फेब्रिकेटेड शादियों से बढ़ रहे जैन समाज में तलाक के मामले

भोपाल,19 दिसंबर (प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। दिगंबर जैन समाज में झूठी शान और दिखावे की वजह से कराई गई शादियां तलाक की वजह बन रहीं हैं। भोपाल में चल रहे जैन समाज के परिचय सम्मेलन में ये बात प्रमुखता से नजर आ रही है। अधिक प्रविष्टियां दिखाने के प्रलोभन में आयोजन के संचालकों ने जिन लोगों के आवेदन बुलाए हैं उनमें लोफर और बदनाम लड़के लड़कियों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। ये अपने बारे में बढ़ा चढ़ाकर जो बातें बोलते  हैं उससे प्रभावित होकर शादियां तो हो जाती हैं लेकिन कुछ ही दिनों बाद मनमुटाव के चलते ये शादियां टूट जाती हैं।पत्रिका के तलाकशुदा युवाओं वाले सेक्शन में बढ़ती संख्या को देखकर पहली ही नजर में इस मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है।ऐसे कई मामलों में लड़कियां घर के जेवर लेकर भाग गईं और अदालतों में मंहगे हर्जाने की मांग करते हुए मुकदमे दर्ज कराए हैं।

अदालत के मीडिएशन सेंटर से जुड़े वकीलों से बात करने पर इस मामले की भयावहता सामने आ रही है। वकील आभा जैन बताती हैं कि जरूरत से ज्यादा उम्मीद युवाओं में तलाक की प्रमुख वजह बन रही है। जैन समाज में लड़की को मायके से मिलने वाला स्त्री धन हो या ससुराल से मिलने वाली जायदाद ये दोनों झगड़े की वजह होती हैं। वर्ष 2005 में बना संपत्ति का अधिकार भी झगड़े की वजह बन रहा है।जो फेब्रिकेटेड शादियां परिचय सम्मेलन की झूठी शान बढ़ाने के लिए कराई जा रहीं हैं उनमें शादी की वजह प्रेम या सम्मान नहीं है बल्कि लड़के लड़की का ऊंचा पैकेज और धनाड्य परिवारों की प्रतिष्ठा प्रमुख देखी जा रही है। लड़की को भारी जेवरात चढ़ाए जाते हैं जो लड़की और उसके परिजनों का मानसिक संतुलन बिगाड़ देते हैं। कई मामलों में लड़कियां अपने भाईयों से ज्यादा जायदाद हड़पने के लिए स्वयं माता पिता से अधिक दहेज दिए जाने की मांग करती हैं। जो लड़कियां आत्म निर्भर हैं उन्हें ससुराल की परिस्थितियों और लड़के की संपदा दोनों में खोट नजर आती है। वे शादी करते ही पति से कहने लगती हैं कि तुम्हारी हैसियत ही क्या है। जबकि 25-28 साल से लड़के तब अपने जीवन की शुरुआत ही कर रहे होते हैं।

जब ये केस अदालत पहुंचते हैं तो वकीलों का धंधा शुरु  हो जाता है। वकील न तो तलाक होने देते हैं और न ही शादी को सफल बनाने का उपाय करते हैं। लड़कियों की शारीरिक और मानसिक कमियों को छुपाकर की गई शादियों में भी वकील जब ज्यादा मुआवजा दिलाने का लालच दिखाकर ज्यादा फीस कमाने का उपाय तलाशते हैं तो लड़कियों का दिमाग  ही फिर जाता है। फिर वे लड़कों पर ऐसे आरोप जड़ने लगती हैं जो हकीकत से कोसों दूर होते हैं।

परिचय सम्मेलन के तलाकशुदा लड़के लड़कियों के सेक्शन में जो युवा प्रस्तुत हुए हैं उन सभी की कमोबेश इसी तरह की समस्याएं सामने आई हैं। कई मामलों में एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर, एक दूसरे के प्रति सम्मान में कमी, कम्युनिकेशन की समस्या, प्यार और इंटिमेसी की कमी, प्रमुख कारण हैं। लड़कियां जिस तरह की संपदा मिलने की उम्मीद कर रहीं हैं उन शर्तों को कोई राजकुमार युवक नहीं बल्कि कोई डाकू ही पूरा कर सकता है। ये जैन समाज में जगाई गई झूठी शान और लालच भरी सोच की वजह से हो रहा है। परिचय  सम्मेलन से जुड़े लोग समाजसेवा की भावना छोड़कर जिस तरह रिकार्ड बनाने की सोच से काम कर रहे हैं उससे ये समस्या बढ़ती जा रही है।

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