भोपाल,10 जनवरी(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उद्यानिकी विभाग “एक जिला-एक उत्पाद” योजना को गंभीरता से ले। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी से जुड़े किसानों को चिन्हित उत्पाद की खेती के लिये पर्याप्त प्रशिक्षण भी दिया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्सरियों को डिमांड ड्रिविन बनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जिन पौधों की माँग होती है, नर्सरियों में ऐसे पौधों के विकास पर जोर दिया जाना चाहिये। विभाग द्वारा बताया गया कि उद्यानिकी नर्सरियों को पीपीपी मोड पर विकसित किया जा रहा है। इस योजना में स्व-सहायता समूह के माध्यम से 137 उद्यानकी नर्सरी स्थापित की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लहसुन, अदरक, मिर्च, धनिया और अन्य मसाला फसलों के उत्पादन में प्रदेश का देश में अग्रणी स्थान है। मसाला फसलों के उत्पादन से जुड़े किसानों को बढ़ावा देना चाहिये। मसाला फसलों की प्र-संस्करण इकाइयाँ भी लगाना चाहिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्यानिकी फसलों को संरक्षित रखने के लिये कोल्ड-स्टोरेज लगाने पर भी जोर दिया। साथ ही उद्यानिकी किसानों को प्राकृतिक और जैविक खेती से जोड़ने की बात भी कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्यानिकी विभाग द्वारा बुंदेलखण्ड के किसानों को पान की खेती से जोड़ने के कार्यक्रम की सराहना भी की। विभाग द्वारा एक हजार किसानों को पान की खेती से जोड़ा जा रहा है।
बताया गया कि 20 आदर्श विकासखण्डों में शत-प्रतिशत गिरदावरी की जायेगी। गिरदावरी से उत्पादन, खपत और बचत का आकलन करना संभव होगा। इससे भण्डारण क्षमता का निर्माण और प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित करने में सुगमता होगी। अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण जे.एन. कंसोटिया ने वर्चुअली शामिल होकर उद्यानिकी विभाग के आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोड मैप में सम्मिलित कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर ढंग से करने के लिये विभाग द्वारा 179 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। साथ ही ग्वालियर में 20 हेक्टेयर भूमि पर अटल फ्लोरीकल्चर गार्डन की स्थापना की जा रही है।
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