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  • दमोह के जुझार गांव की सुरक्षा अब गांव वाले करेंगे

    दमोह के जुझार गांव की सुरक्षा अब गांव वाले करेंगे

    दमोह,2 मार्च। घरों और खलिहानों से कटकर आने वाले खाद्यान्न की सुरक्षा में पुलिस की नाकामी को देखते हुए दमोह के जुझार गांव में घरों की सुरक्षा का बीड़ा गांव वाले स्वयं उठा रहे हैं। यहां के एक किसान और प्रेस इंफार्मेशन सेंटर के संपादक ने अपने खाद्यानों की सुरक्षा करने की जवाबदारी गांव वालों को ही थमा दी है। इसके लिए उन्होंने कल 3 मार्च को अपने घर के बाहर एक आयोजन किया है जिसमें चाभी खो चुके ताले को काटकर गोदाम की सफाई का कार्य कराया जाएगा और फिर गांव के ही लोगों के सामने उसमें खाद्यान्न रखा जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों और बच्चों को मिठाई वितरण किया जाएगा। इस आयोजन में शामिल होने के लिए जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक,पत्रकारों और हिंडोरिया पुलिस को भी आमंत्रित किया गया है।

    प्रेस इंफार्मेशन सेंटर के कृषि फार्म के संचालक और पत्रकार आलोक सिंघई ने बताया कि पिछले साल उनके गांव स्थित घर से खाद्यान्न की बोरियां चोरी हो गईं थी। इसकी शिकायत हिंडोरिया पुलिस और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से भी की गई थी। पुलिस ने शिकायत मिलने पर छानबीन तो की लेकिन न तो अपराधियों को गिरफ्तार किया और न ही उनसे चोरी गया खाद्यान्न जब्त किया। इस बार जब खलिहानों से फसल कटकर गोदामों में आ रही है तब एक बार फिर खाद्यान्न की सुरक्षा का मामला गहरा गया है। इसे देखते हुए खाद्यान्न की सुरक्षा की जवाबदारी गांव के लोग स्वयं निभाने जा रहे हैं।

    उन्होंने बताया कि आज के इस आयोजन में गांव वालों के सामने ही ताले को तोड़कर गोदाम की सफाई कराई जाएगी और मिष्ठान्न वितरण किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन और नवागत पुलिस अधीक्षक को भी सूचना भेजी गई है।

    इस कार्यक्रम का प्रसारण फेसबुक पर लाइव उपलब्ध रहेगा।

  • जन संतोष हमारा दायित्वःविवेक जौहरी

    जन संतोष हमारा दायित्वःविवेक जौहरी

    महिला अपराध अनुसंधान कौशल उन्‍नयन विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्‍पन्‍न

    भोपाल, 23 सिंतबर (प्रेस इंफार्मेशन सेंटर). पुलिस मुख्‍यालय में दो दिवसीय महिला अपराध अनुसंधान कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के मुख्‍य आतिथ्‍य तथा जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह के विशेष आतिथ्‍य में संपन्‍न हुआ।

          डीजीपी श्री जौहरी ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला अपराध की विवेचना तथा की जाने वाली कार्यवाहियों में संवेदनशीलता अत्‍यावश्‍यक है। पीडि़त के साथ सहानुभूति पूर्ण सद्व्‍यवहार करें। कानून की जानकारी अद्यतन (अपडेट) रखें। सर्वोच्‍च न्‍यायालय, उच्‍च न्‍यायालय के नवीन निर्णयों का अध्‍ययन करें। पीडि़ता को शासन द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही सहायता और सुविधाओं से सुविज्ञ रहें। प्रशिक्षण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। जनअपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारा दायित्‍व है, आदर्श पुलिसिंग करने का प्रयास करें।

          जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह ने कहा कि न्‍याय होने के साथ-साथ होता हुआ दिखना भी चाहिए। विवेचना में निष्‍पक्षता एवं तथ्‍यात्‍मक दृष्टिकोण होना चाहिए। पीडि़त पक्ष की शिकायत दर्ज करते समय पूर्वागृहों से पूर्णत: मुक्‍त रहें। पीडि़त की आस्‍था और विश्‍वास का केन्‍द्र आप ही होते हैं अत: अपने उत्‍तरदायित्‍व से पूरा न्‍याय करें। अनुसंधान में तथ्‍यों की स्‍पष्‍टता पर पूरा ध्‍यान दें। अपने काम का खुद ऑडिट करें तभी सकारात्‍मक परिवर्तन ला सकेंगें।

          अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्‍तव ने बताया कि विगत दो वर्षों से पहला ऑफलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम रहा। जिसमें अच्‍छी सहभागिता रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का फीडबेक उप पुलिस अधीक्षक आशुतोष पटेल तथा निरीक्षक सुश्री ज्‍योति सिंह ने दिया। प्रशिक्षुओं में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों में निरीक्षक सुश्री प्रियंका पाठक, उप पुलिस अधीक्षक संदीप मालवीय, सुश्री यशस्‍वी शिंदे, सुश्री कीर्ति बघेल तथा अनिल कुमार को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

  • डीजीपी जौहरी बोले तो बेखौफ अपराधियों पर बरसी एमपी पुलिस

    डीजीपी जौहरी बोले तो बेखौफ अपराधियों पर बरसी एमपी पुलिस

    दो माह में 733 चिन्हित गुण्‍डों पर कार्यवाही, चार हजार से अधिक ईनामी बदमाशों की गिरफ्तारी

    भोपाल। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के नेतृत्‍व में विगत दो माह जून-जुलाई में प्रदेश की पुलिस ने गुण्‍डों-माफियाओं और आपराधिक तत्‍वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की है। डीजीपी ने अपने मैदानी अफसरों को निर्देश दिए थे कि शासन की मंशा के अनुरूप प्रदेश में आपराधिक तत्‍वों का समूल सफाया करें और प्रदेश को अपराध मुक्‍त बनाने के लिये कार्य करें। समाज विरोधी गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम देने वाला व्‍यक्ति चाहे कितना भी रसूखदार हो, उसके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करें। संगठित अपराध करने वाले आपराधिक लोगों का सिंडीकेट तहस-नहस कर दें।

    कोविड- 19 अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बाद म.प्र. पुलिस द्वारा आधारभूत पुलिसिंग पर कार्य करना प्रारम्भ किया गया है। अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक जौहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके ये विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। अभियान के दौरान प्रत्येक जिले में शीर्ष आपराधिक तत्वों को सूचीबद्ध कर उनके विरूद्ध उचित वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देशों के फलस्वरूप 733 आपराधिक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध 133 एनएसए, 350 जिला बदर एवं 140 धारा 110 द.प्र.सं. के प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किये गये।

    माह जून-2020 में चलाए गए विशेष अभियान में 1980 नई हिस्ट्रीशीट फाईल एवं 88 नई गैंग हिस्ट्रीशीटर फाईल तैयार की गई। माह जून-2020 में चलाए गए विशेष अभियान में 137 पैरोल पर छूटे अपराधियों की पैरोल निरस्त कराने की कार्यवाही की गई। माह जून-2020 में चलाए गए विशेष अभियान में संपत्ति संबंधी अपराधों के 2564 स्थाई वारंटी एवं 375 गिरफ्तारी वारंट तामील कराये गये। इसी प्रकार माह जुलाई में 3914 स्थाई वारण्ट एवं 477 गिरफ्तारी वारण्ट तामील कराने गये।

    विगत माहों में कुल 4386 ईनामी बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। पोर्टल के माध्यम से वाहन चैकिंग एवं थानों में रखे वाहनों की सर्चिंग के दौरान माह जुलाई में 3,45,182 वाहनों को सर्च किया गया। जिसमें 228 अपराधियों से 251 चोरी के वाहन जप्त करने में सफलता प्राप्त की।

    गुम बालक/बालिकाओं की दस्तयाबी के लिए माह जुलाई में 1,628 बालक/बालिकाओं को दस्तयाब करने में सफलता प्राप्त की है। चिटफण्ड कंपनियों के विरूद्ध शिविर लगाकर शिकायतें प्राप्त कर निराकरण कराने के निर्देश दिये गये थे 275 प्रकरण कायम किये जाकर शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है। जिला रतलाम, कटनी, इंदौर एवं नीमच में निवेशकों के रूपये वापस कराने की अच्छी कार्यवाही की गई है। करोड़ों रुपये आवेदकों को दिलाए गए। बदमाशों द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई सम्पत्ति एवं शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण करने के मामलों में इन सम्‍पत्तियों को नष्ट करना एवं शासकीय जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इसी तरह जिला इंदौर, भोपाल में भू-माफियाओं के विरुद्ध भी प्रभावी कार्यवाही की गई है।

  • डीएनए जांच में सहयोग देगी पुलिस -डीजीपी राजेन्द्र कुमार

    डीएनए जांच में सहयोग देगी पुलिस -डीजीपी राजेन्द्र कुमार

    भोपाल में नव निर्मित उच्‍च तकनीक प्रयोगशाला में डीएनए जाँच शुरू

    भोपाल, 07 मार्च(प्रेस सूचना केन्द्र)। दृढ़ इच्‍छा शक्ति एवं संकल्‍पबद्ध होकर डीएनए के सभी लंबित सैम्‍पल की जाँच का काम अगले छ: माह के भीतर पूरा करें। इसके लिए तकनीकी स्‍टाफ एवं अन्‍य सुविधाएं मुहैया कराने में पुलिस मुख्‍यालय का पूरा सहयोग मिलेगा। यह बात पु‍लिस महानिदेशक राजेन्द्र कुमार ने एफएसएल वैज्ञानिकों एवं तकनीकी स्‍टाफ को संबोधित करते हुए कही। श्री राजेन्‍द्र कुमार ने यहाँ भदभदा रोड़ स्थित क्षेत्रीय न्‍याया‍लयिक विज्ञान प्रयोगशाला परिसर में नव निर्मित हाईटेक लेबोरेटरी कॉम्‍प्‍लेक्‍स (उच्‍च तकनीक प्रयोगशाला) में डीएनए परीक्षण कार्य का शनिवार को शुभारंभ किया। ज्ञात हो लगभग छ: करोड़ रूपये की लागत से निर्मित इस हाईटेक लेबोरेटरी कॉम्‍प्‍लेक्‍स भवन का लोकार्पण गत 26 फरवरी को मुख्‍यमंत्री द्वारा किया गया था।

          इस लेबोरेटरी के शुरू होने से डीएनए जाँच के क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश में नया अध्‍याय जुड़ा है। अब प्रदेश में डीएनए जाँच के लिए अत्‍याधुनिक तकनीक से सुसज्जित दो प्रयोगशालाएँ हो गईं हैं। अभी तक केवल सागर की एफएसएल में ही डीएनए जाँच की सुविधा उपलब्‍ध थी। इस हाईटेक लैब में एनजीएस उपकरण भी लगाया गया है, जो भारत की किसी लैब में पहली बार लगा है। भोपाल में आधुनिकतम उपकरणों के साथ शुरू हुई इस प्रयोगशाला में डीएनए जाँच के साथ-साथ Cow Buffalo meat testing ( गाय एवं भैंस के मांस का परीक्षण) का काम भी होगा। यह लैब शुरू होने से पॉक्‍सो एक्‍ट एवं यौन अपराधों के निराकरण में तेजी आएगी।

          पुलिस महानिदेशक श्री राजेन्‍द्र कुमार ने मध्‍यप्रदेश एफएसएल के निदेशक से कहा कि प्रदेश में जब तक नई अन्‍य लैब शुरू नहीं होतीं तब तक डीएनए सैम्‍पल जाँच की पैडेंसी दूर करने के लिए सागर एवं भोपाल की लैब को 24 घंटे चालू रखने का प्रयास करें। तकनीकी स्‍टाफ की कमी दूर करने के लिए स्‍टाफ का युक्तियुक्‍तकरण किया जाए। उन्‍होंने हिदायत दी कि डीएनए जाँच करने में सक्षम स्‍टाफ को मैदानी स्‍तर से इन प्रयोगशाला में पदस्‍थ करें। साथ ही भरोसा दिलाया अन्‍य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पुलिस मुख्‍यालय से हर संभव मदद मिलेगी। पुलिस महानिदेशक के आहृवान पर कार्यक्रम में मौजूद स्‍टाफ ने डीएनए पैडेंसी छ: माह के भीतर निपटाने का संकल्‍प लिया।

    श्री राजेन्‍द्र कुमार ने कहा कि डीएनए जाँच रिपोर्ट एक ऐसा साक्ष्‍य है, जिससे अपराधी को शत-प्रतिशत सजा दिलाई जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि लैगिंक अपराधों एवं हत्‍या के प्रकरणों में न्‍यायालय द्वारा डीएनए सैम्‍पल जाँच रिपोर्ट की माँग खासतौर पर की जाती है। इसलिए डीएनए जाँच की गति हमें तेज करनी ही होगी। पुलिस महानिदेशक ने डीएनए जाँच के लिए प्रदेश की लेबोरेटरी में उच्‍च मानक स्‍थापित करने पर भी विशेष बल दिया। साथ ही कहा कि ऐसे पाठ्यक्रम बनाएं, जिनके डिप्‍लोमा व प्रमाण पत्र के आधार पर तकनीकी स्‍टाफ की पूर्ति की जा सके और न्‍यायालय में भी हमारा पक्ष मजबूत हो सके।

    आरंभ में पुलिस महानिदेशक ने दीप प्रज्‍ज्‍वलन कर डीएनए परीक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जी अखेतो सेमा अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं मंचासीन थे। स्‍वागत उद्बोधन मध्‍यप्रदेश एफएसएल के निदेशक हर्ष शर्मा ने दिया। डीएनए लैब के प्रभारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मध्‍यप्रदेश डीएनए जाँच में देश भर में अग्रणी है। डीएनए जाँच के आधार पर पिछले लगभग तीन वर्ष में मध्‍यप्रदेश में न्‍यायालय ने 34 मौत की सजाएं सुनाईं है, जो देश भर में सर्वाधिक हैं।

    कार्यक्रम में अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक रेल श्रीमती अरूणा मोहन राव, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध अन्‍वेष मंगलम, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक कल्‍याण विजय कटारिया, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक जेएनपीए डी.सी.सागर, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक प्रबंध डी.श्रीनिवास राव व अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक योजना अनंत कुमार सिंह सहित अन्‍य वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी एवं एफएसएल के वैज्ञानिक व अधिकारी मौजूद थे।

  • लैंगिक अपराधों की विवेचना फोरेंसिक साक्ष्यों से करेंःडीजीपी

    लैंगिक अपराधों की विवेचना फोरेंसिक साक्ष्यों से करेंःडीजीपी

    18 जिलों के 42 पुलिस अधिकारियों ने सीखीं उत्‍कृष्‍ट विवेचना की बारीकियाँ

    भोपाल,07 फरवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)।  पुलिस अधिकारी महिला अपराधों से संबंधित नये कानूनों की बारीकियाँ समझें और साक्ष्‍य आधारित, आधुनिक एवं स्‍मार्ट पुलिसिंग के जरिए महिला उत्‍पीड़न से संबंधित अपराधों की ऐसी विवेचना करें, जिससे कोई भी अपराधी बचने न पाए। यह बात पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने कही। श्री सिंह शुक्रवार को मध्‍यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी में ”लैंगिक अपराधों की विवेचना में पुलिस की भूमिका” विषय पर संपन्‍न हुई मास्‍टर ट्रेनर्स की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा क्रिमनल जस्टिस सिस्टम के सभी अंगों के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है, तभी हम पीड़ित को न्याय और अपराधी को सजा दिलाने में सफल होंगे।

    सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा महिला अपराधों की विवेचना के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देशों के परिपालन में पुलिस मुख्यालय की निर्देश पर यह कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में प्रदेश के 18 जिलों से आए उप निरीक्षक से लेकर अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक स्‍तर के 42 पुलिस अधिकारियों को खास तौर पर महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित अपराधों की उत्कृष्ट विवेचना करने के गुर सिखाए गए। समापन सत्र में विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री संजय राणा,  मध्‍यप्रदेश पुलिस अकादमी के निदेशक श्री के.टी.वाइफे एवं संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवा डॉ वंदना खरे मंचासीन   थीं।

    पुलिस महानिदेशक श्री सिंह ने कहा कि महिला अपराधों की विवेचना के दौरान विशेष सावधानी व सतर्कता बरतने की जरूरत है। साक्ष्‍य जुटाने व डीएनए जाँच के लिए सैंपल भेजने से लेकर उसकी रिपोर्ट न्‍यायालय में प्रस्‍तुत करने तक निर्धारित प्रोटोकॉल व समय-सीमा का पालन करें। उन्‍होंने पुलिस अधिकारियों से इस काम को चुनौती के रूप में लेकर अंजाम देने को कहा।

    विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री संजय राणा ने कहा कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय के दिशा-निर्देशों के पालन में एक साल के भीतर प्रदेश भर में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 650 पुलिस अधिकारियों को उत्‍कृष्‍ट विवेचना का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा विशेषज्ञ रिसोर्स पर्सन का लाभ जिले स्‍तर तक पहुँचाने के लिए वीडियो कॉन्‍फ्रेसिंग के जरिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए स्‍मार्ट क्‍लास तैयार किए जा रहे हैं।

    कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा यौन अपराधों की उत्‍कृष्‍ट विवेचना व वैज्ञानिक साक्ष्‍य जुटाने की बारीकियां सहित इस संबंध में सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिए गए अन्‍य दिशा-निर्देशों के बारे में विस्‍तार पूर्वक बताया गया। यहाँ प्रशिक्षित किए गए सभी मास्‍टर ट्रेनर्स अपने-अपने जिलों में जाकर पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।

    समापन सत्र में पुलिस महानिदेशक ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं ने भी अपना फीडबैक दिया और प्रशिक्षण को अत्‍यंत उपयोगी बताया। आरंभ में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के निदेशक श्री के.टी.वाईफे ने कार्यशाला की विषय वस्‍तु पर प्रकाश डाला। सभी अतिथियों को स्‍मृति चिन्‍ह के रूप में पुस्‍तकें भेंट की गईं। समापन सत्र का संचालन प्रशिक्षण अकादमी के अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज पाण्‍डेय ने किया। अंत में अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मि पाण्‍डेय ने सभी के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

    इस अवसर पर  अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण श्रीमती निमिषा पाण्‍डेय व मध्‍यप्रदेश पुलिस अकादमी के अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक श्री कमल मौर्य सहित अन्‍य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

    शंका समाधान के लिए शुरू होगी इनफोरमेशन डेस्‍क

    पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह ने मध्‍यप्रदेश पुलिस प्रशिक्षण अकादमी भौंरी की प्रशिक्षण व्‍यवस्‍था एवं सुविधाओं की सराहना की। साथ ही कहा कि यहाँ से प्रशिक्षण लेकर जाने वाले पुलिस अधिकारियों सहित अन्‍य विवेचना अधिकारियों की शंकाओं के समाधान के लिए अकादमी में एक इनफोरमेशन डेस्‍क शुरू की जाए।