फॉर्मास्युटिकल हब बनेगा एमपी बोले कमलनाथ

इंदौर,28 फरवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)।मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश को फॉर्मास्युटिकल हब बनाया जाएगा। श्री कमल नाथ ने इससे जुड़ी औद्योगिक इकाइयों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश आएं और निवेश करें। मुख्यमंत्री इंदौर में पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में फॉर्मास्युटिकल के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ है। इससे जहाँ एक ओर इससे जुड़ी कंपनियों को जरूरत के संसाधन उपलब्ध होंगे, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा। श्री कमल नाथ ने बताया कि सन फार्मा कंपनी ने रिसर्च का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में उपलब्ध जड़ी-बूटियों की मदद से कैंसर के ईलाज की दवा का 70 प्रतिशत अनुसंधान कार्य पूरा कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी औद्योगिक इकाइयों से कहा कि वे अपने संस्थान में सोलर प्लांट लगवाएं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई नई तकनीक भी आई हैं, जिसमें सोलर से उत्पादित बिजली को स्टोर करने की तकनीक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन इसके लिए अनुदान भी दे रही है। मुख्यमंत्री ने पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी अपेक्षाओं और जरूरतों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

इस मौके पर गृह मंत्री बाला बच्चन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं पीथमपुर औद्योगिक संगठन के गौतम कोठारी तथा अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इंदौर में कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के 125वें वार्षिक अधिवेशन में ‘बिजनेस एण्ड बियोन्ड’ विषय पर श्री कमलनाथ ने कहा कि समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाकर ही सामाजिक संतुलन स्थापित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आज संपन्नता के अस्तित्व के लिए प्रयास करने की बजाए हमें समाज के गरीब, पिछड़े लोगों को हर स्तर पर आगे लाने की आवश्यकता है। इससे देश और समाज स्वत: शक्तिशाली बन जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन में सुधार लाने के साथ-साथ व्यवहार में भी सुधार लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में निरंतर परिवर्तन हो रहा है। जरूरतों के साथ लोगों की अपेक्षाएँ भी बढ़ रही हैं। सीआईआई बदलती हुई दुनिया के साथ इंडस्ट्री प्रेरक होने की भूमिका निभाए। इस दिशा में काम करना चाहिए। श्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए यह जरूरी है। उद्योग-व्यवसाय से जुड़े और स्टार्टअप उद्यमी अपनी कार्य-प्रणाली को आदर्श बनाएं, जिससे मध्यप्रदेश की देश और दुनिया में एक आदर्श औद्योगिक क्षेत्र की छवि स्थापित हो सके।

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