डीएनए जांच में सहयोग देगी पुलिस -डीजीपी राजेन्द्र कुमार

भोपाल में नव निर्मित उच्‍च तकनीक प्रयोगशाला में डीएनए जाँच शुरू

भोपाल, 07 मार्च(प्रेस सूचना केन्द्र)। दृढ़ इच्‍छा शक्ति एवं संकल्‍पबद्ध होकर डीएनए के सभी लंबित सैम्‍पल की जाँच का काम अगले छ: माह के भीतर पूरा करें। इसके लिए तकनीकी स्‍टाफ एवं अन्‍य सुविधाएं मुहैया कराने में पुलिस मुख्‍यालय का पूरा सहयोग मिलेगा। यह बात पु‍लिस महानिदेशक राजेन्द्र कुमार ने एफएसएल वैज्ञानिकों एवं तकनीकी स्‍टाफ को संबोधित करते हुए कही। श्री राजेन्‍द्र कुमार ने यहाँ भदभदा रोड़ स्थित क्षेत्रीय न्‍याया‍लयिक विज्ञान प्रयोगशाला परिसर में नव निर्मित हाईटेक लेबोरेटरी कॉम्‍प्‍लेक्‍स (उच्‍च तकनीक प्रयोगशाला) में डीएनए परीक्षण कार्य का शनिवार को शुभारंभ किया। ज्ञात हो लगभग छ: करोड़ रूपये की लागत से निर्मित इस हाईटेक लेबोरेटरी कॉम्‍प्‍लेक्‍स भवन का लोकार्पण गत 26 फरवरी को मुख्‍यमंत्री द्वारा किया गया था।

      इस लेबोरेटरी के शुरू होने से डीएनए जाँच के क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश में नया अध्‍याय जुड़ा है। अब प्रदेश में डीएनए जाँच के लिए अत्‍याधुनिक तकनीक से सुसज्जित दो प्रयोगशालाएँ हो गईं हैं। अभी तक केवल सागर की एफएसएल में ही डीएनए जाँच की सुविधा उपलब्‍ध थी। इस हाईटेक लैब में एनजीएस उपकरण भी लगाया गया है, जो भारत की किसी लैब में पहली बार लगा है। भोपाल में आधुनिकतम उपकरणों के साथ शुरू हुई इस प्रयोगशाला में डीएनए जाँच के साथ-साथ Cow Buffalo meat testing ( गाय एवं भैंस के मांस का परीक्षण) का काम भी होगा। यह लैब शुरू होने से पॉक्‍सो एक्‍ट एवं यौन अपराधों के निराकरण में तेजी आएगी।

      पुलिस महानिदेशक श्री राजेन्‍द्र कुमार ने मध्‍यप्रदेश एफएसएल के निदेशक से कहा कि प्रदेश में जब तक नई अन्‍य लैब शुरू नहीं होतीं तब तक डीएनए सैम्‍पल जाँच की पैडेंसी दूर करने के लिए सागर एवं भोपाल की लैब को 24 घंटे चालू रखने का प्रयास करें। तकनीकी स्‍टाफ की कमी दूर करने के लिए स्‍टाफ का युक्तियुक्‍तकरण किया जाए। उन्‍होंने हिदायत दी कि डीएनए जाँच करने में सक्षम स्‍टाफ को मैदानी स्‍तर से इन प्रयोगशाला में पदस्‍थ करें। साथ ही भरोसा दिलाया अन्‍य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पुलिस मुख्‍यालय से हर संभव मदद मिलेगी। पुलिस महानिदेशक के आहृवान पर कार्यक्रम में मौजूद स्‍टाफ ने डीएनए पैडेंसी छ: माह के भीतर निपटाने का संकल्‍प लिया।

श्री राजेन्‍द्र कुमार ने कहा कि डीएनए जाँच रिपोर्ट एक ऐसा साक्ष्‍य है, जिससे अपराधी को शत-प्रतिशत सजा दिलाई जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि लैगिंक अपराधों एवं हत्‍या के प्रकरणों में न्‍यायालय द्वारा डीएनए सैम्‍पल जाँच रिपोर्ट की माँग खासतौर पर की जाती है। इसलिए डीएनए जाँच की गति हमें तेज करनी ही होगी। पुलिस महानिदेशक ने डीएनए जाँच के लिए प्रदेश की लेबोरेटरी में उच्‍च मानक स्‍थापित करने पर भी विशेष बल दिया। साथ ही कहा कि ऐसे पाठ्यक्रम बनाएं, जिनके डिप्‍लोमा व प्रमाण पत्र के आधार पर तकनीकी स्‍टाफ की पूर्ति की जा सके और न्‍यायालय में भी हमारा पक्ष मजबूत हो सके।

आरंभ में पुलिस महानिदेशक ने दीप प्रज्‍ज्‍वलन कर डीएनए परीक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जी अखेतो सेमा अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं मंचासीन थे। स्‍वागत उद्बोधन मध्‍यप्रदेश एफएसएल के निदेशक हर्ष शर्मा ने दिया। डीएनए लैब के प्रभारी डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मध्‍यप्रदेश डीएनए जाँच में देश भर में अग्रणी है। डीएनए जाँच के आधार पर पिछले लगभग तीन वर्ष में मध्‍यप्रदेश में न्‍यायालय ने 34 मौत की सजाएं सुनाईं है, जो देश भर में सर्वाधिक हैं।

कार्यक्रम में अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक रेल श्रीमती अरूणा मोहन राव, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध अन्‍वेष मंगलम, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक कल्‍याण विजय कटारिया, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक जेएनपीए डी.सी.सागर, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक प्रबंध डी.श्रीनिवास राव व अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक योजना अनंत कुमार सिंह सहित अन्‍य वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी एवं एफएसएल के वैज्ञानिक व अधिकारी मौजूद थे।

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