भोपाल।मध्यप्रदेश में बिजली बिल हाफ करने का वादा करके सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने अगले महीने से उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली बेचने की तैयारी कर ली है। खजाना खाली होने का हवाला देकर सरकार ने अठारह हजार करोड़ रुपए के घाटे को पाटने और बिजली मीटरों की खरीद के लिए पैसा जुटाने के लिए बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है। लगातार बढ़ती वितरण क्षति को पाटने की जवाबदारी भी अब आम उपभोक्ता को उठाना पड़ेगी।
बिजली मंत्री प्रियव्रत सिंह की सिफारिशों को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अनुमति देकर बिजली कंपनियों को अतिरिक्त धन जुटाने की ये जवाबदारी सौंपी है। सरकार ने इसी साल नवंबर महीने तक पूरे बिजली कनेक्शनों पर नए मीटर लगाने की समय सीमा तय की है। इसके लिए बिजली कंपनियों को अतिरक्त धन राशि की जरूरत थी। जिसे बढ़ी दरों से ही जुटाया जाएगा। उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दिलाने के लिए सरकार सब्सिडी दे सकती थी लेकिन सरकार ने उपभोक्ताओं से ही ये धन जुटाने की तैयारी की है।
मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की सिफारिशों को मानते हुए बिजली की दरों में सात फीसदी दाम बढ़ाने की अनुमति दे दी है।इसके बाद सरकार की अनुमति से बिजली मंडल ने घरेलू, गैर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इजाफा किया है। नई दरें 17 अगस्त से लागू होंगी। राज्य की बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की मांग की थी,मगर आयोग ने बिजली दरों में सात प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की अनुमति दी है। इससे राज्य के लोगों को अब सितंबर माह से बिजली के ज्यादा दाम चुकाने होंगे।
नई बिजली दरों का फैसला गुरुवार की रात को आयोग ने किया। नई दरों के अनुसार, घरेलू कनेक्शन की बिजली दरें 5.1 प्रतिशत, गैर घरेलू कनेक्शन की दर में 4.9 प्रतिशत और व्यावसायिक कनेक्शन की दरों में सात प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है।
आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए पांच स्लैब तय किए हैं, जिसके मुताबिक घरेलू उपभोक्ता को मासिक 30 यूनिट तक का उपयोग करने पर 3.25 रुपये प्रति यूनिट, 50 यूनिट तक बिजली के उपयोग पर 4.05 रुपये प्रति यूनिट, 51 से 150 यूनिट के उपयोग पर दर 4.95 रुपये प्रति यूनिट, 151 यूनिट से 300 यूनिट के उपयोग पर 6.30 रुपये प्रति यूनिट और 300 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयेाग करने पर 6.50 रुपये प्रति यूनिट की राशि का भुगतान करना होगा।
आयोग बिजली दरों के निर्धारण के लिए बनाए गए पांच स्लैब पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि पुरानी दरों के मुकाबले 20 से 30 पैसे प्रति यूनिट तक इजाफा हुआ है। पहले चार स्लैब थे, अब पांच स्लैब बनाए गए हैं।
एक तरफ जहां बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की गई है, वहीं वैवाहिक उद्यानों, सामाजिक व वैवाहिक कार्यक्रमों के आयोजन, धार्मिक समारोह के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शनों की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इसी तरह ई-वाहन और ई-रिक्शा के चार्जिंग केंद्र की बिजली दरें भी पूर्ववत रखी गई हैं। इसके साथ ही कृषि उपभोक्ताओं को सब्सिडी के अतिरिक्त प्रति हार्सपावर प्रति वर्ष 700 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि 10 हार्सपॉवर से ज्यादा के कृषि उपभेाक्ताओं को सब्सिडी के अतिरिक्त प्रति वर्ष 1400 रुपये का भुगतान करना होगा।
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