बिजली बेचकर आय बढ़ा सकेंगे किसानःराकेश शुक्ल

राकेश शुक्लाः सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश


भोपाल, 23 अक्टूबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ल ने कहा है कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना जल्दी ही किसानों को बिजली कारोबारी के रूप में भी सक्षम बनाने जा रही है। इस योजना के कार्यान्वयन को सफल बनाने के लिए सरकार सौर ऊर्जा का लागत व्यय घटाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। आज हमारे पास प्रदेश की ही फैक्टरियों में बने सोलर पैनलऔर मोटर आदि सामान उपलब्ध है।इससे हम जल्दी ही सौर बिजली के माध्यम से ऊर्जा आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।


राजधानी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि हमारे प्रदेश में कुल सात हजार मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन हो रहा है जिसे हम अन्य राज्यों को बेचकर अपनी आय बढ़ाने में सफल हुए हैं। बारह साल पहले हम केवल पांच सौ मेगावाट बिजली बनाते थे जो अब लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव ने सोलर बिजली का उत्पादन बढ़ाने में जो रुचि दिखाई है उससे हम जल्दी ही सोलर ऊर्जा उत्पादन के अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएंगे।जल्दी ही हम सोलर ऊर्जा संयंत्रों से बीस हजार मेगावाट तक बिजली बनाने लगेंगे।


सरकार ने इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सागर और धार में तीन तीन सौ मेगावाट के सोलर पार्क बनाने के लिए मंजूरी प्रदान की है। रीवा जिले की गुढ़,ओंकारेश्वर और नीमच के अलावा मुरैना में भी सोलर बिजली संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। चंबल के बीहड़ों में हम बिजली का उत्पादन करके लोगों को आत्मनिर्भर बना सकें इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं। रीवा में स्थापित 750 मेगावाट क्षमता का सबसे बड़ा सोलर प्लांट राज्य की सफलता का उद्घोष कर रहा है। इस परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से हुआ था।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना से हम किसानों को अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बना रहे हैं। ये दो मेगावाट की बिजली योजनाएं किसान अपनी ही जमीनों पर लगा सकेंगे। यहां उत्पादित बिजली पावर मैनेजमेंट कंपनी सवा तीन रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीद रही है। कुसुम स परियोजना में उद्योगों के लिए सस्ती बिजली दिन के वक्त उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। कुसुम ब योजना में किसानों को अपनी जमीन पर केवल बोर कराना होगा। सोलर पंप, पैनल और बैटरी आदि सभी सामान इस योजना में सरकार उपलब्ध कराएगी। ये सभी सामान अच्छी गुणवत्ता का होगा और किसान को अगले पच्चीस सालों तक बिजली के बिल से मुक्ति मिल जाएगी। सरकारी भवनों पर सोलर रूफटाप लगाए जा रहे हैं। रेस्को परियोजना के इन कार्यों से सरकारी भवनों का बिजली बिल घटाया जा रहा है।

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