भोपाल,21 जनवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)। सागर में दलित को जिंदा जलाने वाले युवकों को कांग्रेस के नेताओं का खुला संरक्षण है इसलिए पुलिस इस वारदात के असली आरोपियों को बचा रही है। जिन तीस पैंतीस लोगों ने पीड़ित धन प्रसाद पुत्र निजाम अहिरवार का घर घेरा था उन्हें पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने आज पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि सरकार दलितों को निशाना बना रही है और अपना खोया वोट बैंक लौटाने के लिए दलितों के बीच अपने समर्थन वाला नेतृत्व खड़ा करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि सागर के मोतीनगर थानाक्षेत्र के धर्मश्री वार्ड की आवासीय कालोनी के रहवासी धनप्रसाद अहिरवार को आरोपियों ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी और दरवाजे की कुंडी भी बंद कर दी ताकि वो किसी भी प्रकार से बच न पाए। उसे साठ फीसदी जल जाने के बावजूद सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। सरकार यदि उसे न्याय दिलाने के लिए गंभीर होती तो उसे सफदरजंग दिल्ली की बर्न यूनिट में भर्ती करवाती और बेहतर इलाज कराती। उसे बुंदेलखंड मेडीकल कालेज की सिफारिश के बाद हमीदिया अस्पताल के सामान्य वार्ड में रखा गया है। इससे सरकार के दलित विरोधी चेहरे की असलियत उजागर हो गई है।
श्री आर्य ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए एक टीम भी गठित की है। इस टीम में श्री आर्य के साथ सागर के विधायक शैलेन्द्र जैन, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया और सूरज कैरों व अन्य लोग घटना स्थल पर गए थे। उन्हें बताया गया कि दो दिन पहले बच्चों का विवाद पुलिस थाने भी पहुंचा था लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद कालोनी के ही छुट्टू, अज्जू पठान, कल्लू और इरफान ने कैरोसिन डालकर धनप्रसाद को जिंदा जला दिया। आज वह जीवन और मौत के बीच झूल रहा है।
भाजपा की ओर से श्री आर्य ने बताया कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। कांग्रेस के नेता अपना खोया वोट बैंक वापस पाने के लिए दलित समाज के ऐसे लोगों को निशाना बना रही है जिन्होंने दलितों को वोट बैंक समझे जाने वाली राजनीति का विरोध किया है। इसके लिए वे मुस्लिमों को ढाल बनाकर दलितों के बीच फूट डालने का काम कर रहे हैं।
उधर सागर विधायक शैलेन्द्र जैन का कहना है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो अपराधियों में खौफ होता और वे इस तरह की वारदात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब होने की वजह से ये स्थितियां निर्मित हुई हैं।
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