भोपाल, 24 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।Saurabh Sharma Case परिवहन विभाग के सेवा निवृत्त कांस्टेबल सौरभ शर्मा के बारे में जांच में एक बात सामने आई है कि उसने ज्यादातर चेक पोस्टों से उगाही की रकम जुटाने के लिए परिवहन आयुक्त के पीए की मदद से अनुसूचित जाति और जन जाति के अफसरों को अपना एजेंट बनाया था। आरक्षित कोटे के अधिकारियों की पोस्टिंग इन नाकों पर कराई गई थी और फिर उन्हें महीने की एकमुश्त रकम देकर केवल दस्तखत करने की जवाबदारी थमा दी जाती थी। उगाही की रकम सौरभ शर्मा के सहयोगी बटोरते थे और फिर आला अफसरों और नेताओं को उनका कमीशन पहुंचाकर चुप कर दिया जाता था।
परिवहन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यदि इस मामले पर कोई अफसर आपत्ति करता था तो सरकार और शासन में बैठे अधिकारियों के फोन पहुंच जाते थे। सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति भी फर्जी थी और उसकी सेवा निवृत्ति को स्वीकार किया जाना भी फर्जी तरीके से किया गया था। पुलिस, आयकर महकमा ,लोकायुक्त जैसी तमाम एजेंसियां इस मामले के सभी पहलुओं को उजागर करने में जुटी हुई है। हालांकि ये मामला आपसी रंजिश की वजह से सामने आया है किसी जांच एजेंसी ने इस मामले में पहल नहीं की थी।
सूत्र बताते हैं कि सौरभ ने कई अधिकारियों को उनके कमीशन के बदले में ब्याज देने का वादा किया था। अफसरों से कहा गया था कि आपकी रकम हमने अपने सहयोगियों के मार्फत ब्याज पर चढ़ा दी है। आपको हर महीने राशि का पांच प्रतिशत ब्याज मिल जाएगा। ब्याज की ये राशि उसने थोड़े दिनों तक तो दी लेकिन बाद में आना कानी करने लगा। आपसी टसल की वजह से ही उसके सोने, चांदी और नगद राशि की जब्ती कराई गई है।
लोकायुक्त ने आरोपी सौरभ शर्मा सहित पांच लोगों को समन जारी किया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में सौरभ शर्मा लोकायुक्त के रडार पर आया था. लोकायुक्त की टीम ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर पर छापेमारी की थी. छापेमारी में करोड़ों रुपये कैश, लगभग बावन किलो सोना, ढाई क्विंटल चांदी और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए थे.
लोकायुक्त के डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा, उसकी मां, पत्नी, दो दोस्तों चेतन सिंह और शरद जायसवाल को समन भेजा गया है. उन्होंने बताया कि सौरभ शर्मा से पूछताछ के बाद अहम खुलासे हुए. इनोवा कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे. इनोवा कार सौरभ शर्मा ही इस्तेमाल करता था. हालांकि डीजी जयदीप प्रसाद ने सौरभ शर्मा के घर से मिली डायरी और कागजात की जानकारी नहीं दी. उन्होंने सौरभ शर्मा के लोकेशन की जानकारी से भी इंकार किया.
जयदीप प्रसाद ने आगे बताया कि मामले की जांच करने के लिए तीन सदस्यों की एक टीम बनाई गई है. जांच टीम की अगुवाई लोकायुक्त के डीसीपी वीरेंद्र सिंह करेंगे. भ्रष्टाचार के आरोपी सौरभ शर्मा पर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. सौरभ शर्मा के दूसरे ठिकाने का सीसीटीवी फुटेज बड़े राज को उजागर करता है. जिस लावारिस गाड़ी में 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिले थे, जो चेतन सिंह की बताई जा रही, इसका सीधा संबंध सौरभ शर्मा से ही था. पूरे मामले में लोकायुक्त, इनकम टैक्स के बाद अब ईडी की भी एंट्री हो गई है. सौरभ शर्मा और चेतन सिंह के खिलाफ एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है.
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