंगिक नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन, सरलीकृत व्यापार एवं बाधारहित व्यवसाय, सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाना और शासन में पारदर्शिता लाना हमारी उच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में निवेश के प्रयासों के लिए लगातार कार्य करने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2025 को “उद्योग एवं रोजगार वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।


    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योग एवं रोज़गार को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत 6 विभाग शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, खनिज विभाग, नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं एमएसएमई विभाग के अलग से समिट हो रहे हैं। किसी भी प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए 4 मूलभूत संसाधनों की आवश्यकता होती है, भूमि, जल, बिजली और कुशल कार्यबल। प्रदेश में सरप्लस बिजली है, भरपूर पानी है, विशाल लैंड बैंक है और कुशल मानव संसाधन है। यहां की कानून-व्यवस्था भी निवेश अनुकूल है। इसके साथ ही सरकार की प्रतिबद्धता प्रदेश में उद्योगों के विकास की है, जिससे उद्योग जगत के कार्य सरल, प्रभावी एवं त्वरित गति से चलें, नवीन निवेश के क्षेत्र का विकास हो और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल इकोसिस्टम तैयार हो।


    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सकल राज्य घरेलु उत्पाद (GSDP) में मध्यप्रदेश बड़े राज्यों की श्रेणी में सर्वाधिक वार्षिक विकास दर वाला राज्य है। पिछले 12 वर्षों में मध्यप्रदेश का सकल घरेलु उत्पाद लगभग 4 गुना हुआ है। मेगा फुटवेयर क्लस्टर (मुरैना), नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण (मोहासा-बावई) और पीएम मित्रा (MITRA) पार्क (धार) सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइसेस पार्क और 6 नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है। प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं। आगामी वर्ष में 13 नए औद्योगिक पार्क पूर्ण होंगे, जबकि 20 और औद्योगिक पार्कों की आधारशिला रखी जाएगी। राज्य में प्लग एंड प्ले सेंटर, सेमीकंडक्टर पार्क एवं नवीन आईटी पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, इससे प्रदेश में निवेश आकर्षित होगा और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा निवेशक भी हमारे लिए अतिथि है। सभी के लिए प्रदेश में अनंत संभावनाएं हैं। इन अनंत संभावनाओं को विकास में फलीभूत करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।


    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सहित पूरा देश आर्थिक प्रगति के नई युग में प्रवेश कर रहा है। राज्य सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता एवं महिलाओं को केंद्र में रखते हुए 4 मिशन आरंभ किए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश को विकास की राह पर अग्रसर करने के लिए केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की सौगात दी, जिससे मध्यप्रदेश में 41 लाख की आबादी को पेयजल सुविधा एवं लगभग 09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। मध्यप्रदेश बिजली के क्षेत्र में सरप्लस स्टेट है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश को विकसित और औद्योगिक मध्यप्रदेश’ बनाने की यात्रा शुरू हो चुकी है, प्रदेश एक बेहतर भविष्य को आकार दे रहा है। मध्यप्रदेश, देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में अग्रणी साबित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों को प्रदेश में आमंत्रित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सशक्त पारिवारिक भावना विद्यमान है। यहां की यह विशेषता है कि जो मध्यप्रदेश एक बार आता है, वह यहीं का होकर रह जाता है।


    प्रधानमंत्री श्री मोदी की उपस्थिति में विभिन्न उद्योगपतियों और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के संचालन और गतिविधियों के विस्तार के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। इसके अंतर्गत अडाणी ग्रुप के चेयरमेन श्री गौतम अडाणी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। अडाणी ग्रुप मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रूपए का निवेश कर चुका है। भविष्य में उनके समूह की एक लाख 10 हजार करोड़ रूपए की योजना है। यह निवेश सीमेंट, खनन और ऊर्जा क्षेत्र में होगा, इससे वर्ष 2030 तक एक लाख 20 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के साथ मल्टी स्मार्ट सिटी और एयरपोर्ट सिटी के निर्माण के लिए भी उनका समूह चर्चा कर रहा है।


    प्रदेश में निवेश के संबंध में अवाडा ग्रुप के चेयरमेन श्री विनीत मित्तल ने कहा कि उनके समूह की प्रदेश में 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश से सोलर-विंड पॉवर प्रोजेक्ट स्थापना की योजना है। आईटीसी ग्रुप के श्री संजीव पुरी ने मध्यप्रदेश को कृषि क्षेत्र का पॉवर हाऊस बताया। गोदरेज समूह के श्री नादिर गोदरेज ने कहा कि प्रदेश में जारी विकास प्रक्रिया से यहां निवेश करना बुद्धिमानी है। सागर ग्रुप के श्री सुधीर अग्रवाल और शक्ति पम्पस के श्री दिनेश पाटीदार ने भी प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के संचालन संबंधी अपने अनुभव साझा किए। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी निवेशक, वैश्विक औद्योगिक संगठन, राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत औद्योगिक घरानें, उद्योग संघों के प्रतिनिधि, उद्यमी तथा व्यवसायी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

  • ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से दुनिया के नक्शे पर आया एमपी

    ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से दुनिया के नक्शे पर आया एमपी

    भोपाल, 22 फरवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 24-25 फरवरी को आयोजित हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 से पहले भोपाल के अलग-अलग स्थानों पर की जा रही तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने जीआईएस की तैयारियों में लगे अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। रविवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश आयेंगे। उनका आगमन समस्त प्रदेशवासियों के लिए एक गौरवशाली क्षण है। हम प्रधानमंत्री श्री मोदी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सालों के बाद ऐसा अवसर आया है कि प्रधानमंत्री भोपाल में ही रात्रि विश्राम करेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए हर स्तर पर व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी भोपाल में निर्वाचित जनप्रिनिधियों एवं शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक लेंगे।

    जीआईएस-2025 की तैयारियों के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मध्यप्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इसमें देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपति एवं निवेशक शामिल होंगे, जिनका आत्मीय आतिथ्य-सत्कार किया जाएगा। हम न केवल उन्हें निवेश के सभी अवसर प्रदान करेंगे, बल्कि उनका विश्वास भी जीतने का प्रयास करेंगे।

    भोपाल जीआईएस में बनेगा रिकॉर्ड

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उम्मीद जताई है कि भोपाल जीआईएस-2025 एक नया कीर्तिमान स्थापित करेंगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इस प्रकार के बड़े आयोजनों के लिए आगे भी प्रयास कि जाएंगे। मध्यप्रदेश देश में नंबर-1 बने इस दिशा में एक अभिनव प्रयास भोपाल में हो रहा है। सरकार ने संभाग स्तर पर सफलतापूर्वक रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर प्रदेशभर में औद्योगिकीकरण एवं निवेश लाने की शुरुआत की है। अब हमारी सरकार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को जिला स्तर तक लेकर जायेगी, जिससे हर जिले, हर ब्लॉक के औद्योगिक विकास को भी और अधिक गति मिलेगी।

  • अफसरों ने थामी ग्लोबल इंवेस्टर समिट की कमान

    अफसरों ने थामी ग्लोबल इंवेस्टर समिट की कमान


    भोपाल, 20 फरवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर) । राजधानी में होने जा रही ग्लोबल इंवेस्टर समिट के माध्यम से प्रदेश में औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज करने के लिए आज राज्य मंत्रालय में आला अफसरों ने एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में आयोजन की तैयारियों और औद्योगिक विकास की आधारशिला बनाने की रणनीति पर कार्य किया गया। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने भोपाल में आयोजित होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को सार्थक बनाने के लिए अफसरों ने कई जमीनी उपायों पर अमल शुरु कर दिया है।

    उन्होंने कलेक्टर भोपाल एवं पुलिस-कमिश्नर को निर्देशित किया कि जीआईएस के दौरान होने वाली परीक्षाओं में कोई अवरोध नहीं हो। इसका विशेष ध्यान रखा जाये, कोई भी विद्यार्थी परीक्षा केंद्र तक जाने से वंचित न रह जाये।
    मुख्य सचिव श्री जैन ने यातायात व्यवस्था, पार्किंग, ई-बस, ई-कार्ड, बैठक व्यवस्था, होटल, स्वास्थ्य, मेहमानों के भोजन, आकस्मिक प्लान, प्रधानमंत्री की आगमन-प्रस्थान व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त कर निर्देशित किया कि सभी अधिकारी अपने दायित्वों को समझकर निर्वहन करें। टीम वर्क के साथ कार्य करें जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास में वृद्धि हो सके।
    बैठक में स्वास्थ्य, नवकरणीय ऊर्जा, नगरीय प्रशासन, कौशल विकास, उद्यानिकी, खनिज साधन, पर्यटन एवं एमएसएमई विभागों ने प्रेजेंटेशन देकर अपनी तैयारियों की जानकारी दी।
    बैठक्‍में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, श्री अशोक बर्णवाल, श्री मनु श्रीवास्तव, श्री अनुपम राजन, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ल, श्री उमाकांत उमराव, श्री राघवेन्द्र सिंह सचिव, श्री सुदाम पी. खाड़े, श्री एम. रघुराज कलेक्टर भोपाल एवं पुलिस कमिश्नर उपस्थित थे।

  • बेहिचक तय कीजिए बीड़ी कारोबार का कार्पोरेटीकरण

    बेहिचक तय कीजिए बीड़ी कारोबार का कार्पोरेटीकरण

    -आलोक सिंघई-

    पिछले 36 सालों से बीड़ी उद्योग के कथित सहकारीकरण और सुधारों ने राज्य के लाखों मजदूरों को लाचार बना दिया है ।जिन मजदूरों को साल भर बीड़ी बनाने का रोजगार मिलता था वह लगभग समाप्त हो गया है। राज्य को अपने श्रमबल से होने वाली आय समाप्त हो चुकी है। तंबाखू की खपत सिगरेट और गुटखे से जारी है अंग्रेजों की बनाई आईटीसी कंपनी अपनी सिगरेट बेचकर मुनाफा कमा रही है ।  तेंदूपत्ता मजदूरों को बोनस बांटने का शिगूफा छेड़कर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और उसके बाद उनके अनुचरों ने सरकारों में शामिल होकर बीड़ी मजदूरों के साथ जो छल किया उसके पटाक्षेप का समय अब नजदीक आ गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आते ही जीरो बैलैंस वाले  बैंक खाते खुलवाकर गरीब श्रमिकों को पहली बार बैंकों की चौखट तक पहुंचाया था। अब श्रमिकों के पंजीयन के बाद पीएफ खाते खोलकर मजदूरों का भविष्य सुरक्षित बनाने का प्रयास जारी है। राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के मुताबिक देश में रोजगार की संख्या बढ़ी है,ऐसे में मध्यप्रदेश की डाक्टर मोहन यादव सरकार ने सागर में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करके बीड़ी उद्योग को प्रबंधित करने का जो मन बनाया है वह तारीफ के काबिल लगता है।

             तमाम प्रयासों के बावजूद लोगों में धूम्रपान की लत बरकार है । भारत के साथ पाकिस्तान, श्रीलंका,नेपाल, म्यांमार, जैसे कई पडौसी देश भी लोगों की धूम्रपान की जरूरतों को पूरी करने के लिए अपना बाजार खोले बैठे हैं । ऐसे में बीड़ी हमेशा से सिगरेट की राह में अडंगा बनी हुई है । मध्यप्रदेश इस मायने में सौभाग्यशाली है  कि इसके जंगलों में तेंदूपत्ता बहुतायत से पाया जाता है। कथित सहकारीकरण के पहले राज्य के जंगलों से लगभग अस्सी लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता तोड़ा जाता था। जब से लघुवनोपज संघ ने ये काम संभाला तबसे तेंदूपत्ते के संग्रहण में लगातार गिरवट आती रही है । आज संघ का संग्रहण लक्ष्य ही  16 लाख मानक बोरा बचा है । जंगलों का रखरखाव घटने से तेंदूपत्ते की गुणवत्ता भी धराशायी  गई है। ये सारा षड़यंत्र कथित तौर पर आईटीसी कंपनी की छोटी सिगरेट को लाभ पहुंचाने की मंशा से रचा गया था।

         स्वर्गीय अर्जुन सिंह जब खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे थे तब उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लुटियन गेंग को खुश करने के लिए छोटी सिगरेट का मार्ग प्रशस्त किया था।कांग्रेस के ही उनके करीबी बताते हैं कि कंपनी ने उन्हें अपना पार्टनर बना लिया था।ऐसे में राज्य को अपना कारोबार गंवाने की मंहगी कीमत चुकानी पड़ी। उनके बाद आए तमाम मुख्यमंत्रियों ने इस बर्रों के छत्ते में हाथ नहीं डाला। दिग्विजय सिंह जैसे पुतला पूजने वाले शासक हों या फिर शिवराज सिंह जैसी लंबी पारी खेलने वाले मुख्यमंत्री सभी साहब की लाबी का हाथ पकड़कर चलते रहे। अर्जुन सिंह से उपकृत स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा हों या उनकी भजन मंडली के बाबूलाल गौर, कैलाश नारायण सारंग सभी ने सिगरेट की राह में अड़ंगा न लगाने की परिपाटी जारी रखी।बाद में तो विश्वास सारंग पर लघु वनोपज संघ में खुद को श्रमिक के तौर पर पंजीकृत करवाने का आरोप भी लगा।  शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों की तो क्या बिसात थी कि वे कोई स्वतंत्र फैसला ले सकते। उनके मंत्रिमंडल में  शामिल रहे पंडित गोपाल भार्गव ने दिग्विजय सिंह सरकार के सामने खूब उछलकूद मचाई और बीड़ी कारोबार को व्यवस्थित करने की नौटंकी भी की। दिग्विजय सिंह ने उन्हें बीड़ी कारोबार के अध्ययन के लिए कई राज्यों की सैर भी कराई इसके बाद वे भी सिगरेट लाबी की गोदी में जाकर बैठ गए। सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपना मुंह बंद रखा। अब जबकि रोजगार के साधन बढ़ाने की मुहिम देश भर में चलाई जा रही है तब वे आगे आकर बीड़ी उद्योग की पुरानी सूरत लौटाने की आवाज उठाने लगे हैं।

            जब अर्जुनसिंह जी इस कारोबार को लपेटना चाह रहे थे  तब उनके वामपंथी सहयोगियों और मजदूर नेताओं ने खूब शोरगुल मचाया कि बीड़ी मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। उन्हें ज्यादा मजदूरी मिलनी चाहिए। इस शोरगुल में उन्होंने बीड़ी मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ा दी और तेंदूपत्ते के राष्ट्रीयकरण की आड़ में लघु वनोपज संघ के माध्यम से तेंदूपत्ते का कारोबार भी छीन लिया। कहा गया कि इस तेंदूपत्ते को बेचकर राज्य की आय बढ़ाई जाएगी और पत्ता संग्राहकों को बोनस भी बांटा जाएगा। तबसे लेकर हर साल बोनस बांटने की नौटंकी की जाती रही है। जब पत्ता एक्सपोर्ट होने लगा तो जिस बीड़ी मजदूर को साल भर रोजगार मिलता था वो छिन गया। मजदूरी बढ़ने से बीड़ी कारोबार की कमर टूट गई और यह धंधा पश्चिम बंगाल पहुंच गया।

           बीड़ी सेठ तो मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष भी हुआ करते थे लेकिन अर्जुन सिंह के सामने उनकी एक न चली। बीड़ी श्रमिकों के नेताओं ने शोषण और अत्याचारों की ऐसी कहानियां गढ़ीं और सुनाईं कि बीड़ी कारोबारियों को खलनायक बना दिया गया। जिन परिवारों ने अपनी पीढ़ियों की साधना के बल पर गांव गांव में अपनी शाखाएं खोलीं और सट्टेदार स्थापित करके बीड़ी बनवाने व उसे एक्सपोर्ट करने का कारोबार विकसित किया वह शनैःशनैः धराशायी हो गया। बेशक बीड़ी कारोबारियों के कई सट्टेदार शोषण करके बीड़ी छांट देते थे और इस छंटी हुई बीड़ी की मजदूरी काट लेते थे। इस बीड़ी को बाद में नकली लेवल लगाकर बाजार में पिछले दरवाजे से बेच दिया जाता था। शोषण के कई तरीके विकसित किए गए थे लेकिन उन्हें पूरी शह सरकारी तंत्र की थी। रिश्वत लेकर सरकारी अमला मजदूरों के शोषण की राह प्रशस्त करता रहा और मुनाफा कूटता रहा। निश्चित तौर पर शोषण रोकना सरकार की जवाबदारी थी। तब आनलाईन खातों की व्यवस्था भी नहीं थी। मजदूरी नकद दी जाती थी। ऐसे में मजदूरों खासतौर पर महिलाओं का शोषण भी आम था। इन्हें रोकने की सख्ती करने के बजाए फैक्टरी की सिगरेट बाजार में उतारकर पूरा कारोबार धराशायी कर दिया गया।

            आज जब सभी धंधों के कार्पोरेटीकरण से निजीकरण की सीमाओं और सरकारीकरण की धूर्तताओं से अलग हटकर कारोबार को व्यवस्थित करने की सुविधा आ गई है। मजदूरी को व्यवस्थित करने की आनलाईन सुविधा आ गई है तब बीड़ी कारोबार पर नए संदर्भों में विचार किया जाना अनिवार्य हो गया है। सरकार जब एक क्लिक से किसान सम्मान निधि, लाड़ली बहना योजना जैसी बहुउद्देश्यीय योजनाएं सफलता पूर्वक चला रहीं हैं तब श्रमिकों को उनके खातों के साथ देश के पूंजी निर्माण में पार्टनर बनाना सरल हो गया है। बीड़ी कारोबार हो या असंगठित क्षेत्र का खेतीहर मजदूर सभी को आनलाईन प्लेटफार्म पर जोड़ना जरूरी है। मध्यप्रदेश से जो बीड़ी कारोबार पश्चिम बंगाल, या आंध्रप्रदेश शिफ्ट हो चुका  है उसे एक बार फिर राज्य में स्थापित करना चुनौतीपूर्ण कार्य  हो गया है।कथित सहकारीकरण का मॉडल फेल घोषित होने के बाद तो अब तय हो गया है कि बीडी़ का धंधे को कुचलकर राजनेताओं ने मजदूरों की रीढ़ तोड़ने का षडयंत्र किया था। बीड़ी कारोबारी परिवार से आए सागर के विधायक शैलैन्द्र जैन कहते हैं कि लंबी उपेक्षा के बाद तमाम बीड़ी कारोबारियों ने दूसरे धंधे शुरु कर दिए हैं और बीड़ी का कारोबार बंद कर दिया है ऐसे में इस कारोबार की पुरानी सूरत कैसै लौटाई जा सकती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सत्ता संभालते ही मिल श्रमिकों के कल्याण के लिए जो ठोस फैसले लिए थे उन्हें देखते हुए उम्मीद की जानी चाहिए कि खासतौर पर बुंदेलखंड के बीड़ी श्रमिकों के हित में भी वे बगैर किसी दबाव के फैसले ले सकेंगे। सागर में आयोजित इन्वेस्टर समिट में कम से कम यह एक ठोस फैसला लिए जाने की तो उम्मीद की ही जा सकती है।

  • दुनिया के दवा उद्योग में छलांग लगाने को तैयार है प्रदेश

    दुनिया के दवा उद्योग में छलांग लगाने को तैयार है प्रदेश

    भोपाल, 25 सितंबर (प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मध्यप्रदेश के फार्मा सेक्टर के युवाओं ने गुणवत्ता युक्त दवाओं के निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित करके प्रदेश का नाम रोशन किया है। राज्य में बनाई जा रहीं कई जीवन रक्षक दवाएं वैश्विक बाजारों में साख अर्जित कर रहीं हैं। प्रदेश सरकार ने फार्मा सेक्टर को मजबूती देने के लिए जो उपाय किए हैं उनके नतीजे मिलने शुरु हो गए हैं। जल्दी ही प्रदेश के फार्मेसिस्ट अपनी रचनाधर्मिता से राज्य को औषधि निर्माण,विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार मुहैया कराने में बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं। विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर एक विशेष मुलाकात में काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन ने इस क्षेत्र की कई बारीकियों की जानकारी दी।


    काउंसिल के अध्यक्ष संजय कुमार जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के समय में फार्मासिस्ट का औषधि निर्माण हॉस्पिटल मेडिकल स्टोर शोध कार्य एवं कई विधाओं में महत्वपूर्ण योगदान है। काउंसिल अपने मापदंडों के अनुरूप फार्मेसी के क्षेत्र में कार्य कर रही है और भविष्य में भी कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।इन्हें जल्दी लागू किया जाएगा।


    काउंसिल की सचिब एवं रजिस्ट्रार सुश्री दिव्या पटेल ने कहा कि काउंसिल के माध्यम से फार्मेसी के छात्रों को कम समय में फार्मेसी के रजिस्ट्रेशन प्रदान करने का प्रयास किए जा रहे हैं। काउंसिल के अध्यक्ष एवं सचिव ने विश्व फार्मेसी दिवस पर सभी को अपनी शुभकामनाएं प्रकट की।


    कार्यक्रम का संचालन एवं आभार काउंसिल के ही गोपाल यादव ने किया । उन्होंने बताया कि आए हुए आवेदनों पर सक्रियता से फैसले लिए जा रहे हैं।

  • सस्ती जेनरिक दवाएं अब हर जिले में उपलब्ध

    सस्ती जेनरिक दवाएं अब हर जिले में उपलब्ध

    भोपाल, 17 सितंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत 50 जिलों के जिला अस्पतालों में रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से मेडिकल स्टोर का शुभारंभ मध्य प्रदेश के राज्यपाल माननीय मंगू भाई पटेल एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कर कमलो से संपन्न हुआ
    कार्यक्रम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित किया गया।

    इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री माननीय राजेंद्र शुक्ल ,नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजय वर्गीय,श्रीमती कृष्णा गौर, विश्वास सारंग,विजय शाह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद बी डी शर्मा भी अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश शासन के मंत्री गण , सांसद , विधायक गण मध्य प्रदेश शासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित हुए।मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन ने इस अवसर पर भोपाल में जनऔषधि केन्द्र पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

    संजय जैनःमध्यप्रदेश राज्य फार्मेसी काऊंसिल, जनोपयोगी दवाओं के लिए फार्मासिस्टों का मार्गदर्शन कर रही है।


    मध्य प्रदेश शासन की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रमुख सचिव संदीप यादव भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के प्रदेश संयोजक संजय जैन ने बताया कि देश में मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य बन गया है जहां हर जिला अस्पताल में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना का मेडिकल स्टोर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी काऊंसिल ने सभी जन औषधि केन्द्रों पर प्रशिक्षित फार्मासिस्ट की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए काऊंसिल की पंजीयन प्रणाली में विशेष सुविधा का प्रावधान किया है। आम जनता को सस्ती दवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें इसके लिए काऊंसिल की तरफ से मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।नए फार्मासिस्टों को उन आवश्यक दवाओं की सूची उपलब्ध कराई जा रही है जिनके माध्यम से जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से जनता को सस्ती दवाएं दिलाकर राहत दिलाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को दवाओं की कालाबाजारी और मंहगी दवाओं के मकड़जाल से मुक्त कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र परियोजना शुरु की थी जिसके संकट में फंसे आम नागरिकों की आंखों में धूल झोंकने वाले दवा माफिया को नियंत्रण में करना सरल हो गया है।


    अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागरसिंह चौहान ने आज अलीराजपुर से स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने अलीराजपुर में जन औषधि केन्द्र का शुभारंभ भी किया।
    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जिले को जन औषधि केन्द्र का वर्चुअल शुभारंभ कर जिले को सौगात दी है। उन्होंने कहा कि औषधि केन्द्र के माध्यम से आम नागरिकों को 2000 हजार से अधिक उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां प्राप्त होगी और 300 से अधिक सर्जिकल उपकरण भी उपलब्ध होंगे जो गंभीर बीमारियों के उपचार में उपयोगी होंगे, जिनकी कीमत बाजार मूल्य से 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होगी।


    मंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की अनुपम सोच के कारण आज हर जरूरतमंद को कम कीमतों में दवा उपलब्ध होगी। निश्चित ही आदिवासी अंचलों के साथ- साथ शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी जन औषधि केंद्र का लाभ मिलेगा ।
    इस अवसर पर सांसद श्रीमती अनीता नागर सिंह चौहान, कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रखर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेन्द्र सुनहरे सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

  • हर जिला चिकित्सालय में खुलेगा  भारतीय जनऔषधि केन्द्र

    हर जिला चिकित्सालय में खुलेगा भारतीय जनऔषधि केन्द्र

    भोपाल,16 सितंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 17 सितम्बर से शुरू हो रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के पहले दिन सभी जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के संचालन का शुभारंभ करेंगे। यह कदम प्रदेश के नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण प्रयास है। चिकित्सालयों में जन औषधि केंद्र का शुभारम्भ, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

    राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन सेंटर में सुबह 10 बजे आयोजित होने वाले समारोह में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

    प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र परियोजना का शुभारंभ वर्ष 2008 में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था। वर्ष 2015 के बाद से इस योजना में और गति आयी। इसका उद्देश्य पूरे देश में सस्ती दवाइयों की पहुंच को व्यापक बनाना था। वर्तमान में इस परियोजना में देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग सस्ती जेनेरिक दवाओं का लाभ उठा सकें।

    वर्तमान में मध्य प्रदेश में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं, जो प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित हैं। ये केंद्र शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं, जिससे सभी नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इन केंद्रों के माध्यम से प्रतिदिन हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां खरीद रहे हैं। उनके मासिक चिकित्सा खर्चों में बड़ी बचत हो रही है। अब सभी ज़िला चिकित्सालयों में भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।

    सभी को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य है। मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% तक कम दाम पर दवाइयां उपलब्ध होंगी।

    ग्रामीण और शहरी परिवारों को सस्ती दवाइयां मिलेंगी। मासिक चिकित्सा खर्चों में बड़ी बचत होगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी।

    सस्ती और सुलभ दवाओं के माध्यम से लोग अपने उपचार को निरंतर जारी रख सकेंगे, जिससे स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होगा। विशेष रूप से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में यह केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे लोग ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करेंगे और सस्ती जेनेरिक दवाओं को अपनाएंगे।

    स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्रत्येक केंद्र के चालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी आवश्यक होंगे, जिससे राज्य में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

    प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र राज्य में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता किए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केंद्र प्रदेश के नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराकर उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।

    स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के पहले दिन इसी स्थान पर प्रात: 10:30 बजे प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में देश के 4 लाख आवासों का गृह प्रवेश कार्यक्रम होगा। इनमें मध्यप्रदेश के 51 हजार आवासों में गृह प्रवेश होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2-0 का शुभारंभ तथा पीएम स्वनिधि अंतर्गत पीआरएआईएसई अवार्ड वितरित किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास श्री कैलाश विजयवर्गीय मुख्य अतिथि होंगे। नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी अध्यक्षता करेंगी। भोपाल नगर पालिग निगम की महापौर श्रीमती मालती राय, नगर पालिग निगम भोपाल के परिषद अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

  • निवेशकों को भा गया मध्यप्रदेश बोले मुख्यमंत्री

    निवेशकों को भा गया मध्यप्रदेश बोले मुख्यमंत्री

    भोपाल,28 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर) मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्वालियर में हो रही इन्वेस्टर समिट में, अब तक हुई सभी इन्वेस्टर समिट से बेहतर परिणाम आने की उम्मीद है। क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न भागों में की जा रही इन्वेस्टर समिट के परिणाम प्रोत्साहित करने वाले हैं। उद्योग समूहों और निवेशकों ने मध्यप्रदेश सरकार पर भरोसा जताया हैं, राज्य सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतरने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन के लिए लागू की गई नीतियों और व्यवस्थाओं के प्रति उद्योगपति और निवेशक विश्वास व्यक्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल के परिसर में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में यह बात कही।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन्वेस्टर समिट प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के उद्योगपति भी अपनी गतिविधियों को विस्तार दें और प्रदेश के युवा अपने उद्यम आरंभ करें। राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है। राज्य सरकार ने उद्योग और उद्यमशीलता में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए आरंभ किये गये विशेष अभियान अंतर्गत गतिविधियां जारी है। समिट जीडीपी बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। समिट में शिक्षा, एमएसएमई, भारी उद्योग और कृषि अभियांत्रिकी सहित सभी सेक्टर को शामिल किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से वे अगले माह सितंबर में कोलकाता में रोड-शो करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 27-28 सितंबर को सागर और अक्टूबर में रीवा में भी इन्वेस्टर समिट होगी। प्रदेश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए नवंबर माह में उनकी विदेश यात्रा भी प्रस्तावित है।

  • फार्मा सेक्टर की समस्याओं का निराकरण शीघ्रःसंजय जैन

    फार्मा सेक्टर की समस्याओं का निराकरण शीघ्रःसंजय जैन


    भोपाल,15 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर).मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा है कि राज्य सरकार फार्मा उद्योग की मौजूदा जरूरतों और समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान रख रही है और जल्दी ही इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलने लगेंगी। स्वाधीनता दिवस आयोजन में राष्ट्रध्वज फहराने पहुंचे श्री संजय जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव भारत सरकार के आर्थिक सुधारों को तेजी से लागू कर रहे हैं जिससे जनता को राहत मिलेगी।


    मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल और भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन के परिसरों में झंडा वंदन के दौरान देशभक्ति के भाव से सराबोर उद्यमियों ने जोरदार नारे लगाकर राष्ट्र की आराधना की। श्री संजय जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह राजनीति को परिवार की बपौती बनाने वालों को चुनौती देने के लिए आम नागरिकों से राजनीति में आने का आव्हान कर रहे हैं उसी तरह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव सत्ता माफिया पर चोट करके प्रदेश की तरुणाई को मुख्य धारा में लाने का अभियान चला रहे है। देश नई करवट ले रहा है इसलिए मध्यप्रदेश में के दवा निर्माताओं और व्यापारियों के बीच संवाद स्थापित किया जा रहा है।उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री राजेन्द्र शुक्ल के माध्यम से प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा का केंद्र प्रारंभ करने के लिए एक प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। श्री शुक्ल ने फार्मेसी की पढ़ाई और प्रशिक्षण के लिए फार्मेसी काऊंसिल के माद्यम से देश और प्रदेश स्तर पर फार्मा सेक्टर को बल देने के लिए कई योजनाएं बनवाई हैंं। इसका लाभ नई पीढ़ी के फार्मासिस्टों को मिलेगा।


    उन्होंने कहा कि भारत के दवा उद्योग को वैश्विक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन मध्यप्रदेश के दवा निर्माता और व्यापारी आम जनता को कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के प्लेटफार्म पर भी मध्यप्रदेश में निर्मित दवाओं ने अपनी भागीदारी शुरु कर दी है। इस देशव्यापी नेटवर्क से हम राज्य और देश के लिए पूंजी निर्माण का अनुष्ठान कर रहे हैं. इसमें आम फार्मासिस्ट और दवा निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी है।


    श्री जैन ने कहा कि कुछ इलाकों में फार्मासिस्टों को पंजीयन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा है ।काऊंसिल ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार शुरु किए हैं। जल्दी ही आम फार्मासिस्टों को कई सुविधाएं घर बैठे पारदर्शी तरीके से मिलने लगेंगी।
    फार्मेसी काऊंसिल के झंडा वंदन कार्यक्रम में श्री संजय जैन के साथ काऊंसिल के उपाध्यक्ष श्री राजू चतुर्वेदी और फार्मेसी काऊंसिल की रजिस्ट्रार सुश्री माया अवस्थी ने भाग लिया। काऊंसिल के सभी कर्मचारी और अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


    भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन की ओर से आयोजित स्वाधीनता दिवस कार्यक्रम में वरिष्ठ व्यापारियों को सम्मानित किया गया। मप्र फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन ने लगभग पचहत्तर वर्ष से अधिक उम्र के केमिस्टों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र धाकड़, सचिव विवेक खंडेलवाल, अनिल कुमार जैन,राहुल नगाइच, सुहाग सिंह तोमर, अनिरुद्ध पारे, विक्रम शेरवानी, मनोज शर्मा, सुनील कुमार गुप्ता एवं दवा बाजार और राजधानी के दवा व्यापारी भी उपस्थित थे।

  • फार्मा उद्योग में क्रांतिकारी साबित होगी नई शिक्षा नीतिःसंजय जैन

    फार्मा उद्योग में क्रांतिकारी साबित होगी नई शिक्षा नीतिःसंजय जैन


    भोपाल,06 मार्च(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। पांच लाख करोड़ रुपयों की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा करने में भारत का फार्मा उद्योग बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से फार्मेसी की पढ़ाई में उद्योंगों की सीधी भागीदारी बढ़ाकर हम भारत और दुनिया के लिए बेहतर फार्मासिस्ट तैयार कर रहे हैं। मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष और फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया के सदस्य संजय जैन ने भोपाल के सैम कालेज आफ फार्मेसी की ओर से होटल रैडिसन में आयोजित सेमिनार में ये कहा। राष्ट्रीय फार्मेसी शिक्षण दिवस के अवसर पर आयोजित फार्मा अन्वेषण नामक इस विचार मंथन शिविर में उद्योगों से जुड़े अनेक वक्ताओं ने भी फार्मा सेक्टर को मजबूत बनाने के मंत्र सुझाए।
    सैम ग्लोबल विश्वविद्यालय की चांसलर प्रीति सलूजा, सैमं विश्विद्यालय के कुलगुरु डॉ.आर.के.रघुवंशी,मुख्य अतिथि के रूप में पधारे फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया की शिक्षा नियंत्रण समिति के चेयरमेन डॉ.दीपेन्द्र सिंह, सर हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर एस.के.जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सैम फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ.शैलेश जैन ने विषय का प्रवर्तन करते हुए नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद फार्मेसी के अध्ययन और अध्यापन में आ रहीं चुनौतियों की ओर सभी वक्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत में फार्मेसी की शिक्षा के जनक प्रोफेसर स्वर्गीय एम.एल. सराफ के चित्र पर दीप जलाकर सभी अतिथियों ने पुष्प अर्पित किए । सरस्वती पूजन के बाद उद्घाटन सत्र का शुभारंभ हुआ।
    मध्यप्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए नई शिक्षा नीति को लागू करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अब वे उज्जैन के नजदीक विकसित किए जा रहे सर्जिकल उपकरणों के विशेष औद्योगिक क्षेत्र के माध्यम से फार्मा सेक्टर को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मोंटू पटेल ने भारत सरकार से फार्मा उद्योग में आ रहीं अड़चनें दूर करवाने में बड़ी भूमिका निभाई है। आजादी के बाद उद्योग की जरूरतों के मद्देनजर कोई सहयोगी कानून नहीं थे। फार्मेसी एक्ट 1948 का बना हुआ था। अब संसद ने नए फार्मेसी अधिनियम को मंजूरी प्रदान कर दी है।
    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन औषधि के माध्यम से आम जनता को सस्ती और गुणवत्ता पूर्ण औषधियां उपलब्ध कराने की पहल की है। मध्यप्रदेश के एक युवा आकाश जी ने सभी जिलों में दवाईयों की सप्लाई की प्रणाली को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया है। पीथमपुरा में बन रहीं दवाईयां विदेशों को सप्लाई की जा रहीं हैं और देश की आय बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं। उन्होंने सैम विश्वविद्यालय और फार्मेसी कालेज के शिक्षकों और विद्यार्थियों को एक महत्व पूर्ण अनुष्ठान में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।
    फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया की शिक्षा समिति के अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने फार्मेसी शिक्षण की सामग्री को इतना सहज बना दिया है कि जो जानकारियां ढूंढ़ने में हमें कई दिन लग जाते थे अब वे जानकारियां चुटकियों में हासिल की जा सकती है। यही वजह है कि दवाईयां बनाने में कम समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का औषधि क्षेत्र पहले बहुत विकसित रहा है। हमारे विद्यार्थी शिक्षा पाने के लिए गुरुकुलों में जाते थे, जहां विद्यार्थी की अभिरुचि और क्षमता के अनुसार उसे काम दिया जाता था। नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद एक बार फिर शिक्षा का वही दौर लौटेगा। अब व्यावहारिक शिक्षा के लिए विद्यार्थी को शिक्षक से ज्ञान अर्जित करने में आसानी होगी। यह शैक्षणिक पद्धति विद्यार्थी को अपने विषय चयन करने और बदलने की आजादी देती है। इतने विशाल कैनवास पर अध्यापन होने से शिक्षण का कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण भी हो गया है।
    उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों के लिए दवाईयां बनानी होती हैं जो तनाव और बीमारियों से जूझ रहे हैं। जाहिर है इसके लिए हमें आम लोगों के मनोविज्ञान को भी समझना पड़ता है। हम शरीर के लिए उपयोगी रसायनों के साथ साथ संगीत और खुशबू से जुड़ी चिकित्सा विधियों के लिए भी दवाईयां बनाते हैं। पहले देश में फार्मेसी के चार कालेज हुआ करते थे अब लगभग सात हजार कालेज हैं। ऐसे में विद्यार्थी तो बहुत हैं लेकिन गुणवत्ता पूर्ण फार्मासिस्ट तैयार करना आज के फार्मा सेक्टर के लिए चुनौती बन गया है। श्री सिंह ने कहा कि फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया ने लगभग तीस बड़ी फार्मा कंपनियों से अनुबंध किया है ताकि वे उद्योगों के लिए जरूरी शैक्षणिक सामग्री और योग्य प्रशिक्षक उपलब्ध करवाकर अच्छे फार्मासिस्ट बनाने में अपना योगदान दे सकें।
    डॉ.सर हरिसिंह गौर विवि के फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर एस.के.जैन ने कहा कि हम फार्मा सेक्टर के अनुसंधान कर्ताओं और सफल फार्मासिस्टों के माध्यम से बेहतर फार्मासिस्ट तैयार कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति ने जिस व्यापकता के साथ पाठ्यक्रमों को लचीला बनाया है उससे विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुरूप काम चुनने की आजादी मिलने लगी है। सैम यूनिवर्सिटी जैसे कई विश्वविद्यालय फार्मेसी के शिक्षण को गुणवत्ता प्रदान कर रहे हैं उससे आने वाले समय में हमारा देश फार्मा सेक्टर का पुरोधा बन जाएगा।
    सैम विश्वविद्यालय की चांसलर इंजी.प्रीति सलूजा ने कहा कि पीसीआई ने सैम फार्मेसी कालेज को देश के फार्मेसी शिक्षण के लिए पाठ्यक्रम अनुसंधान का अवसर दिया है इसके लिए हम उनके प्रति आभारी हैं। श्री सिंह के साथ पीसीआई के सदस्य संजय जैन की पारखी निगाहों ने सैम कालेज को इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने के लिए अनुकूल पाया तभी हम देश के शैक्षणिक विकास में अपना योगदान दे पा रहे हैं। गौर विश्वविद्यालय सागर के प्रोफेसर एस.के.जैन के अनुभवी मार्गदर्शन से हम फार्मेसी शिक्षण के लिए महत्वपूर्ण साफ्टवेयर बनाने जा रहे हैं। भारत सरकार ने जिस खुलेपन की नीति पर अमल शुरु किया है उससे हमारे गांवों के प्रतिभाशाली बच्चे भी आगे आकर विश्व का नेतृत्व करने के लिए तैयार हो रहे हैं। जल्दी ही हमारे देश में पूरी दुनिया की जरूरतें पूरी करने वाली जेनरिक दवाईयां बनने लगेंगी। इससे हम मानवता के प्रमुख प्रहरी के रूप में सामने होंगे। हमारे फार्मासिस्ट नैतिक भी हैं और तकनीक से सुसज्जित उद्यमी के रूप में भी सामने आ रहे हैं।
    कार्यक्रम के पहले सत्र में सैम विवि की चांसलर इंजी. प्रीति सलूजा ने फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया केशिक्षा समिति के अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह को स्मृति चिन्ह और शाल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन को कुलगुरु आर.के.रघुवंशी ने शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। प्रोफेसर एस.के.जैन को सैम कालेज के प्राचार्य शैलेश जैन ने स्मृति चिन्ह, शाल और श्रीफल भेंटकर उनका अभिनंदन किया। दूसरे सत्र में सभी विशेषज्ञों और आमंत्रितों ने फार्मेसी के शिक्षण में आ रहीं चुनौतियों को दूर करने में अपने समाधान प्रस्तुत किए। इनमें पाठ्यक्रम की व्यापकता और व्यावहारिकता दोनों पर विमर्श किया गया।

  • समाजसेवा में अडंगा आए तो शीर्षासन कराते हैं बाबा रामदेव


    योगशिविर में आए पतंजलि आयुर्वेद के स्वामी परमार्थदेव गरजे


    भोपाल,09 जनवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। स्वामी बाबा रामदेव ने ऋषि मुनियों की देन भारतीय योग पद्धति को पुर्नजीवित करके समाजसेवा का सफल मॉडल खड़ा किया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आड़ में जिन लुटेरों ने इस अनुष्ठान में व्यवधान डालने की कोशिश की उन्हें पूज्य स्वामी जी ने शीर्षासन करा दिया। आज वे अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। पतंजलि फूड्स के माध्यम से हमने आम जनता को अपना भागीदार बनाया है। हम देश से प्राप्त संसाधनों को देश के विकास पर खर्च कर रहे हैं। ये हमारी देश भक्ति है और इसमें देश के उद्यमी अपनी हिस्सेदारी दर्ज करा रहे हैं। हमारा उद्देश देश को स्वस्थ और समृद्ध बनाना है। अपना लक्ष्य हम पाकर ही रहेंगे। राजधानी में आए पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार के डॉक्टर स्वामी परमार्थ देव ने पत्रकार वार्ता में सवालों का जवाब देते हुए ये बात कही। वे यहां सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में आयोजित योग शिविर में शामिल होने राजधानी पहुंचे हैं।


    पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के प्रकल्पों पर लगाए जा रहे आरोपों का तीखा प्रतिकार करते हुए स्वामी परमार्थदेव ने कहा कि हमारा लक्ष्य समाजसेवा है और हम इसमें आधुनिक व्यापार प्रबंधन की तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं। यही वजह है कि आज हम आम परिवारों को स्वस्थ बनाने में कामयाब हुए हैं। देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने के अभियान में हम सबसे सबल मॉडल के रूप में उभरे हैं। हमारी प्रगति से उन लोगों को हैरानी हो रही है जो अपने उत्पादों के माध्यम से आम जनता को ठग रहे थे। हम अपने प्रतिद्वंदियों के षड़यंत्रों को अच्छी तरह समझते हैं इसलिए हमारे उत्पाद गुणवत्ता के पैमाने पर चोखे हैं। कभी हमारे ऊपर छह छह सौ मुकदमे लादे गए लेकिन हम सभी में बेदाग होकर आगे आए हैं। हमारी सफलता के पीछे आम जनता की शक्ति है, यही वजह है कि हम अपने लक्ष्यकी ओर लगातार बढ़ते जा रहे हैं।


    पतंजलि फूड्स पर सेबी की आपत्तियों के बारे में उन्होंने कहा कि आर्थिक मॉडल में कई छोटी त्रुटियां रह जाती हैं जिन्हें हम सेबी, या अन्य आर्थिक गतिविधियों की नियंत्रक संस्थाओं के मार्गदर्शन में सुधारते जा रहे हैं। हमने अपने कारोबार में कई संस्थाओं और नागरिकों को हिस्सेदार बनाया है। उनकी खामियों के आरोप भी हमारे ऊपर लगा दिए जाते हैं जबकि हमने जो आर्थिक मॉडल अपनाया है उसमें देशसेवा और स्वाधीनता की खनक है।


    भारत स्वाभिमान न्यास और पतंजलि योग समिति के प्रांतीय कार्यालय प्रबंधक टी.एस.बावल ने बताया कि राजधानी में आयोजित विशाल योग शिविर में भारत स्वाभिमान,पतंजलि योग समिति, महिला पतंजलि योग समिति, युवा भारत, पतंजलि किसान सेवा समिति, हमरो स्वाभिमान संगठन, के कार्यकर्ता साधक, स्कूली बच्चे, आध्यात्मिक संगठन, सामाजिक संगठन व गणमान्य नागरिक ठंड और कोहरे के बावजूद बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


    इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा, संगठन के प्रदेश संरक्षक अरुण मेहरोत्रा, भारत स्वाभिमान संगठन के प्रदेश प्रभारी करण सिंह पंवार, पतंजलि योग समिति की प्रदेश प्रभारी डॉक्टर पुष्पांजलि शर्मा, भारत स्वाभिमान के प्रदेश प्रभारी, राजेन्द्र आर्य, पतंजलि किसान सेवा समिति के प्रभारी मुन्नीलाल यादव, युवा भारत के प्रभारी अनिल सेन, सोशल मीडिया के प्रभारी सत्यानारायण गौर, प्रदेश कोषाध्यक्ष टी.एस. बावल, पतंजलि योग समिति सह प्रदेश प्रभारी हरिशरण समारी, पतंजलि किसान सेवा समिति सह प्रदेश प्रभारी कमलेश गौर, युवा भारत सह प्रदेश प्रभारी लखनलाल साहू, महिला पतंजलि योग समिति प्रदेश कोषाध्यक्ष पार्वती शर्मा, संगठन के सभी जिला प्रभारीगण मुरलीधर साहू, डॉक्टर मनोज शर्मा, अमरीश गोस्वामी, मोहनलाल श्रीवास्तव, रेखा बत्रा, हीरालाल कुशवाहा, रामकृपाल पटेल, लोकेश नागर, सुरेन्द्र सिंह आर्य, धर्मेन्द्र जाट, एमएल गौर, प्रदीप वैष्णव, महेन्द्र रघुवंशी, शर्द वर्मा, अशोक पटेल, प्रदीप वर्मा, गणेश प्रसाद गौर, रामकृपाल पटेल,अखिलेश योगी, शशिकांत यादव, सोबरन सिंह चौहान, वीरेन्द्र धवन, हरीश भाई , एम के श्रीवास्तव, जगदीश सिंह, डॉक्टर एस आर मालवीय, विनोद वाजपेयी, उपस्थित थे।


    सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधाकर पाराशर, अर्पणा नागोलिया, संजय झा, गुलाब रघुवंशी, प्रेम सिंह चौहान, भीम सिंह यादव, के साथ बडी संख्या में गणान्य नागरिकों ने भी शिविर का लाभ उठाया। योग शिविर में स्वामी परमार्थदेव ने सूक्ष्म व्यायाम, भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उद्घिगत, प्राणायाम के साथ सूर्य नमस्कार, मरकटासन, वज्रासन, गौमुखासन, ताड़ासन, त्रियक ताड़ासन, आदि कराते हुए उनके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।


    योग शिविर के बाद ई-4। 7 अरेरा कालोनी में आोयजित बैठक में स्वामी परमार्थदेव ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। एक डाक्टर भी चीरा लगाता है और अपराधी भी चाकू चलाता है। डाक्टर के कार्य को हम समाजसेवा कहते हैं और स्वयं जाकर उससे चीरा लगवाते हैं। सभी जानते हैं कि डाक्टर का कार्य जीवनदान देना है। हम सभी कार्यकर्ताओं को मानवसेवा ,स्वास्थ्य सेवा और योग सेवा के अपने कार्य में जुटे रहना है। हम विचार पर आधारित गुरु सत्ता को ध्यान में रखते हुए वो आचरण करें जिससे समाज का लाभ हो। हमारे कार्यों से आम लोगों में संतुष्टि का भाव जागना चाहिए तभी हम अपने अनुष्ठान को सफल कर पाएंगे।

  • सतरंगी सावन मेले में उमड़ पड़ा महिलाओं का कला संसार

    सतरंगी सावन मेले में उमड़ पड़ा महिलाओं का कला संसार

    भोपाल, 12 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। संस्कार सुधा फाऊंडेशन के प्रयासों से आयोजित सतरंगी सावन मेले में युवतियों और महिलाओं का जमघट लग गया है, ये आयोजन कल रविवार को पूरे शवाब पर होगा। श्यामला हिल्स पालीटेक्निक चौराहे पर स्थित मानस भवन में लगाए गए इस अनोखे मेले में आज नवयुवतियों ने बढ़ चढ़कर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों का सम्मान भी किया गया।


    लगभग सात वर्षों से आयोजित हो रहे संस्कार सुधा फाऊंडेशन के इस आयोजन में महिलाओं की भागीदारी साल दर साल बढ़ती जा रही है। हर साल की तरह इस बार भी व्यवसायी बहनों के लिए आयोजित ये दो दिवसीय कार्यक्रम उत्साह और उमंगों का जमघट बन गया है। इस मेले में सभी प्रकार की लाईफ स्टाल की वस्तुएं, कपड़े,श्रंगार की वस्तुएं, फूड स्टाल आदि लगे हैं।


    संस्कार सुधा फाऊंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती सोनू अग्रवाल ने बताया कि ये मेला उद्यमियों और कलाकारों का चहेता मंच बन चुका है। संस्था के इस गुलदस्ते में युवतियों और कला प्रेमियों के लिए सतरंगे अवसर उपलब्ध हैं। पिछले सालों में जिस तरह महिलाओं और युवतियों की भागीदारी बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए हमें अब और बड़े आयोजन की जवाबदारी संभालनी होगी। फिलहाल हमने कला प्रेमियों और उद्यमियों के लिए एक झरोखा देने का प्रयास किया है जिसके माध्यम से वे अपने हुनर का सर्वोत्तम प्रतिफल पा सकते हैं।


    आज के आयोजन में संस्था की ओर से लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करवाने वाले समाजसेवी और जनसंवेदना संस्था के संस्थापक राधेश्याम अग्रवाल का नागरिक अभिनंदन किया गया।

  • फैशन जगत में बजेगा भारत के हाथकरघा वस्त्रों का डंका

    फैशन जगत में बजेगा भारत के हाथकरघा वस्त्रों का डंका


    गांव में बैठकर फ्रांस के फैशन प्रेमियों के वस्त्र बनाना भी अब संभव,होटल रैडिसन में फैशन डिजाईनरों का जमघट


    भोपाल,06 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।दुनिया के किसी भी मुल्क में रहने वाले फैशन प्रेमी अब अपने नाप जोख के कपड़े भारत के हाथकरघा डिजाईनरों से बनवा सकेंगे। दुनिया भर के फैशन डिजाईनरों का मंच, विश्व डिजाईनिंग फोरम भारत के इन हाथकरघा वस्त्रों को विकसित देशों के लोगों को सरलता से उपलब्ध कराएगा । भारत सरकार के मेक इन इंडिया और वोकल फार लोकल अभियान की सफलता के बाद मंच हाथकरघा वस्त्रों की मार्केटिंग दुनिया के प्रचलित ब्रांडों के साथ करेगा । हाथकरघा कला में निपुण वस्त्र डिजाईनरों के लिए विश्व का बाजार मुहैया कराने वाले इन रचनाधर्मी लोगों ने सोमवार 7 अगस्त को भोपाल के रेडीसन होटल में फैशन शो आयोजित किया है। इसमें वर्ल्ड डिजाइनर फोरम के संस्थापक अंकुश अनामी और उड़ीसा के डिजाइनर सव्यसाची,हरप्रीत, निशा, कपिला जैसे लगभग सौ से अधिक वस्त्र डिजाईनर शामिल होंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा के हाथों से सम्मानित डिजाईनरों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। लगभग आठ साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी तबसे देश के वस्त्रों की पूछ परख विश्व बाजार में भी बढ़ी है।


    होटल रैडिसन में सोमवार की शाम साढ़े छह बजे से शुरु होने वाला ये फैशन शो लगभग दस बजे तक चलेगा। आज पत्रकारों से चर्चा में उड़ीसा से आए फोरम के संचालकों सव्यसाची और अंकुश अनामी ने बताया कि इस अवसर पर लगाई प्रदर्शनी में हाथकरघा से बने विभिन्न वस्त्र शिल्प रखे गए हैं। पूर्ण रूप से प्राकृतिक रेशों से बने ये वस्त्र सामान्य दिनचर्या में भी पहने जा सकेंगे। इसके साथ ही माहेश्वरी, चंदेरी की साड़ियों बाघ प्रिंट के वस्त्रों, जैसे कपड़ों से बनाए वस्त्र शिल्प भी लोगों को लुभाएंगे। हाथकरघा कारीगरों की विविध धर्मी सोच को ये आयोजन तब सामने ला रहा है जब दुनिया भर में फैक्टरी में बने रेडिमेड कपड़ों की धूम मची हुई है। लोग इन ब्रांडों को अपने स्टेटस का प्रतीक मानते हैं जबकि हाथकरघे से बने खूबसूरत, सुंदर और स्वास्थ्य के लिए लाभ प्रद वस्त्रों के बारे में उन्हें कम जानकारी है।


    श्री सव्यसाची ने बताया कि कोणार्क के सूर्यमंदिर या भगवान जगन्नाथ के खूबसूरत वास्तुशिल्प बनाने वाली हमारी संस्कृति वस्त्र निर्माण में भी अनूठी है। हमारी टेक्सटाईल इंडस्ट्री विकसित हो चुकी है और हम ऐसे कीमती धागों से वस्त्र बनाते हैं जो दुनिया के फैशन मापदंडों के बीच अपनी अलग पहचान रखते हैं। उन्होंने कहा कि हाथकरघा वस्त्रों, परंपरा और कारीगरों को संबल प्रदान करने के लिए सरकार और कार्पोरेट जगत को आगे आना चाहिए। वे अपने स्टाफ या विद्यार्थियों के कपड़े भी हाथकरघा कारीगरों से डिजाईन करवा सकते हैं। हमारे वस्त्रों में कपास, गांजे के रेशों, जूट या केले जैसे प्राकृतिक रेशों से बने वस्त्र भी शामिल रहते हैं। जिस तरह हमारे भोजन में आर्गेनिक फूड की डिमांड बढ़ रही है उसी तरह हमारे कपड़े भी आर्गेनिक होते जा रहे हैं।


    वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम के फाउंडर और सीईओ अंकुश अनामी ने कहा कि विश्व के प्रसिद्ध ब्रांडों या हाथकरघा वस्त्रों की नकल तो नहीं रोकी जा सकती लेकिन असली कपड़ों को जिस अनुसंधान और तकनीक से बनाया जाता है उसकी नकल संभव नहीं है। उन कपडों को किसी की सिफारिश की भी जरूरत नहीं होती। ये कपड़े पहली ही नजर में मन को भा जाते हैं। हम ज्यादा संख्या वाले उपभोक्ताओं के लिए भी कपड़े बनाते हैं और व्यक्तित्व संवारने वाले बेशकीमती वस्त्र भी डिजाईन करते हैं। हमारा प्रयास है कि राज्य और देश की सरकारें हमें भरपूर अवसर दें ताकि हम लोगों को मनमोहक कपड़ों का संसार उपलब्ध कराते रहें।

  • संजय जैन अब फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया के सदस्य भी निर्वाचित

    संजय जैन अब फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया के सदस्य भी निर्वाचित

    भोपाल 21 जुलाई (प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की विधिक इकाई फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया के सदस्य के रूप में मध्यप्रदेश फार्मेसी काऊंसिल के अध्यक्ष संजय जैन को विधिवत पांच सालों के लिए निर्वाचित किया गया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश अब देश के फार्मा सेक्टर में नई छलांग लगाने के लिए तैयार हो गया है। मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत देश के फार्मा सेक्टर को विश्व की जरूरतों के लिए तैयार करने का रोड मैप बनाया है। मध्यप्रदेश की ओर से स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने श्री संजय जैन को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा है।
    फार्मेसी काऊंसिल आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.मोंटू पटेल ने पिछले दिनों अपने रायपुर प्रवास के दौरान श्री जैन से मध्यप्रदेश के फार्मा सेक्टर की संभावनाओं की जानकारी ली थी। उनके साथ आए केन्द्रीय फार्मेसी शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. दीपेन्द्र सिंह ने स्टेट फार्मेसी काऊंसिल की स्थितियों की समीक्षा की थी। इसके बाद दिल्ली में हुए फैसले के आधार पर पीसीआई के रजिस्ट्रार और सचिव अनिल मित्तल ने इस निर्वाचन की सूचना भेजी है।
    भारत सरकार की ये संस्था देश में फार्मेसी के शिक्षण प्रशिक्षण और कालेजों को मान्यता देने में प्रमुख भूमिका निभाती है।देश के दवा उद्योग को दिशा देने में भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय इस संस्था के माध्यम से ही संवाद करता है। वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार ने जबसे मेक इन इंडिया का विचार लागू किया है तबसे भारत का दवा उद्योग कई मूलभूत बदलावों के साथ नई ऊंचाईयां छू रहा है।
    श्री संजय जैन को मध्यप्रदेश की ओर से पहली बार स्टेट फार्मेसी काऊंसिल का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। मध्यप्रदेश सरकार ने दवा के कारोबार में राज्य की भागीदारी बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए हैं राज्य को उसका पूरा लाभ मिले इसके लिए श्री जैन कई बड़े दवा उद्योगों से निरंतर संपर्क कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी ने दवा उद्योग को सुव्यवस्थित करके आम जनता को जो आधुनिक दवाईयां सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराने की मुहिम चलाई है उसमें संजय जैन की उपस्थिति प्रभावी साबित होगी।

  • प्रहलाद पटेल बोले दमोह के टमाटर को फूड प्रोसेसिंग नीति का लाभ मिलेगा

    प्रहलाद पटेल बोले दमोह के टमाटर को फूड प्रोसेसिंग नीति का लाभ मिलेगा

    भोपाल,18 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। देश में अगस्त 2019 से जल जीवन मिशन का कार्य प्रारंभ हुआ, लेकिन मध्य प्रदेश में इसका काम मई 2020 से प्रारंभ हुआ। मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के पूर्व 14.5 प्रतिशत घरों में नल से जल प्रदाय था, जो अब बढ़कर 36.5 प्रतिशत हो चुका है।

    यह बात केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को भोपाल में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में 2024 तक कुल 1 करोड़ 22 लाख क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हैं। 17 दिसंबर 2021 तक प्रदेश में 44.64 लाख (36.5 प्रतिशत) परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश अकेला राज्य है, जिसमें समस्त जिला स्तरीय पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएं NABL प्रमाणित हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तेजी से क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के बजट को वर्ष 2021-22 में तीन गुना (5824 करोड़ रुपये) किया गया, जिससे राज्यांश व्यय करने में मप्र (1260 करोड़ रुपये) प्रथम स्थान पर है।

    https://youtu.be/p-tKV9do7pY
    आज केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दमोह की चना दाल और टमाटर की फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने की बात कही, (वीडियो आईएनएच टीवी के सौजन्य से उपलब्ध)उन्होंने प्रेस इंफार्मेशन सेंटर को आश्वासन दिया कि दमोह जिले के रंजरा में बनाई जा रही गौशाला शीघ्र ही प्रारंभ हो जाएगी ।इसके लिए उन्होंने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश भी दिए।

    पत्रकार वार्ता में मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, डॉ.हितेश वाजपेयी, भोपाल भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विकास वीरानी,प्रवक्ता सुश्री नेहा बग्गा समेत कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

  • BitMEX ने पेश किया अब तक का सबसे फायदेमंद क्रिप्टो उत्पाद ‘EARN’

    BitMEX ने पेश किया अब तक का सबसे फायदेमंद क्रिप्टो उत्पाद ‘EARN’

    BitMEX ने पेश किया अब तक का सबसे फायदेमंद क्रिप्टो उत्पाद ‘EARN’

    BitMEX EARN शुरुआत के ग्राहकों के लिए Tether पर
    १००% तक का एपीआर ऑफर करता है

    माहे, सेशेल्स – 10दिसंबर,(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर) वैश्विक क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म BitMEX ने आज BitMEX EARN के लॉन्च की घोषणा की। यह ब्याज देने वाला उत्पाद सभी सार्वजनिक कमाई उत्पादों के मुकाबले उच्चतम वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) प्रदान करता है।
    BitMEX EARN उत्पाद, एक निर्धारित अवधि के लिए फण्ड की सदस्यता लेने वाले उपयोगकर्ताओं को १४ – १००% एपीआर के ब्याज भुगतान से पुरस्कृत करता है। इसके अलावा, BitMEX EARN बाजार में अपने प्रकार का एकमात्र उत्पाद है जो १००% बीमा फंड समर्थित है। सभी भुगतानों की गारंटी उद्योग के सबसे बड़े फंडों में से एक BitMEX बीमा कोष द्वारा दी जाती है।
    BitMEX EARN पर उपलब्ध पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी Tether (USDT ERC-२०) है। BitMEX के ग्राहक, जो ७ दिसंबर २०२१ से पहले सदस्य्ता लेते हैं वे प्रति उपयोगकर्ता USDT १,००० तक के जमा राशि पर Tether पर १००% एपीआर तक और USDT १००,००० तक के जमा राशि पर १४% एपीआर तक कमाने के अर्ली बर्ड ऑफर का फायदा उठा सकते हैं। BitMEX EARN पर अधिक विवरण यहां पाया जा सकता है।

    अलेक्जेंडर हॉप्टनर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी – BitMEX ने कहा, “BitMEX EARN से कोई भी आसानी से दो अंकों का रिटर्न उत्पन्न प्राप्त कर सकता है – जो TradFi उत्पादों से मिलने वाली दरों से काफी अधिक है। हमारे EARN उत्पादों का एपीआर अन्य क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर पेश किए जाने वाले उत्पादों, जिनकी समान उत्पादों पर हेडलाइन दरें आमतौर पर अप्राप्य शर्त आवश्यकताओं से जुड़ी होती हैं. उनसे कहीं अधिक है। हमने अपनी सदस्यता प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित किया है, जिससे यह एक ऐसा उत्पाद बन गया है जो, न केवल पेशेवरों के लिए, लेकिन सभी प्रकार के व्यापारियों के लिए आकर्षक बन गया है।”

    BitMEX EARN, कंपनी के महत्वाकांक्षी व्यापार परिवर्तन का हिस्सा है, जिसे इसकी ‘बियॉन्ड डेरिवेटिव्स’ रणनीति के रूप में जाना जाता है। BitMEX साल २०२० में एक कठोर उपयोगकर्ता सत्यापन और अनुपालन कार्यक्रम शुरू करने के बाद पांच नए वैश्विक व्यापार खंड (स्पॉट, ब्रोकरेज, कस्टडी, सूचना उत्पाद और अकादमी) जोड़ रहा है। जनवरी २०२१ में, बिटमेक्स ने अपने उपयोगकर्ता सत्यापन कार्यक्रम को पूरा करने की घोषणा की, जिससे बिटमेक्स सबसे बड़े क्रिप्टो डेरिवेटिव एक्सचेंजों में से एक है जिसके पास पूरी तरह से सत्यापित सक्रिय उपयोगकर्ता आधार है। BitMEX EARN नवंबर २०२१ में कंपनी द्वारा मार्जिन और स्थायी स्वैप पर निपटान के लिए USDT की शुरुआत का अनुसरण करता है।

    BitMEX EARN दिसंबर ०१, २०२१ को लॉन्च किया गया, जिसमें दिसंबर ०७, २०२१ तक (या पूरी तरह से सब्सक्राइब होने तक) पहले दो उत्पादों के लिए सब्सक्रिप्शन खुला है। सदस्यता लेने या अधिक जानने के लिए, BitMEX EARN वेबपेज पर जाएं।

    BitMEX के बारे में:
    BitMEX एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को वैश्विक डिजिटल करेंसी के वित्तीय बाजारों तक पहुंच प्रदान करता है। एचडीआर ग्लोबल ट्रेडिंग लिमिटेड BitMEX के मालिक है। BitMEX के बारे में, हमारी दृष्टि के बारे में, बढ़ती टीम के बारे में और आगे की राह के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया हमें Twitter, Telegram, और BitMEX Blog पर फॉलो करें।

  • वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन के लिए सीएम भूपेंद्र पटेल दुबई में करेंगे प्रचार

    वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन के लिए सीएम भूपेंद्र पटेल दुबई में करेंगे प्रचार

    अहमदाबाद,8 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (CM Bhupendra Patel) वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (Vibrant Gujarat Global Summit 2022) से पहले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए बुधवार को दुबई (Dubai expo) में प्रचार-प्रसार करेंगे. सम्मेलन गांधीनगर में जनवरी में होगा. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘पटेल संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग जगत प्रमुखों के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे. वह दुबई में चल रहे ‘दुबई एक्सपो’ में भारत के मंडप का भी दौरा करेंगे.’

    ‘वायब्रेंट’ गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 10 से 12 जनवरी को होगा. विज्ञप्ति के अनुसार ‘वायब्रेंट’ गुजरात शिखर सम्मेलन की तैयारी के सिलसिले में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल आठ दिसंबर को दुबई में प्रचार-प्रसार करेंगे. इस दौरान गुजरात के उद्योग राज्यमंत्री जगदीश पांचाल और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ होंगे.
    वायब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
    वाईब्रेंट गुजरात के नोडल अधिकारी एम थेन्नासरन का कहना है कि मुख्यमंत्री के पास एक लाख करोड के एमओयू सम्मेलन से पहले हो चुके होंगे. अब तक इस वैश्विक सम्मेलन के पहले 50 हजार करोड के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. जिनसे राज्य में 50 हजार को नौकरी मिल सकेगी. गांधीनगर में 10 से 12 जनवरी 2022 को यह निवेशक सम्मेलन आयोजित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते 2005 में इसकी शुरुआत की थी. यह हर दो साल में होता है. वैसे वाइब्रेंट समिट 2021 में ही होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसका आयोजन नहीं किया जा सका था.

    बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 जनवरी को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. इसी के ही साथ बीते 18 सालों में इस समिट के दौरान कई एमओयू हुए हैं. जिसमें से 64.35 प्रतिशत प्रोजेक्ट को क्रियान्वित भी किया जा चुका है. सिर्फ 6.26 प्रतिशत प्रोजेक्ट ही क्रियान्वयन के चरण में हैं.

    18 राज्य चले गुजरात की राह पर
    वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को अब देश के अधिकांश राज्यों ने अपना लिया है. गुजरात में इस तरह के सम्मेलन शुरू करने के बाद देश के करीब 18 राज्यों ने अब तक यह अपने-अपने यहां निवेश के लिए इस तरह के सम्मलेन का आयोजन आरंभ किया है. इन राज्यों में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश, सहित कई राज्य शामिल हैं.

  • भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (CIIL) और Koo App ने मिलाया हाथ

    भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (CIIL) और Koo App ने मिलाया हाथ

    भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (CIIL) और Koo App ने मिलाया हाथ
    • आपत्तिजनक माने जाने वाले शब्दों और वायांशों का एक संग्रह तैयार करेगा सीआईआईएल
    • भारतीय भाषाओं के संदर्भ, तर्क और व्याकरण को परिभाषित करेंगे
    • प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा बढ़ाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए Koo तकनीकी सहायता प्रदान करेगा और कंटेंट मॉडरेशन नीतियों को मजबूत करेगा

    राष्ट्रीय, 06 दिसंबर, 2021: सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और भाषा के उचित इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मैसूर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज (CIIL) ने भारत के बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App की होल्डिंग कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत सरकार द्वारा भारतीय भाषाओं के विकास के सामंजस्य के लिए स्थापित की गई CIIL अब Koo App के साथ संयुक्त रूप से काम करेगी, ताकि इसकी कंटेंट मॉडरेशन नीतियों को मजबूत करने के साथ ही यूज़र्स को ऑनलाइन सुरक्षित करने में मदद मिल सके। यह समझौता यूजर्स को ऑनलाइन दुर्व्यवहार, बदमाशी और धमकियों से बचाने की दिशा में काम करेगा और एक पारदर्शी और अनुकूल कसो सिस्टम का निर्माण करेगा।

    इस समझौते के जरिये CIIL शब्दों, वाक्यांशों, संक्षिप्त रूपों और संक्षिप्त शब्दों सहित अभिव्यक्तियों का एक कोष तैयार करेगा, जिन्हें भारत के संविधान में आठवीं अनुसूची की 22 भाषाओं में आक्रामक या संवेदनशील माना जाता है। जबकि Koo App कोष बनाने के लिए प्रासंगिक डेटा साझा करेगा और इंटरफेस बनाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा जो सार्वजनिक पहुंच के लिए कोष की मेजबानी करेगा। यह सोशल मीडिया पर भारतीय भाषाओं के जिम्मेदार इस्तेमाल को विकसित करने के लिए एक दीर्घकालिक समझौता है और यह यूजर्स को सभी भाषाओं में एक सुरक्षित और व्यापक नेटवर्किंग अनुभव प्रदान करके दो साल के लिए वैध होगा।

    CIIL और Koo App के इस संयुक्त अग्रणी कार्य का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में शब्दों और अभिव्यक्तियों के ऐसे शब्दकोश विकसित करना है, जिन्हें आक्रामक, अपमानजनक या आपत्तिजनक माना जाता है और इन भाषाओं में कुशल कंटेंट मॉडरेशन को सक्षम किया जा सके। भारतीय संदर्भ में इस तरह की पहल को पहले कभी लागू नहीं किया गया था।

    इस समझौते का स्वागत करते हुए CIIL के निदेशक प्रो. शैलेंद्र मोहन ने कहा कि भारतीय भाषाओं के यूजर्स को Koo मंच पर संवाद करने में सक्षम बनाना, वास्तव में समानता और बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार की अभिव्यक्ति है, जो हमारे बहुत सम्मानित संवैधानिक मूल्य हैं। CIIL और Koo के बीच समझौता ज्ञापन यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रयास है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल, विशेष रूप से Koo App, बोलने/लिखने की स्वच्छता के साथ आता है और यह अनुचित भाषा और दुरुपयोग से मुक्त है। सोशल मीडिया पोस्ट के लिए सुखद और सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में Koo की इस पहल को प्रोत्साहित करते हुए प्रो. मोहन ने कहा कि Koo App के प्रयास सराहनीय हैं। इसलिए, CIIL कोष के माध्यम से भाषा परामर्श प्रदान करेगा और जिम्मेदार एवं स्वच्छ सोशल मीडिया चर्चा को हासिल करने के लक्ष्य को साकार करने में Koo टीम के हाथों को मजबूत करेगा।

    इस सहयोग पर प्रकाश डालते हुए Koo App के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “एक बेहतरीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में Koo भारतीयों को कई भाषाओं में जुड़ने और चर्चा में सक्षम बनाता है। हम ऑनलाइन इको सिस्टम को बढ़ाकर अपने यूजर्स को सशक्त बनाना चाहते है, ताकि दुरुपयोग को प्रभावी तरीके से रोका जा सके। हम चाहते हैं कि हमारे यूजर्स भाषाई संस्कृतियों के लोगों के साथ सार्थक रूप से बातचीत करने के लिए मंच का लाभ उठाएं। हम इंटरनेट यूजर्स के लिए परस्पर दुनिया को अधिक सुरक्षित, भरोसेमंद और विश्वसनीय बनाने के लिए और इस कोष के निर्माण के लिए प्रतिष्ठित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज के साथ साझेदारी करते हुए प्रसन्न हैं।”