भोपाल, 12 मार्च(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर) । पास्को एक्ट के आरोपी और कतिपय भ्रष्ट जजों के टुकड़खोर प्रकाश चंद्र गुप्ता के खिलाफ पास्को एक्ट में प्राप्त शिकायत और सबूतों को लेकर आज भोपाल पुलिस ने जिला अदालत में चालान प्रस्तुत कर दिया। पुलिस कार्रवाई को बरसों से धता बता रहे गुप्ता के विरुद्ध पुलिस के पास ढेरों कहानियां हैं लेकिन अब तक वह झूठे साक्ष्यों का इस्तेमाल करके अदालतों को झांसा देता रहा है। पुलिस ने पास्को एक्ट में लगभग नौ महीनों की जांच के बाद ये चालान प्रस्तुत किया है।
अदालत के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बूटकॉम कंप्यूटर नाम से एमपीनगर में दूकान चलाने वाले गुप्ता के विरुद्ध उसके एक करीबी मित्र की बेटी ने शिकायत की है कि गुप्ता ने उसके साथ अनैतिक संबंध बनाने की नियत से छेड़खानी की थी। पुलिस ने कानूनी विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही पास्को एक्ट में ये पकरण दर्ज किया है। कथित तौर पर बैंकों , व्यवसायियों और आम नागरिकों से धोखाघड़ी करने वाले इस कुख्यात आरोपी के विरुद्ध बरसो से पुलिस के पास शिकायतें तो प्राप्त होती रहीं हैं लेकिन साक्ष्यों के अभाव में वह अक्सर बच निकलता था।
सूत्र बताते हैं कि प्रकाश गुप्ता को न्यायपालिका के कुछ भ्रष्ट जजों, बैंकों से अरबों रुपयों का लोन लेकर गड़प जाने वाले ठगों और पुलिस के कुछ भ्रष्ट अफसरों का संरक्षण रहा है। कुछ जजों के विरुद्ध ठगी करने वाले गुप्ता को एक समय में कुख्यात अपराधी रहे मुख्तयार मलिक ने भी धमकी दी थी लेकिन अदालतों और पुलिस अफसरों की शरण लेकर वह बच निकला। करोड़ों रुपयों की ठगी के बाद कई व्यापारियों ने अपराध जगत की शरण लेकर भी गुप्ता से अपनी रकम वापस पाने का प्रयास किया लेकिन हर बार वह चकमा देकर बच निकलता था।
पुलिस को इस बार उसकी पास्को एक्ट की वारदात की सूचना मिली तो उसने पूरी छानबीन करके चालान प्रस्तुत किया है। गुप्ता ने अपने अदालती सहयोगियों के माध्यम से जमानत पाने का आवदेन प्रस्तुत किया है। हालांकि उसके विरुद्ध शिकायत करने वाली पुलिस और फरियादी ने अदालत से अनुरोध किया है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसका जमानत आवेदन खारिज करके उसे जेल भेजा जाए।
उत्तर प्रदेश के लालगंज का रहने वाले गुप्ता का परिवार कथित तौर पर भाजपा से भी जुड़ा है और इलाके का कुख्यात माफिया है।नाबालिग लड़कियों से रेप के अपराधी प्यारे मियां को तो शिवराज सिंह चौहान की पुलिस ने जेल के सीखचों में पहुंचा दिया था लेकिन गुप्ता ने सरकार में अपनी जमावट करके कानूनी प्रक्रियाओं को कमजोर करवा लिया था। देखना है कि डॉ. मोहन यादव की पुलिस के सामने गुप्ता की चालबाजियां चल पाती हैं या नहीं। हालांकि गुप्ता कई बार अंडरवर्ल्ड की धमकियों को लेकर पुलिस संरक्षण हासिल करता रहा है।
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