सरकारी कालेजों को दुबारा बजट देकर किसने किया भ्रष्टाचार

भोपाल, 21 जुलाई,(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर) उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालय जोकि शिक्षा की सबसे ऊंची इकाई मानी जाती है,उनकी गरिमा ताक पर रखकर नियम विरुद्ध प्रक्रियाओं से उन्हें भ्रष्टाचार का केंद्र बनाया जा रहा है | उच्च शिक्षा विभाग ने अपने पत्र क्रमांक 291/272/आउशि/योजना/2023 दिनांक 6.6.23से महाविद्यालयों की एक सूची प्रकाशित की थी जिसमें यह निर्देश दिए गए थे की जो महाविद्यालय विश्व बैंक पोषित योजना ऑब्लिक रूसा योजना अंतर्गत आ रहे हैं उन कॉलेजों को प्रस्ताव नहीं भेजना है इन महाविद्यालयों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा इसका प्रमाण पत्र भी कॉलेजों से मंगवाया गया था उसके बावजूद उन्हीं कॉलेजों को दुबारा बजट आवंटन कर दिया गया I जिन कॉलेजों पिपरई, मंदसौर पी जी कॉलेज , मंदसौर गर्ल्स ,नलखेडा , दालोदा को पिछले साल बजट आवंटित हुआ था उन्हें इस बार फिर बजट आबंटित कर दिया गया। उच्च अधिकारियों ने ही इस प्रक्रिया को डबल अपनाने के आदेश जारी किए हैं।
यह प्रक्रिया प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकांश महाविद्यालयों में एक जैसी की जा रही है और एक ही व्यक्ति विशेष फर्म एवं अधिकारियों को लाभ दिलाने की दृष्टि से यह कार्य किया जा रहा है| उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वर्तमान में नामली ,जीरन,रावती ,अजयगढ़,मंदसौर , पवई,पिपरई , जैतवारा ,नलखेडा ,दलोदा एवं अन्य महाविद्यालयों को बजट आवंटित किया गया है निविदा की शर्त निम्नानुसार है :-

1.सभी महाविद्यालय की निविदा में निविदाकारो से समस्त उत्पादों कि टेस्ट रिपोर्ट थर्ड पार्टी अन्य लैब से चाही गयी है, जबकि निर्माता द्वारा प्रदाय किये जा रहे उत्पादों को निर्माता कंपनी द्वारा अपनी टेस्टिंग लैब में टेस्ट करवाकर ही सप्लाई कर दिया गया। निविदा में न्यूनतम दर आने वाली फर्म को सामान देने के पूर्व थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन/विभाग की तकनीकी समिति से कराना होता है I

2.सभी महाविद्यालय कि निविदा में निविदाकार का पास्ट एक्सपीरियंस 50% मांगा गया है जिसमे बिड वैल्यू नहीं दर्शायी गई है। जिससे निविदाकार का पास्ट एक्सपीरियंस 50% उपकरणों कि संख्या के आधार पर आकलन होना है I जबकि आश्चर्य की बात यह है कि निविदा कि अतिरिक्त निविदा बिंदु क़ 6 की शर्तो में निविदाकार द्वारा पिछले 3 वर्षों में ₹ 1 करोड़ का एकल ऑर्डर एवं ₹ 47- 47 लाख रुपए के पृथक – पृथक दो आर्डर उपलब्ध कराने होंगे नहीं तो निविदा पत्रक के अभाव में अमान्य कर दी जावेगीI

  1. जेम पोर्टल पर उपलब्ध निविदा क्रमांक GEM/2023/B/3669315 DT. 11.7.23, GEM/2023/B/3669485, DT. 11.7.23, GEM/2023/B/3668564 DT.10.7.23 , GEM/2023/B/3667558 DT.11.7.23 , GEM/2023/B/3667559 Dt.11.7.2023 को प्रकाशित हुई | जिसमें GEM/2023/B/3669315 DT. 11.7.23 निविदा में विभाग का नाम डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन प्रदर्शित हो रहा है एवं निविदा में ऑर्गेनाइजेशन का नाम गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ मध्य प्रदेश प्रदर्शित है, निविदा के प्रपत्र में कहीं भी महाविद्यालय का नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा है और उच्च शिक्षा विभाग में कोई भी ऐसा महाविद्यालय नहीं है जिसका नाम गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ मध्य प्रदेश हैI निविदा में धरोहर राशि की मांग की गई है जिसमें बेनेफिशरी के नाम के लिए गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ मध्य प्रदेश के नाम पर धरोहर राशि जमा करनी है , निविदा में महाविद्यालय का ऐसा कोई भी खाता नंबर नहीं है जिसमें यह राशि जमा की जा सके निविदाकारों के साथ मिलकर महाविद्यालय के अधिकारी/कर्मचारी एवं संस्था विशेष लोगो द्वारा राशी कि बंदरबांट करने का प्रयास किया जा रहा है |
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