प्राचार्या बोलीं शिवलिंग बनाओ पास हो जाओगी,अच्छी नौकरी मिलेगी
भोपाल(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार युवाओं को रोजगार देने के पैमाने पर फिसड्डी साबित हुई है। जनता के धन पर उद्योगपतियों को निमंत्रण देते फिरे मुख्यमंत्री खुद इस बात से हैरान हैं कि आखिर उद्योगपति मध्यप्रदेश क्यों नहीं आना चाहते। रोजगार के मापदंडों पर सरकार को लगातार मिल रही असफलता से परेशान लोगों ने अब सरकार के बजाए ईश्वर के भरोसे ही रहना शुरु कर दिया है। राजधानी के सरकारी स्कूल में तो प्रिंसिपल महोदया ने अन्य शिक्षिकाओं के साथ मिलकर छात्राओं से मिट्टी के शिवलिंग बनवाए । सावन के महीने में किए गए इस आयोजन में प्राचार्या महोदया ने छात्राओं के कहा कि उन्हें अच्छे नंबरों में पास होना है और अच्छी नौकरी पानी है तो पूरी भक्ति के साथ शिवलिंग बनाएं।हालांकि कुछ मुस्लिम छात्राओं ने जब शिवलिंग बनाने से इंकार कर दिया तो उन्हें स्कूल से छुट्टी दे दी गई।
भगवान भरोसे चल रही भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार को आयोजन वाली सरकार कहा जाता है। ये सरकार साल भर तरह तरह के आयोजन करती रहती है। इन आयोजनों में जनता का धन फूंक दिया जाता है पर समस्याओं के स्थायी समाधान नहीं तलाशे जाते हैं। यही वजह है कि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। हालत ये है कि बेरोजगारी के चलते स्कूली बच्चों का भी शिक्षा से मोह भंग होने लगा है।
राजधानी के ह्दय स्थल तात्याटोपे नगर में स्थित शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आज मिट्टी के शिवलिंग बनाने का आयोजन किया गया। प्राचार्या निशा कामरानी ने बाल सभा आयोजन के अंतर्गत शिवलिंग निर्माण का ये आयोजन रखा था। उन्होंने पिछले माह ही इस स्कूल में प्राचार्या के रूप में कार्यभार संभाला है। इसके पहले वे लोक शिक्षण संचालनालय में वर्चुअल क्लास का कामकाज देखतीं थीं। अपने राजनीतिक संबंधों के चलते उन्होंने यहां पदस्थ पूर्व प्राचार्य आर.एन.शर्मा को तूमड़ा पहुंचवा दिया और राजधानी के इस प्रमुख स्कूल की कुर्सी संभाल ली। बताते हैं आते ही उन्होंने शिक्षिकाओं को समझा दिया कि अब इस स्कूल में वही होगा जो सरकार चाहेगी। सूत्र बताते हैं कि स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह की पहल पर उन्हें इस स्कूल की जवाबदारी थमाई गई है।
मिट्टी के शिवलिंग निर्माण के इस आयोजन के बाद लड़कियों के नाम पर भंडारा भी खिलाया गया। इस आयोजन में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्थानीय राजनेताओं को भी आमंत्रित किया गया था।जबकि लड़कियों को इसमें शामिल नहीं किया गया। मंच पर जब पंडितजी पूजा करवा रहे थे तब प्रचार्या महोदया माईक संभालें थीं। वे लड़कियों से कह रहीं थीं कि पूरे मनोयोग से शिवलिंग बनाओ। उनका अभिषेक करो। इस पूजा का फल मिलेगा। तुम सभी अच्छे नंबरों से पास हो जाओगी और अच्छी नौकरी मिलेगी।
नाम न छापने की शर्त पर स्कूल की ही कुछ शिक्षिकाओं ने कहा कि सरकारी स्कूलों में इस तरह के आयोजन गलत हैं। धर्म विशेष के आयोजनों से अन्य समाजों की छात्राओं को तकलीफ भी हुई है पर इसके संबंध में आयोजन कर्ता ही कुछ बता सकते हैं। प्राचार्य महोदया की संदिग्ध गतिविधियों से शिक्षिकाओं और शिक्षा विभाग के जानकारों में असंतोष है पर सरकार के रवैये को देखते हुए वे फिलहाल खामोश हैं।
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