जातिगत जनगणना फूट डालने का षड़यंत्रःकंगना रनौत

सांसद कंगना रनौतःदेश की ज्वलंत समस्याओं को सुलझाने में ये मुखरता काम आएगी.

Kangana Ranaut News: किसान आंदोलन पर अपने दो टूक बयान से मीडिया की सुर्खियां बनीं बीजेपी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने अब जाति आधारित जनगणना पर भी स्पष्ट राय दी है। कंगना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiyanath) के ‘साथ रहेंगे, नेक रहेंगे’ वाले बयान को दोहराते हुए कहा कि जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए.

एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा , “जातिगत जनगणना पर मेरा वही स्टैंड है जो सीएम योगी आदित्यनाथ का है,कि हम साथ रहेंगे तो नेक रहेंगे, बंटेंगे तो कटेंगे. जातिगत जनगणना बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए. हमें अपने आस-पास के लोगों की जाति की जानकारी नहीं होती और न इसकी जरूरत है। आज तक जनगणना को जाति के आधार पर घोषित नहीं किया गया तो अब इसकी क्या जरूरत।

कंगना ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि गरीब, किसान,मजदूर और महिलाएं चार जातियां हैं. इसके अलावा कोई जाति नहीं होनी चाहिए।श्री रामनाथ कोविंद जी देश के दलित राष्ट्रपति बने,सुश्री द्रौपदी मुर्मू जी देश की आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं. हम ऐसे उदाहरणों को क्यों नहीं देखते। आरक्षण को लेकर मैं अपनी पार्टी के स्टैंड पर कायम हूं, लेकिन मुझे लगता है महिलाओं की सुरक्षा,मजदूर, किसान और गरीबों के लिए काम करना जरूरी है।”

कंगना रनौत ने कहा, “अगर हमें विकसित भारत की तरफ जाना है तो गरीब, महिला और किसानों की ही बात होनी चाहिए, लेकिन अगर हमें देश को जलाना है, नफरत करना है या फिर एक-दूसरे से लड़ना-मरना है तो जाति की गणना होनी चाहिए.” जातिगत जनगणना का शिगूफा देश में फूट डालने का षड़यंत्र है। गौर करें कि कंगना रनौत बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में रही हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था, “अगर देश में मजबूत नेतृत्व नहीं होता, तो भारत में भी किसान आंदोलन के समय बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।”

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