भोपाल(प्रेस सूचना केन्द्र)। पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजयसिंह ने भाजपा पर विधायकों को बंधक बनाने, लालच देने और सरकार गिराने के जो आरोप लगाए हैं, वे बेहद निंदनीय और घटिया हैं। ये कांग्रेस की उस मानसिकता को प्रकट करते हैं, जिसे लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसा करके मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजयसिंह ने न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं बल्कि उन विधायकों का भी अपमान किया है, जो लाखों लोगों द्वारा चुने गए हैं। दुर्भाग्य से इन विधायकों में कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं। कांग्रेस का झूठ अब पूरी तरह उजागर हो गया है। राज्यसभा चुनाव की आपाधापी में यह शर्मनाक हरकत करने के लिए कांग्रेस के नेताओं को जनता, विधायकों और भाजपा कार्यकर्ताओं से माफी मांगनी चाहिए। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने विधायकों द्वारा भाजपा पर लगाए जा रहे आरोपों को गलत बताए जाने पर मीडिया के सामने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
श्री शर्मा ने कहा कि पिछले एक-सवा साल में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है। इस सरकार ने जनहित का कोई काम नहीं किया है। सरकार और कांग्रेस के नेता अलग-अलग तरीकों से लूट-खसोट में लगे हुए हैं। सत्ता में आने के पहले जनता से जो वादे किए थे, उनमें से किसी वादे को पूरा नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने इन सभी मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने, उसे भ्रमित करने के लिये यह राजनीतिक प्रपंच रचा था, ताकि जनता बाकी सब बातें भूल जाए। लेकिन इस तरह की निंदनीय हथकंडेबाजी को भारतीय जनता पार्टी सहन नहीं करेगी और कमलनाथ सरकार को इसका करारा जवाब देगी।
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि गोएवल्स ने कहा था कि एक झूठ को स्थापित के लिये 100 झूठ बोलना पड़ता है। कांग्रेस के नेता गोएवल्स की संतानों के गिरोह के रूप में उभरे हैं और उनके इस सिद्धांत को चरितार्थ कर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की हमेशा यही कोशिश रहती है कि कैसे झूठ बोला जाए। कमलनाथ सरकार झूठ बोलकर ही सत्ता में आई और अब सत्ता में बने रहने के लिये सौ झूठ का सहारा ले रही है। वहीं, पर्दे के पीछे से सरकार चलाने वाले मिस्टर बंटाढार दिग्विजय सिंह लगातार झूठ बोलते रहते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि जिन विधायकों को प्रलोभन देने के आरोप लगाए जा रहे थे, उन सभी को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर दबाव डाला गया। इसके बावजूद उन विधायकों का कहना है कि हमें भाजपा की ओर से कोई ऑफर नहीं मिला और न ही कोई हमें लेकर गया था। यह इस बात का प्रमाण है कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सहित तमाम नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के लिए झूठ फैलाया था। श्री शर्मा ने कहा कि सच्चाई क्या है, इसे कांग्रेस के नेता भी जानते हैं। कमलनाथ के मंत्री उमंग सिंगार ने कहा है कि यह सब कांग्रेसी खेमे में चल रही राज्यसभा जाने की लड़ाई है। सांसद विवेक तन्खा मानते हैं कि कांग्रेस के भीतर भारी असंतोष है, उसी के परिणामस्वरूप यह स्थितियां बन रही हैं, इसलिए मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। मंत्री प्रदीप जायसवाल कहते हैं कि सरकार जाए या रहे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। दिग्विजय सिंह के अनुज विधायक लक्ष्मण सिंह ईश्वर से दुआ कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि आ जाए। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं कि मुझे किसी हॉर्स ट्रेडिंग की जानकारी नहीं है। विधायक रामबाई का कहना था कि मुझे कोई कैसे उठा सकता है? कुल मिलाकर यह पूरा प्रपंच कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का ठीकरा भाजपा पर फोड़ने के लिये रचा गया था।
श्री शर्मा ने कहा कि जब से कमलनाथ सरकार बनी है, इसमें लगातार अंर्तद्वंद और अंर्तकलह चल रहा है। प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार को समझ चुकी है। यह सरकार माफियाओं की सरकार है। इन्होंने एक माफिया पर हाथ डाला और बाकी 99 माफियाओं से वसूली की है। भाजपा की सरकार ने कभी ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक डूबता जहाज है और सभी इससे भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की वास्तविकता पूरा देश अच्छी तरह से जानता है। वे कितना झूठ बोलते हैं, किस तरह के देशद्रोही बयान देते, जनता को सब पता है। उन्होंने कहा कि दिग्विजयसिंह उन लोगों के साथ खड़े होते हैं, जो देश तोड़ने और आजादी के नारे लगाते हैं।
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