मंत्रि-परिषद के निर्णय
भोपाल,17 जनवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)।मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में व्यापक लोकहित में आपराधिक प्रकरणों के प्रत्याहरण के लिए नयी प्रक्रिया अनुमोदित की गई है। अनुमोदित प्रक्रिया अनुसार प्रत्याहरण के लिए अब किसी भी आवेदक को राजधानी आने की आवश्यकता नहीं होगी। वह अपना आवेदन सीधे संबंधित जिले के जिलादण्डाधिकारी को प्रस्तुत कर सकेगा।इन आवेदनों की छानबीन के बाद ये मुकदमे सरकार वापस लेगी चाहे वे किसी भी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से संबंधित क्यों न हों।
मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और खेल उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रकरणों के प्रत्याहरण के लिए जिला एवं राज्य स्तरीय समिति के गठन के साथ ही प्रकरण प्रत्याहरण की त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संचालक लोक अभियोजन को संयोजक एवं नोडल एजेंसी घोषित किया गया है। जिला स्तरीय समिति में जिलादण्डाधिकारी को अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक को सदस्य और जिला लोक अभियोजन अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है।
राज्य स्तरीय समिति में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गृह विभाग, प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य, पुलिस महानिदेशक और महाधिवक्ता अथवा उनके द्वारा नामांकित प्रतिनिधि सदस्य होंगे। संचालक लोक अभियोजन को समिति का संयोजक बनाया गया है। राज्य स्तरीय समिति प्रक्रिया के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर अनुशंसा कर सकेगी। मंत्रि-परिषद की बैठक में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की गई।
जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2018 तक बकाया प्रकरणों और 12 दिसंबर 2018 तक चुकाए गए प्रकरणों में भी कर्जमाफी का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसानों तक इस योजना का लाभ मिले।उन्होंने कहा कि प्रदेश के 55 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे।उन्होंने बताया कि 90फीसदी किसानों से संबंधित जानकारियां कंप्यूटर में दर्ज है केवल 7 फीसदी किसानों की जानकारियां एकत्रित की जानी हैं।
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