तंत्र शास्त्र सामाजिक विकास में सहयोगीःआनंदी बेन

सांची विश्वविद्यालय में तंत्र और श्रीविद्या पर धर्म-धम्म सम्मेलन सम्पन्न

भोपाल,19 दिसंबर(प्रेस सूचना केन्द्र)। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज रायसेन जिले सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में जारी धर्म-धम्म सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा कि तंत्र शास्त्र और श्रीविद्या, भक्ति और ज्ञान का अध्यात्मिक मार्ग है। इस विषय में जनमानस में अल्पज्ञान है, जिसे दूर करने की ज़रूरत है।

विश्वविद्यालय के निवृतमान कुलपति आचार्य यज्ञेश्वर शास्त्री ने कहा कि तंत्रशास्त्र शोध की दृष्टि से पिछड़ रहा है। इस कॉन्फ्रेंस से शोध को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के चेयरमैन प्रो अरविंद पी जामखेड़कर ने कहा कि तंत्र पर केंद्रित इस सम्मेलन से उन्हें इतिहास को देखने की नई दृष्टि मिली है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री अदितिकुमार त्रिपाठी ने कहा कि तंत्र शास्त्र का उल्लेख भारतीय, बौद्ध और जैन साहित्य में प्रमुखता से मिलता है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

समापन सत्र के पूर्व दो सामान्य सत्रों में अमेरिका से आए प्रो. देवाशीष बनर्जी ने तंत्र और वेदांत के अंतरसंबंधों पर प्रकाश डालते हुए दोनों की प्रकियाओं एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। ऑस्ट्रिया के प्रो जयेन्द्र सोनी ने शैव सिद्धांत और शिवज्ञानबोध में शक्तिनिपात का उल्लेख करते हुए कहा कि शक्ति के बिना शिव की कल्पना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही शाश्वत सत्य है और गुरु शिव का प्रतिरूप है।

समापन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव बिलारा के विद्यार्थियों को राज्यपाल ने फल, किताबें और मेडिकल फर्स्ट एड किट्स भेंट की। तीन दिन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, फिनलैण्ड, बैल्जियम, कोरिया, श्रीलंका एवं नेपाल से 34 विदेशी विद्वान समेत 130 भारतीय विद्वान शामिल हुए। 6 सामान्य सत्र, 9 गोलमेज सम्मेलन और तीन अकादमिक सत्रों में 100 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।

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