धर्म सापेक्ष भारत के संविधान से धर्म निरपेक्षता शब्द हटाया जाएः आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

कुंडलपुर पंचकल्याणक महोत्सव में जाकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बडे़ बाबा के दर्शन किए


कुंडलपुर 22 फरवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। दमोह जिले के कुंडलपुर में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव में आज समवसरण में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत धर्म सापेक्ष देश है। हमारे देश की सभी समस्याओं का समाधान धार्मिक परंपराओं से हो जाता है, ऐसे में देश को धर्म निरपेक्ष कहने की आयातित सोच से अब हमें बाहर निकलना होगा। समय आ गया है जब संविधान में डाला गया धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाया जाए और उसकी जगह भारत को धर्म सापेक्ष देश घोषित किया जाए। धर्मसभा में उपस्थित जन समुदाय ने करतल ध्वनि से आचार्य़ श्री की बात का समर्थन किया।
आचार्य श्री ने सबसे पवित्र समवसरण में विराजमान होकर ईश्वरीय वाणी के रूप में कहा कि भारत का जनमन जिस धार्मिकता से धरा का वैभव संवारता रहा है हमें उस पर गौर करना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा और उन्नति धर्म से विमुख होकर नहीं हो सकती। अंग्रेजों ने धर्म का अर्थ रिलीजन यानि साम्प्रदायिक होना गलत समझाया है। धर्म का सही अर्थ तो कर्तव्य का ठीक से पालन करना होता है। महोत्सव के खचाखच भरे विशाल पंडाल में जन समुदाय ने कई बार आचार्य श्री की बातों का जय जय उद्घोष करके समर्थन किया। पंचकल्याणक महोत्सव में आज केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहुंचे थे।
कुंडलपुर महोत्सव में आज भगवान आदिनाथ का समवसरण सजाया गया था। इस समवसरण में आचार्यश्री अपने निर्यापक शिष्यों के साथ विराजमान थे। समवसरण में भगवान की देशना (धर्म उपदेश) के रूप में आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि धर्म की विदेशी परिभाषा को स्वीकार करते हुए भारत को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र कहा गया, यह बिल्कुल गलत है। धर्म का सही अर्थ समझा ही नहीं गया। धर्म हमें सन्मार्ग पर चलने की प्ररेणा देता है। धर्म हमारी आत्मा को पवित्र बनाता है। भारत की संस्कृति रही है कि धर्म पर चलने वाला राजा ही प्रजा को सुखी रख सकता है। धर्म से विमुख होकर जनता का हित कैसे हो सकता है? भारत के राजनेताओं को इस बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के नेताओं को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आचार्यश्री ने धर्म के पांच गुण भी बताये। उन्होंने कहा कि जहां झूठ, चोरी, हिंसा, कुशील के साथ कम से कम परिग्रह (आवश्यकता के अनुसार वस्तुओं का संग्रह) की बात हो, वहां धर्म होता है।लोक के लिए धन का संग्रह तो किया जाए पर लोभवश संग्रह न किया जाए। दया का मूल ही धर्म है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में रहकर धर्म निरपेक्ष की बात करना, बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि मेरा यह संदेश केन्द्र सरकार तक पहुंचना चाहिए। आचार्यश्री के इस आव्हान पर लोगों ने तालियां बजाकर समर्थन किया।आचार्यश्री ने कहा कि हमारी मौलिक शिक्षा हर बच्चे को आत्मनिर्भर बना सकती है। हमें ऐसा आलोक चाहिए जो किसी भी ग्रहण की स्थिति में देश को अंधकार में भटकने से बचा सके।


आचार्यश्री ने इस बात पर चिन्ता व्यक्त की कि आज षड्यंत्र पूर्वक तरीके से अंडे को शाकाहारी और दूध को मांसाहारी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस धरती पर यदि साक्षात लक्ष्मी है तो वह गाय है। शास्त्रों में लिखा है कि भगवान आदिनाथ के पुत्र भरत चक्रवर्ती के समय वे तीन करोड़ गौशालाओं का संचालन करते थे। आचार्यश्री ने नकली दूध के प्रचलन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए, त्यौहारों के समय दूध मावा से बनी नकली मिठाईयों पर रोक लगाने की जरूरत भी बताई।
कुंडलपुर महोत्सव में आज सुबह से प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया के निर्देशन में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए। भगवान के अभिषेक, शांतिधारा व नित्य पूजन के बाद आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की पूजा की गई। इसके बाद मुनि आदिसागर को केवल ज्ञान प्राप्त हुआ। आचार्यश्री के संघस्थ मुनियों ने लगभग 2000 प्रतिमाओं को सूर्यमंत्र देकर उनकी प्राण प्रतिष्ठा की। कुंडलपुर के बड़े बाबा मंदिर में विराजमान नवीन प्रतिमाओं को भी सूर्यमंत्र दिया गया।
पंचकल्याणक में भगवान की प्रतिमाओं को पहनाये गये वस्त्र व सोने के आभूषण लेने भक्तों में होड मच गई। मूल विधि नायक भगवान के वस्त्र आभूषण की बोली 2 करोड़ 17 लाख में लगी।
कुंडलपुर महोत्सव में भगवान के समवसरण के लोकार्पण का सौभाग्य दुनिया के सबसे बड़े मार्बल व्यापारी अशोक पाटनी परिवार को मिला। उन्होंने सपरिवार समवसरण का लोकार्पण किया।
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने आज कुंडलपुर पहुंचकर बड़े बाबा आदिनाथ भगवानके दर्शन किए और छोटे बाबा आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद लिया। सिंधिया ने प्रेस से चर्चा में कहा कि हम मप्र वासी सौभाग्यशाली हैं कि आचार्यश्री ने अपना अधिकांश समय मप्र में गुजारा है। उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन हमें मिलता रहता है। सिंधिया ने कहा कि प्रदेश की जनता की खुशहाली के लिये आशीर्वाद लेने कुंडलपुर आया हूं। वीडी शर्मा ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भगवान के दर्शन करने और आशीष लेने आया हूं।
दस दिवसीय कुंडलपुर महोत्सव का समापन कल बुधवार को विशाल रथयात्रा फेरी के साथ होगा। फेरी के लिये देशभर से 27 रथ कुंडलपुर पहुंचकर चुके हैं। कल दोपहर में इन रथों पर भगवान को विराजमान कर मुख्य पांडाल की सात फेरियां लगाई जाएंगीं।

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