बीमा योजना से कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति बंद


मंत्रि-परिषद के निर्णय 

भोपाल,4 जनवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)। कमल नाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना से लगभग 12 लाख 55 हजार कर्मचारी/अधिकारी लाभांवित होंगे।बीमा योजना लागू होने से कर्मचारियों को दी जाने वाली चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था बंद कर दी जाएगी।

इस योजना का लाभ प्रदेश के सभी नियमित शासकीय कर्मचारी, सभी संविदा कर्मचारी, शिक्षक संवर्ग, सेवानिवृत्त कर्मचारी, नगर सैनिक, आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले पूर्ण कालिक कर्मचारियों और राज्य की स्वशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा। इसके अलावा निगम/मण्डलों में कार्यरत कर्मचारियों एवं अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए योजना वैकल्पिक होगी।

मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में बाहय रोगी ओपीडी के रूप में प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये तक का नि:शुल्क उपचार अथवा नि:शुल्क दवाओं का वितरण किया जाएगा। सामान्य उपचारों के लिए प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये और गंभीर उपचारों के लिए 10 लाख रूपये तक की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी। दस लाख से अधिक के उपचार के लिए राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड द्वारा विशेष अनुमति दी जा सकेगी।

मंत्रि-परिषद ने महिला-बाल विकास विभाग द्वारा शत-प्रतिशत सहायित भारत सरकार की योजना वन स्टाप सेन्टर को प्रदेश के 51 जिलों में संचालित एवं निरंतर रखने की मंजूरी दी। इसके लिये 560 नये पद सृजित करने की भी मंजूरी दी गयी।

मंत्रियों का स्वेच्छानुदान अब एक करोड़

मंत्रि-परिषद ने मंत्रियों की वार्षिक स्वेच्छानुदान की राशि 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रूपये करने की मंजूरी दी। इसी प्रकार, राज्य मंत्रियों की वार्षिक स्वेच्छानुदान राशि को 35 लाख से बढ़ाकर 60 लाख किया गया है।

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