भोपाल,20अगस्त(प्रेस सूचना केन्द्र)। राजीव गांधी की विकास नीति अब मध्यप्रदेश में साल भर तक प्रचारित की जाएगी। स्वर्गीय राजीव गांधी के 75 वें जन्मदिवस पर राजधानी के रवीन्द्र भवन में आयोजित सद्भावना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में ये घोषणा की गई। युवा संकल्प वर्ष के रूप में मनाया जाने वाला ये आयोजन साल भर चलेगा, जिसमें युवाओं को राजीव गांधी की विकास नीति के आधार पर उद्योगों के अनुकूल बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वर्गीय राजीव गांधी के साथ दून स्कूल में पढ़ते समय अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि वे स्वर्गीय संजय गांधी के साथ पढ़ते थे और राजीव गांधी उनसे चार साल आगे थे। ज्ञान और शिक्षा में अंतर बताते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षा दी जाती है लेकिन ज्ञान हम प्रयोग करके हासिल करते हैं। जब स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या हुई तब देश की एकता पर आक्रमण हुआ था। देश पुरानी तकनीकों पर चल रहा था। ऐसे में राजीव गांधी ने आईटी और कंप्यूटर लाने की बात कही। 21 वीं सदी के भारत की परिकल्पना देश के सामने रखी। तब कांग्रेस के लोग भी मजाक बनाते थे। वे कहते थे कि इससे रोजगार के अवसर घट जाएंगे। रेलवे में कंप्यूटरीकरण के खिलाफ आंदोलन भी हुए लेकिन आज देश को इस तकनीक का लाभ मिल रहा है।
देश को विविधता के बीच आगे बढ़ाने की कांग्रेस की सोच का शंखनाद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्नताओं से भरा देश है। यहां कई जातियां, धर्म, त्यौहार, रस्में, हैं। उत्तर में जो लोग धोती पहिनते हैं दक्षिण तक जाते जाते वो लुंगी बन जाती है। भारत की संस्कृति इस विविधता को बांधे रखती है। सोवियत संघ हमारे देखते बिखर गया। आज उसका नाम निशान भी नहीं बचा। भारत में ज्ञान की वजह से ही सद्भाव की संस्कृति रही। चंद्रगुप्त से सम्राट अशोक तक सद्भाव की ही बुनियाद रखी गई। यही विचार हमारा भविष्य भी सुरक्षित रखेगा।
राजीव जी के सद्भाव के संदेश ने ही देश को दिशा दी और आज दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ने की वजह भी उनकी ही सोच है। ये काम पिछले पांच सालों में नहीं हुआ है। इसका बीज राजीव जी ने डाला था। आज दुनिया भर में भारत के युवा इंजीनियर विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया में तीन तरह के नेता होते हैं। एक वे जिन्हें देश प्यार करता है। दूसरे वे जिनसे देश डरता है और तीसरे वे जिनकी देश उपेक्षा कर देता है।राजीव जी से देश प्यार करता था। उन्होंने कहा कि आज का युवा पढ़ लिखकर बेरोजगार हो रहा है। वह न तो अपनी पारिवारिक जीविका चलाने लायक रह पाता है और न ही वह तकनीकी रूप से औद्योगिक क्षेत्र के उत्पादन का हिस्सा बन सकता है,इसलिए हमें युवाओं की शिक्षा की स्थितियां बदलनी होंगी।
आयोजन में पहुंचे युवाओं के सवालों के जवाब के दौरान उन्होंने कहा कि आज प्रदेश को पूंजी निवेश की जरूरत है। इसके लिए हमें विश्वास का वातावरण बनाना होगा। प्रदेश में उद्योग लगेंगे तभी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बिना निवेश के प्रदेश न तो आगे बढ़ सकता है और न ही अन्य प्रदेशों के सामने प्रतिस्पर्धा में टिक सकता है। इसके लिए प्रदेश के युवाओं को स्किल आधारित गुणवत्ता युक्त शिक्षा दिए जाने की जरूरत है। शैक्षणिक संस्थाओं से रोजगार के लिए उपयोगी विद्यार्थी निकलें ये जरूरी है। उन्होंने कहा कि नौकरी पाना अचीवमेंट(उपलब्धि) हो सकता है लेकिन हमें आत्मसंतोष तभी मिल सकता है जब हम कसौटियों का फुलफिलमेंट करके खरे उतर पाएं।
उन्होंने कहा कि राज्य में बेहतरीन स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि वे जीवन के हर मोर्चे पर सफलता हासिल करें।खेल के मैदान में जो दिमागी अनुशासन विकसित होता है वह क्लासरूम में नहीं पाया जा सकता। छिंदवाड़ा माडल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये आज के स्किल इंडिया जैसा है जिसे हम फिनिशिंग स्कूल कह सकते हैं। इसमें हम समाज की जरूरत के मुताबिक युवा तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन दिनों शुद्ध का युद्ध कार्यक्रम चला रही है जिसमें हम नागरिकों को गुणवत्ता युक्त खाद्य उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में नशे के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा।
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