कांग्रेस ने दो दिन भी नहीं चलने दिया विधानसभा का राज दरबार

भोपाल 10 अगस्त(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें, ओबीसी आरक्षण और बढ़ती महंगाई के विरोध में हंगामे के चलते विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस हंगामे के बीच सरकार ने सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों की मंजूरी जरूर करवा ली।

सदन की कार्यवाही सुबह से ही हंगामेदार रही। हंगामे की स्थिति और ज्यादा तब बढ़ गई जब महंगाई से जुड़ा सवाल वित्त मंत्री से पूछा गया। इसके बाद वित्त मंत्री के जवाब से विपक्ष खेमे ने नाराजगी प्रकट की। जवाब से असंतुष्ट नजर आए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री का जवाब सही नहीं, आज पूरा देश महंगाई से जूझ रहा है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर विपक्षी सदस्य लॉबी में नारेबाजी करने लगे और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद फिर से कार्यवाही शुरू की गई, लेकिन विपक्ष का हंगामा नहीं थमा तो विधानसभा के मानसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।


सदन की हंगामेदार कार्यवाही के दौरान सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयक पास करा लिए। इसी शोरगुल के बीच अनुपूरक बजट को हंगामे के दौरान मंजूरी दे दी गई। इसके बाद नगरीय निकाय संशोधन बिल भी पास हुए और आबकारी एक्ट संशोधन समेत अन्य महत्वूर्ण विधेयकों को भी मंजूरी दे दी गई।

बाढ़ से प्रभावित शयोपुर के विधायक बाबू जँडेल ने विधानसभा में अपने कपड़े फाड़ लिये। वे अपने इलाक़े में बाढ़ प्रभावितों को कथित तौर पर सरकारी मदद न मिल पाने के कारण खुद को दुखी बता रहे थे। उनका कहना था कि उनके इलाके के लोगों को कपड़े तक नहीं मिल पा रहे हैं। लोगों के घर पानी में डूब गए हैं। सरकार बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं कर रही है।

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