सहकारिता से जीती भारत नगर ने स्वच्छता की जंग

    

भोपाल,9 जून(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब लाल किले से स्वच्छता का संदेश दिया था तब किसी ने नहीं सोचा था कि हिंदुस्तान के शहर और गांव इस दिशा में नई करवट लेने जा रहे हैं। आज देश के कई शहरों में स्वच्छता को लेकर जो जंग छिड़ी है उसने सड़कों और गलियों की तस्वीर बदलकर रख दी है। राजधानी भोपाल में स्वच्छता को लेकर जो बदलाव हुए हैं उसके लिए किसी तंत्र को बदले बगैर जनता बढ़ चढ़कर भागीदारी कर रही है। शहर की भारत नगर गृह निर्माण सहकारी समिति के प्रशासक मुकुंद राव भैसारे ने जब कालोनी की मूलभूत समस्यायों का समाधान शुरु किया तो लोगों ने आगे आकर स्वच्छता अभियान में अपना योगदान देना आरंभ कर दिया। आज यह गृह निर्माण सहकारी समिति मूलभूत समस्याओं का निराकरण करके पुरस्कार जीत रही है इसके साथ संस्था के खाते में बचत की राशि भी बढ़ती जा रही है।

यह संस्था कभी बुरे हालात से भी गुजरती रही है। घरों में पानी नहीं आता था,सीवेज की लाईनें चोक थीं, सड़कें बदहाल थीं और जगह जगह कचरे के ढेर नजर आते थे। समिति का प्रबंधन संभालने वालों की सक्रियता न होने की वजह से मनमानी का आलम था और लोग कहीं भी कबाड़ा जमा करते रहते थे। गृह निर्माण समिति के संधारण का शुल्क लोग इसलिए नहीं जमा करते थे क्योंकि आए दिन घोटालों की कहानियां सुनने मिलती थीं। रहवासियों ने जगह जगह शिकायतें कीं लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आता था। सहकारिता विभाग के आयुक्त ने कड़ा फैसला लिया और समिति को भंग करके प्रशासक की नियुक्ति कर दी। ये जवाबदारी विभाग के उप अंकेक्षक मुकुंद भैसारे को दी गई।

सहकारिता विभाग के आयुक्त संजय गुप्ता ने अपने नवाचारों से शुरु किया सहकारिता आंदोलन का नया दौर.

जब शासन ने मुकुंद भैसारे को भेजा तब रहवासी बहुत परेशान थे और शिकायतें लेकर दर दर भटक रहे थे। 20 जनवरी 2021 को संस्था भंग हो चुकी थी और लोगों को लगता था कि अब उनकी समस्याएं लालफीताशाही के बीच उलझकर रह जाएंगी। श्री भैसारे ने पानी, सफाई, बिजली सप्लाई जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी प्रशासनिक दक्षता का प्रयोग किया और धीरे धीरे शिकायतें सुलझने लगीं। हर विभाग से जुड़े प्रभारी अधिकारियों को प्रेरित करके उन्होंने कालोनी की काया बदलना शुरु कर दी। समिति के पास केवल एक सफाई कर्मचारी था लेकिन जन सहयोग और भोपाल नगर पालिक निगम की टीम को साथ लेकर उन्होंने सफाई का महासंग्राम शुरु कर दिया। लोगों ने जब अपने गली मोहल्ले में ये सक्रियता देखी तो महिलाओं समेत कई नागरिकों ने इस अभियान में सहयोग शुरु कर दिया। बच्चों की टोलियां काम में हाथ बंटाने लगीं। महिलाओं का समूह सफाई कर्मचारियों की प्रेरणा बन गया।

श्री भैसारे ने गृह निर्माण समिति के दफ्तर की भी काया पलट कर डाली। पुराने पड़े पाईपों को वेल्डिंग करवाकर उन्होंने तिरंगा फहराने के लिए झंडा स्थल का निर्माण करवाया। समिति के आय व्यय पत्रकों को सिलसिलेबार संजोया। लोगों को प्रेरित किया कि वे यदि लंबित सहयोग राशि का भुगतान कर देते हैं तो कई सुविधाएं बढाई जा सकती हैं। चोक पड़ी पाईपलाईनों को चालू करवाते ही लोगों के घरों में पेयजल की सप्लाई शुरु हो गई। इस पानी ने लोगों में जो उत्साह का संचार किया कि वे आगे बढ़कर अपनी सहयोग राशि जमा करने लगे। जनसहयोग की भागीदारी से  श्री भैसारे ने नगर पालिक निगम की योजनाओं को लागू करवाना शुरु कर दिया। जगह जगह कचरे के डिब्बे रखवाए गए। सार्वजनिक लाईनों का बिजली भुगतान  होते ही कालोनी की सड़कें रात में जगमग होने लगीं।

भारत नगर सहकारी समिति को स्वच्छता का पुरस्कार देकर प्रसन्न हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान.

ये ऐसा अवसर था जब देश भर में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगरीय निकाय बढ़ चढ़कर भागीदारी दिखा रहे थे। कोरोना की वजह से लाक डाऊन था और सफाई अमला पूरी तरह मुस्तैद था। इसी समय का लाभ लेकर श्री भैसारे ने गृह निर्माण समिति के कामकाज में जान फूंक दी। नगर पालिक निगम ने स्वच्छता के जो मापदंड तय किए थे उन पर श्री भैसारे ने सिलसिलेबार ढंग से अमल शुरु कर दिया। वर्ष 21-22 के स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत 11 जनवरी 2022 को रहवासी समितियों ने प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किए। संपूर्ण भोपाल जिले में भारत गृह निर्माण सहकारी समिति को तृतीय पुरस्कार मिल गया।जब भोपाल नगर पालिक निगम के कमिश्नर ने ये पुरस्कार दिया तो कालोनी में हर्ष की लहर फैल गई। लोगों ने बढ़ चढ़कर सहयोग देना शुरु कर दिया।

इसी श्रंखला में भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी जैसी नई प्रोत्साहन योजना शुरु की। मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी अन्य कालोनियों की तस्वीर बदलने के लिए अप्रैल 2022 में दुबारा जोन वार पुरस्कार देने की घोषणा की। भोपाल की 38 रहवासी वेलफेयर समितियों के सामने पुरुस्कार पाने का लक्ष्य था। इसके तहत प्रथम पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपए के निर्माण कार्य कराए जाने थे। द्वितीय पुरस्कार के रूप में तीन लाख रुपए के कार्य कराने की घोषणा की गई थी। इसके लिए सर्वेक्षण हुआ और जोन 15 की भारत गृह निर्माण सहकारी समिति को दूसरे पुरुस्कार के रूप में चुना गया। समिति का काम इतना सिलसिलेबार और लयबद्ध था कि प्रशासन ने एक ही वर्ष में उसे दो बार पुरस्कृत किया। इसका सारा श्रेय सहकारिता विभाग की ओर से प्रशासक के रूप में नियुक्त श्री भैसारे को ही जाता है।

श्री भैसारे ने समिति की आर्थिक स्थिति सुधारी,और सुधारों को जमीन पर क्रियान्वित किया। इससे सहकारिता के माध्यम से रहवासियों की समस्यायों का समाधान करने का नया उदाहरण सामने आया है। ये पहला अवसर है जब किसी सहकारी समिति के प्रशासक ने जन सहयोग से किसी रहवासी क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कर दिखाया हो। कई बड़े बिल्डर हजारों रुपए की सहयोग राशि जुटाने के बावजूद ये चमत्कार नहीं दिखा पा रहे थे जबकि श्री भैसारे ने मात्र 350 रुपए की सहयोग राशि के बलबूते कालोनी की तस्वीर बदलकर रख दी।

भोपाल नगर पालिक निगम ने स्वच्छता पुरस्कार देकर रहवासियों के सफल मॉडल को रेखांकित किया..

सहकारिता के क्षेत्र में इस बडी उपलब्धि से श्री भैसारे उत्साहित हैं। स्थानीय नागरिकों ने समिति के सफल संचालन के लिए कई बदलाव भी किए हैं। सहकारी समिति ने कालोनी में सड़कें रोशन करने के लिए सोलर लाईटें,बगीचों में पाथ वे का निर्माण और कैमरे लगाने के लिए भी प्रस्ताव तैयार किए हैं। इस लक्ष्य  की पूर्ति के लिए हर रहवासी की ओर से मिलने वाली सहयोग राशि 500 रुपए कर दी गई है और जल्दी ही  जरूरतें भी पूरी हो जाएंगी । इससे स्ट्रीट लाईट का हर महीने आने वाला बिजली का बिल भी शून्य हो जाएगा। साथ ही साथ अतिरिक्त बिजली बेचकर समिति अपने रखरखाव के लिए अतिरिक्त आय कर सकेगी। कैमरों से अपराध नियंत्रण में सहयोग मिलेगा। इस तरह के कई अभियानों के लिए भी लोग मशविरा कर रहे हैं।

एक रचनात्मक व्यक्ति की उपस्थिति से स्थितियां किस तरह बदल जाती हैं ये भी श्री भैसारे ने साबित कर दिया है। जो लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था को कोसते फिरते थे वे आज सहकारिता की शक्ति का अहसास कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में सहकारी आंदोलन को पलीता लगाने की तो कई कहानियां सुनी और सुनाई जाती हैं लेकिन सहकारिता की ये बुलंद तस्वीर केवल भोपाल से निकलकर सामने आई है। इसके लिए श्री भैसारे जैसे अधिकारियों की पहचान और उन्हें जवाबदारी देने की पहल अब सरकार को करनी होगी।

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