महामस्तकाभिषेक से ही पाप का प्रक्षालन संभव
कुंडलपुर 25 फरवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। दमोह जिले के कुंडलपुर में इन दिनों चल रहा बड़े बाबा भगवान आदिनाथ का महामस्तकाभिषेक अब हर नौ साल बाद होगा। भगवान आदिनाथ को ऊंची वेदी और भव्य जिनालय में प्रतिष्ठित करवाने के बाद आज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपनी देशना में ये घोषणा की। वर्तमान महामस्तकाभिषेक होली के दिन तक चलता रहेगा,अगला आयोजन नौ साल बाद होगा। महामस्काभिषेक के इस अवसर पर देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि भगवान आदिनाथ के पुत्र भगवान बाहुबलि की प्रतिमा दक्षिण के श्रवणबेलगोला में है वहां महामस्तकाभिषेक हर बारह सालों में होता है। देश विदेश से धर्मावलंबी वहां पहुंचते हैं। भगवान बाहुबलि की ये प्रतिमा खड़गासन में है जबकि कुंडलपुर में उनके पिता भगवान आदिनाथ की विशाल प्रतिमा बैठी हुई अवस्था में है। कुंडलपुर में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा समूचे विश्व में पुण्य के अर्जन के लिए पाप प्रक्षालन का निमित्त बनेगी। उन्होंने कहा कि आचार्यों के अनुसार पाप का प्रक्षालन करके ही पुण्य अर्जित किया जा सकता है। आगम में इसके सिवाय कोई दूसरा मार्ग नहीं बताया गया है। ये प्रभु की भक्ति और ध्यान से ही संभव हो सकता है। पुण्य का अर्जन स्थायी होता है ये किसी भी प्रकार नष्ट नहीं होता। शास्त्रों में 94 पदार्थ बताए गए हैं पर उनमें से केवल पुण्य ही ऐसा है जो अविनाशी है।
आचार्यश्री ने कहा कि कुंडलपुर में महमस्तकाभिषेक का ये अवसर दुर्लभ है। मेरी शारीरिक अवस्था की वजह से मैं सोच रहा था कि शायद मैं पहाड़ चढ़कर बड़े बाबा के चरणों तक नहीं पहुंच पाऊंगा लेकिन बाबा ने मुझे बुला लिया। आज जहां महामस्तकाभिषेक चल रहा है वहां मैं भी पहुंच गया हूं। अब होली के बाद से हर नौ साल बाद महामस्तकाभिषेक की ये परंपरा चलती रहेगी। बड़े बाबा भगवान आदिनाथ पूरे विश्व के लिए पूज्यनीय हैं। यहां आकर लोग मुंडन कराते रहे हैं अब महामस्तकाभिषेक के माध्यम से वे पुण्य का अर्जन भी करते रहेंगे। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए वो जो जीवन शैली अपनाएंगे उससे सारे विश्व का कल्याण होगा।
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