अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी, आज आएगा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जवाब
भोपाल,21 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में तीसरे दिन बुधवार को सदन की कार्यवाही गहमागहमी भरी रही . कई सालों बाद सदन में लगभग साढ़े तेरह घंटों तक चर्चा जारी रही। सुबह ग्यारह बजे समवेत हुआ सदन समयकाल बढ़ाने के साथ रात्रि 12.37 बजे तक चलता रहा। कार्यवाही के दौरान कई बार पक्ष और विपक्ष के नेताओं में तीखी बहस देखने को मिली. कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने ये प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिस पर हुई चर्चा ने सत्ता पक्ष को अपने कामकाज पर सफाई देने का अवसर मिल गया। कई बार तो विपक्ष स्वयं अपने आरोपों में घिरता नजर आया।
कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल गुरुवार को जवाब प्रस्तुत करेंगे. इधर विधानसभा सत्र के महत्वपूर्ण तीसरे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कमलनाथ नदारद रहे. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बुधवार को विदिशा जिले के सिरोंज जिले के दौरे पर थे . जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी कार्यवाही के दौरान मौजूद रहे.
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि सरकारी पैसे से भाजपा ने अपने दफ्तर में 40 करोड़ रुपए का खाना खिला दिया. जीतू पटवारी के इस बयान पर नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया भडक़ उठे. मंत्री भदौरिया अपनी सीट से उठकर विपक्ष की और बढऩे लगे जिस पर विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरु कर दिया. मामले को बढ़ता देख स्पीकर ने जैसे तैसे मामले को शांत कराया. इसके बाद जीतू पटवारी ने पुन: बोलना शुरू किया.
हंगामे के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने ओपीएस भदौरिया को बिल्ली कहकर संबोधित किया. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि ओपीएस अपने क्षेत्र में भीगी बिल्ली बने फिरते हैं और यहां पहलवानी बता रहे हैं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के तेवर इसलिए तेज हो रहे थे. क्योंकि पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के वक्तव्य के दौरान मंत्री ओपीएस भदौरिया अपनी सीट से उठ खड़े हुए ,जिन्हें मंत्री रामखेलावन सिंह बार बार हाथ पकडक़र बिठाते नजर आए.
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कमलनाथ सरकार में हम अपने क्षेेत्र के गरीब नागरिकों के नाम गरीबी रेखा में जुड़वाने के लिए प्रयास करते रहे लेकिन डेढ़ साल तक पोर्टल ही नहीं खोला गया। जबकि शिवराज सिंह चौहान की सरकार आते ही पच्चीस लाख लोगों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ दिए गए। कांग्रेस सरकार अप्राकृतिक मृत्यु होने पर पचास हजार रुपए हर्जाना देती थी जबकि शिवराज सरकार ने चार लाख रुपए मुआवजा देना शुरु कर दिया। ये सरकार भोपाल के मंत्रालय से नहीं बल्कि प्रदेश के चौपालों से चलने वाली सरकार है।
सुश्री हिना लिखीराम कांवरे ने सरकार की कार्यप्रणाली को घेरे में लेते हुए कहा कि गृहमंत्री बड़े बड़े दावे करते हैं कि उनके शासनकाल में डकैतों,नक्सलियों पर कार्रवाई हुई है लेकिन हकीकत ये है कि बालाघाट और इसके आसपास नक्सलवादियों ने इतने घर बना लिए हैं कि सरकार किस किस घर में घुसकर उन्हें मार पाएगी। आतंकी हरकतों की वजह से कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटक आखिर क्यों आएंगे। बालाघाट को नक्सली अपना रेस्ट जोन मानते हैं। नक्सलियों ने इलाके के नागरिकों का हक छीना है वहां कोई उद्योगपति अपना कारोबार शुरु नहीं करना चाहते।
शीतकालीन विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की कार्रवाई में पक्ष और विपक्ष के नेताओं में व्यंग्य तंज का भी दौर चला. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि हमने अविश्वास प्रस्ताव में जो मुद्दे उठाए, उनपर जवाब देना चाहिए. इस पर मंत्री गोपाल भार्गव वने कहा कि आपने आज क्या भाषण दिया वो आपको खुद याद नहीं होगा. इस पर संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह तो ढोर डॉक्टर हैं.
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