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  • एमपी की पहचान बाघ को बचाएं बोले डॉ.मोहन यादव

    एमपी की पहचान बाघ को बचाएं बोले डॉ.मोहन यादव

    भोपाल,28 जुलाई(प्रेस इनफॉर्मेशन सेंटर).मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश सर्वाधिक बाघ वाला प्रदेश है। प्रदेश में बाघों की आबादी बढ़कर 785 पहुँच गई है। यह प्रदेश के लिये गर्व की बात है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा का कार्य अत्यंत मेहनत और परिश्रम का है। समुदाय के सहयोग के बिना वन्य प्राणियों की सुरक्षा संभव नहीं है। वन विभाग और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जिनके कारण मध्यप्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर जंगलों में बाघों के भविष्य को सुरक्षित करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेने का आहवान किया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाघों के संरक्षण के लिये संवेदनशील प्रयासों की आवश्यकता होती है जो वन विभाग के सहयोग से संभव हुई है। हमारे प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों में बेहतर प्रबंधन से जहाँ एक ओर वन्य प्राणियों को संरक्षण मिलता है, वहीं बाघों के प्रबंधन में लगातार सुधार भी हुए हैं।

    वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता

    वन्य प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता का हाल ही में सीहोर जिले में एक उदाहरण सामने आया था। सीहोर जिले के बुदनी के मिडघाट रेलवे ट्रेक पर बाघिन के तीन शावक ट्रेन की चपेट में आ गये थे, जिसमें दो गंभीर रूप से घायल शावकों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन और वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा एक डिब्बे की विशेष ट्रेन से उपचार के लिये भोपाल लाया गया था।

  • पंचायत चुनाव नहीं कराए तो आंदोलन करेगी कांग्रेस,कमलनाथ ने धमकाया

    पंचायत चुनाव नहीं कराए तो आंदोलन करेगी कांग्रेस,कमलनाथ ने धमकाया

    भोपाल,10 जनवरी(प्रेस इँफार्मेशन सेंटर)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि सरकार दो महीने के अंदर परिसीमन, रोटेशन और ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराए, नहीं तो कांग्रेस आंदोलन करेगी।
    सोमवार को भोपाल में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कमलनाथ ने बीजेपी को ओबीसी विरोधी बताया।

    उन्होंने कहा कि सरकार की ओबीसी और आरक्षण विरोधी नीति के कारण प्रदेश में सात साल से पंचायत चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। कुछ महीने पहले शिवराज सरकार इसके लिए अध्यादेश लेकर आई थी। उन्होंने अध्यादेश को काला कानून बताते हुए कहा कि इसमें न रोटेशन का पालन किया गया, न परिसीमन का और न आरक्षण का। इसी वजह से चुनाव रद्द हो गए। अगर सरकार दो महीने के भीतर परिसीमन, रोटेशन और ओबीसी आरक्षण के साथ ग्राम पंचायत चुनाव नहीं कराएगी तो कांग्रेस पार्टी जिला से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक आंदोलन करेगी ।


    कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान 15 साल से मुख्यमंत्री हैं, लेकिन कभी ओबीसी को 27% आरक्षण देने का प्रस्ताव सदन में नहीं रखा। पिछले दो साल से ओबीसी स्कॉलरशिप का 1210 करोड़ रुपये बकाया है। छात्र परेशान हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है।


    हाल में हुई ओलावृष्टि के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल किसानों को मुआवजा देना चाहिए। इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज की घोषणा को धूठा बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि किसानों को हुए नुकसान का आकलन अब तक शुरू नहीं हुआ। फसल बीमा की राशि के भुगतान में हुई देरी के लिए भी उन्होंने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

  • शिक्षा विभाग एमपी के हर जिले में चलाएगा विश्वस्तरीय स्कूल

    शिक्षा विभाग एमपी के हर जिले में चलाएगा विश्वस्तरीय स्कूल

    शिक्षा विभाग की बड़ी तैयारी, हर जिले में खुलेंगे नए स्कूल और होगी ग्लोबल ब्रांडिंग

    इस योजना को सभी विद्यालयों के लिए शिक्षा योजना का नाम दिया गया है

    भोपाल,8 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मध्य प्रदेश स्कूल (MP School) शिक्षा मुक्त बोर्ड (School Education Open Board) ने सांस्कृतिक मूल्यों के साथ छात्रों को शिक्षित करेंगे। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। राज्य में अंतरराष्ट्रीय मानकों (international standards) के साथ 52 स्कूल स्थापित करने के लिए मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) और महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके बाद संस्कृत पाठ्यक्रम (Sanskrit) का अनिवार्य हिस्सा होगा। प्रत्येक जिले में ऐसा एक स्कूल स्थापित किया जाएगा।

    ये स्कूल पारंपरिक सांस्कृतिक मूल्यों के साथ शिक्षा पर ध्यान देंगे। एमपी ओपन स्कूल एजुकेशन बोर्ड के निदेशक पीआर तिवारी ने कहा कि स्कूल परिसर का उपयोग स्कूल के समय के बाद व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। इस योजना को सभी विद्यालयों के लिए शिक्षा योजना का नाम दिया गया है। एमओयू दस्तावेज में कहा गया है कि अकादमिक गतिविधियों में समकालीन इतिहास पर लघु फिल्मों का निर्माण, स्क्रीनिंग और अध्ययन शामिल है।

    तिवारी ने कहा कि इन स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अत्याधुनिक सुविधाओं से विकसित किया जाएगा। ये आवासीय विद्यालय लोअर किंडरगार्टन (LKG) से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा ओपन बोर्ड द्वारा स्थापित किया जाएगा।

    इन स्कूलों की ग्लोबल ब्रांडिंग अमेरिका स्थित एजेंसी- नॉर्थवेस्ट एक्रिडिटेशन कमीशन (NWAC) की मदद से की जाएगी। 42 देशों में मान्यता प्राप्त एनडब्ल्यूएसी की मदद से छात्रों की मार्कशीट और सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। शिक्षकों को सीखने और सिखाने के लिए एक टैबलेट के साथ एक मेमोरी और सिम कार्ड प्रदान किया जाएगा। सभी क्लासरूम स्मार्ट होंगे और शिक्षण में प्रोजेक्टर और प्रेजेंटेशन का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा।

    छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके मॉड्यूल उद्यमिता विकास संस्थान द्वारा तैयार किए जाएंगे। स्कूल भवनों को हरित परिसरों के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां छात्रों को जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।

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    ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल)स्कूल योजना के तहत प्रदेश के जिला मुख्यालयों में स्थित 53 शासकीय विद्यालयों को विश्व-स्तरीय विद्यालय के रूप में कायाकल्प करने के उद्देश्य से लोक शिक्षण संचालनालय,मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड और महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के बीच संयुक्त रूप से एमओयू साइन हुआ। इन्दरसिंह परमार (@Inder_Singh_Parmar) 8 Dec 2021
  • एमपी में बन रहा गौशालाओं का नेटवर्क

    एमपी में बन रहा गौशालाओं का नेटवर्क

    भोपाल,(सुनीता दुबे).वर्तमान में मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक गौवंश और गौशालाओं वाला प्रदेश है। यहाँ गौवंश के विकास, गौ-पालन, गौ-संरक्षण, गौ-संवर्धन और गौ आधारित उत्पादों के संवर्धन के लिये सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना और अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित 1768 गौ-शालाओं में ढाई लाख से ज्यादा गौ-वंश की देखभाल की जा रही है। शासन द्वारा प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से 20 रुपये का अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना में अब तक पूर्ण 1141 गौ-शालाओं में 76 हजार 941 गौ-वंश का पालन किया जा रहा है। स्वयंसेवी संस्थाओं की पंजीकृत 627 गौ-शालाओं में भी करीब एक लाख 74 हजार गौ-वंश की देखभाल की जा रही है।

    विकसित होंगे गौवंश वन्य विहार

    गौ-वंश को जंगल से आहार और वन को गोबर से खाद मिलने की व्यवस्था प्राकृतिक है। गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा जंगलों के पास गौ-वंश वन्य विहार विकसित किये जा रहे हैं। रीवा जिले के बसावन मामा क्षेत्र में 51 एकड़ क्षेत्र में गौ-वंश वन्य विहार विकसित किया गया है, जिसमें 4 हजार गौ-वंश हैं। जबलपुर जिले के गंगईवीर में 10 हजार और दमोह जिले में 4 हजार गौ-वंश की क्षमता वाला वन्य विहार विकसित किया जा रहा है। आगर-मालवा के सुसनेर में 400 एकड़ में कामधेनु अभयारण्य विकसित किया गया है, जिसमें वर्तमान में 3400 बेसहारा, वृद्ध और बीमार गायों की देखभाल की जा रही है। इसी माह सागर विश्वविद्यालय में कामधेनु पीठ की स्थापना भी की गई है।

    मध्यप्रदेश में गौ हत्या संज्ञेय अपराध

    मध्यप्रदेश में गौ हत्या संज्ञेय अपराध है। यहाँ आरोप सिद्ध होने पर सजा का प्रावधान है। मध्यप्रदेश में चार प्रजाति का देशी गौ-वंश पाया जाता है, जिनका दूध गिर गाय की तरह ही स्वर्णयुक्त एवं उच्च गुणवत्ता वाला है। देशी गाय के दूध में मानव स्वास्थ्य के लिये आवश्यक सभी पोषक तत्व पाये जाते हैं।

    प्रतिदिन 9.13 लाख किलो लीटर दूध का संकलन

    प्रदेश में लगभग सवा 7 हजार दुग्ध सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से पिछले वित्त वर्ष में प्रतिदिन औसतन 9 लाख 13 हजार किलो लीटर दुग्ध संकलन और औसत 6 लाख 38 हजार लीटर पैकेट दुग्ध विक्रय हुआ है। लॉकडाउन के दौरान दुग्ध संघों द्वारा 2 करोड़ 54 लाख लीटर दूध अतिरिक्त रूप से खरीदा गया। उल्लेखनीय यह भी है कि कोरोना लॉकडाउन के कारण जहाँ कई व्यवसाइयों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा, वहीं दुग्ध उत्पादक किसानों को 94 करोड़ रुपये राशि का अतिरिक्त भुगतान किया गया।

    आइसक्रीम, पनीर आदि संयंत्रों का निर्माण

    पिछले एक साल में इंदौर में 4 करोड़ रुपये की लागत से आइसक्रीम संयंत्र और खण्डवा में 25 हजार लीटर क्षमता के संयंत्र निर्माण का कार्य पूरा हुआ। जबलपुर में पौने 10 करोड़ रुपये की लागत से 10 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के स्वचलित पनीर निर्माण संयंत्र की स्थापना का काम भी पूरा हो चुका है। सागर में भी एक लाख लीटर क्षमता के संयंत्र की स्थापना की गई।

    सौर ऊर्जा को बढ़ावा

    दुग्ध संयंत्रों को ऊर्जा में आत्म-निर्भर बनाने के लिये सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना की कार्यवाही को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश के 5 संयंत्रों में 4 करोड़ 13 लाख रुपये की लागत से सौर ऊर्जा आधारित गर्म पानी के संयंत्रों की स्थापना की जा रही है।

     अतिरिक्त दूध का उपयोग मिल्क पावडर बनाने में

    दुग्ध संघों द्वारा वितरण से बचे हुए दूध का मिल्क पावडर बनाकर महिला-बाल विकास विभाग की “टेक होम राशन” योजना के लिये प्रदाय किया जाता है। आँगनवाड़ियों के लिये सुगंधित मीठा दुग्ध चूर्ण भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है।

    देश की दूसरी सीमन प्रयोगशाला भोपाल में

    केन्द्रीय वीर्य संस्थान द्वारा साढ़े 47 करोड़ रुपये की लागत से देश की दूसरी सेक्स सार्टेड सीमन प्रयोगशाला भोपाल में स्थापित की गई है। प्रयोगशाला में अब तक 21 हजार 580 सीमन का उत्पादन किया जा चुका है। सागर जिले के रतौना में राष्ट्रीय गोकुल मिशन में गोकुल ग्राम और कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है। बुंदेलखण्ड क्षेत्र विकास योजना में दतिया जिले के नौनेर में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत प्रदेश का दूसरा वीर्य उत्पादन संस्थान स्थापित किया गया है। पिछले साल राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 1500 और गोकुल मिशन में 850 मैत्री को प्रशिक्षण दिया गया।

    स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये टीकाकरण

    प्रदेश के सभी गौ-भैंस वंशीय पशुओं को नेशनल एनीमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम में एफएमडी और ब्रूसेल्ला का टीका लगाया गया। समस्त पशुओं को यूआईडी टेग लगाकर इनाफ पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में ढाई करोड़ से अधिक पशुओं का एफएमडी रोग के विरुद्ध टीकाकरण किया गया है। उद्देश्य वर्ष 2025 तक मुँहपका, खुरपका (एफएमडी) और ब्रूसेल्ला रोग पर नियंत्रण पाना और वर्ष 2030 तक इनका उन्मूलन करना है। दुधारु पशुओं के निरोगी होने से दूध, पशुधन और उत्पादों में वृद्धि होगी। परिणाम स्वरूप किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि सुनिश्चित होगी। टीकाकरण का प्रथम चरण 31 जनवरी, 2021 को पूरा हो चुका है।

    राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम

    कार्यक्रम के प्रथम चरण में 7 लाख 65 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, 5 लाख 91 हजार गर्भधारण परीक्षण और एक लाख 62 हजार वत्सोत्पादन किया गया। द्वितीय चरण में 19 लाख 15 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, 9 लाख 29 हजार का गर्भधारण परीक्षण और 38 हजार 365 वत्सोत्पादन हुआ। तीसरा चरण एक अगस्त, 2021 से प्रारंभ होकर 31 मई, 2022 तक चलेगा। इसमें अब तक डेढ़ लाख कृत्रिम गर्भाधान और 3 हजार से अधिक गर्भ परीक्षण किये जा चुके हैं। इनकी प्रविष्टि भी इनाफ पोर्टल पर की जा रही है।

    बकरी दूध विक्रय आरंभ

    जनजातीय गौरव दिवस 15 नवम्बर से प्रदेश में ग्राहकों को बकरी का दूध भी मिलना आरंभ हो गया है। बकरी दूध विक्रय की शुरूआत जनजातीय बहुल जिलों सिवनी, बालाघाट और धार, झाबुआ और बड़वानी जिलों में उत्पादित 50 से 70 रूपये प्रतिकिलो की दर से खरीदे गये दूध से की गई है। उच्च गुणवत्ता वाला पौष्टिक बकरी का दूध फिलहाल जबलपुर और इंदौर संघ के पार्लर पर उपलब्ध है।

  • जन संतोष हमारा दायित्वःविवेक जौहरी

    जन संतोष हमारा दायित्वःविवेक जौहरी

    महिला अपराध अनुसंधान कौशल उन्‍नयन विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्‍पन्‍न

    भोपाल, 23 सिंतबर (प्रेस इंफार्मेशन सेंटर). पुलिस मुख्‍यालय में दो दिवसीय महिला अपराध अनुसंधान कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के मुख्‍य आतिथ्‍य तथा जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह के विशेष आतिथ्‍य में संपन्‍न हुआ।

          डीजीपी श्री जौहरी ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला अपराध की विवेचना तथा की जाने वाली कार्यवाहियों में संवेदनशीलता अत्‍यावश्‍यक है। पीडि़त के साथ सहानुभूति पूर्ण सद्व्‍यवहार करें। कानून की जानकारी अद्यतन (अपडेट) रखें। सर्वोच्‍च न्‍यायालय, उच्‍च न्‍यायालय के नवीन निर्णयों का अध्‍ययन करें। पीडि़ता को शासन द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही सहायता और सुविधाओं से सुविज्ञ रहें। प्रशिक्षण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। जनअपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारा दायित्‍व है, आदर्श पुलिसिंग करने का प्रयास करें।

          जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश सुश्री गिरीबाला सिंह ने कहा कि न्‍याय होने के साथ-साथ होता हुआ दिखना भी चाहिए। विवेचना में निष्‍पक्षता एवं तथ्‍यात्‍मक दृष्टिकोण होना चाहिए। पीडि़त पक्ष की शिकायत दर्ज करते समय पूर्वागृहों से पूर्णत: मुक्‍त रहें। पीडि़त की आस्‍था और विश्‍वास का केन्‍द्र आप ही होते हैं अत: अपने उत्‍तरदायित्‍व से पूरा न्‍याय करें। अनुसंधान में तथ्‍यों की स्‍पष्‍टता पर पूरा ध्‍यान दें। अपने काम का खुद ऑडिट करें तभी सकारात्‍मक परिवर्तन ला सकेंगें।

          अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्‍तव ने बताया कि विगत दो वर्षों से पहला ऑफलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम रहा। जिसमें अच्‍छी सहभागिता रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का फीडबेक उप पुलिस अधीक्षक आशुतोष पटेल तथा निरीक्षक सुश्री ज्‍योति सिंह ने दिया। प्रशिक्षुओं में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों में निरीक्षक सुश्री प्रियंका पाठक, उप पुलिस अधीक्षक संदीप मालवीय, सुश्री यशस्‍वी शिंदे, सुश्री कीर्ति बघेल तथा अनिल कुमार को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

  • प्रदेश को समृद्ध बनाएगा रोडमैपःडॉ.मनमोहन सिंह

    प्रदेश को समृद्ध बनाएगा रोडमैपःडॉ.मनमोहन सिंह

    भोपाल, 17 दिसंबर(प्रेस सूचना केन्द्र)।भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज यहाँ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार ‘विजन टू डिलीवरी रोड मैप 2020-25’ दस्तावेज का विमोचन करते हुए इसे मध्यप्रदेश की जनता की आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं का दस्तावेज बताया।  उन्होंने  प्रदेश की त्वरित आर्थिक समृद्धि और विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में विचारों की स्पष्टता और प्रतिबद्धता के लिए मुख्यमंत्री कमल नाथ की प्रशंसा की। डॉ. सिंह ने लोगों के आर्थिक विकास और समृद्धि लाने के लिए एक साल के कम समय में उठाए गए कदमों के लिए बधाई दी। मुख्य रूप से उद्योग के साथ मिलकर रोजगार के नये अवसरों का निर्माण करने की सराहना की।

    डॉ. मनमोहन सिंह ने रोडमैप को सूक्ष्म और वृहद  स्तर  पर अर्थ-व्यवस्था  को  आगे बढ़ाकर रोजगार उत्पन्न करने के प्रयासों पर फोकस करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए न सिर्फ  सुस्पष्ट दृष्टि-पत्र  बनाया गया है बल्कि इसको  लागू करने के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया गया है। इसमें सभी विभागों का सहयोग  है।

    डॉ. सिंह ने कहा कि यह दृष्टि-पत्र आम नागरिकों, किसानों के कल्याण,  सतत विकास और सूक्ष्म स्तर पर अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने,  असंगठित क्षेत्र को गति देने,  अधोसंरचना का विकास करने जैसे विषयों पर केंद्रित है। उन्होंने एक साल में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए किसानों की जय किसान फसल ऋण माफी  योजना और असंगठित क्षेत्र के लिये नया सवेरा योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजना का उल्लेख करते हुए  कहा कि इन  प्रयासों  में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के विचारों और  विकास का संकल्प स्पष्ट दिखता है।

    डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि दृष्टि-पत्र में 11 क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। आर्थिक समृद्धि के लिए कृषि प्र-संस्करण उद्योग, अधोसंरचना विकास और सेवा क्षेत्र पर ध्यान देने से भविष्य में ज्यादा से ज्यादा संख्या में रोजगार निर्माण करने में मदद मिलेगी।

    पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करने से गुणवत्तापूर्ण  मानव संसाधन तैयार करने की सरकार की सोच साफ़ दिखती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की संख्या और सीटें बढ़ाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने से भविष्य में प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश जैसे आयोजन से उद्योग क्षेत्र में घरेलू और विदेशी पूंजी निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। डू-इट योरसेल्फ गवर्नेंस व्यवस्था को दूसरे चरण में ले जाने से प्रशासन में भी पारदर्शिता बढ़ेगी। पंचायत राज संस्थाओं और स्थानीय संस्थाओं के संसाधनों और क्षमता को मजबूत बनाने पर ध्यान देने से प्रशासन तंत्र मजबूत होगा और  दृष्टि पत्र को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी। डॉ. मनमोहन सिंह ने विजन टू डिलीवरी 2020-25 को सुगठित,  फोकस्ड और यथार्थवादी बताते हुए कहा कि यह लोगों की आकांक्षाओं का दस्तावेज है।

    मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे 10 साल तक डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री-मंडल में काम करने का सौभाग्य मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दढ़ इच्छाशक्ति के साथ 365 दिन में वचन पत्र के 365 बिन्दुओं को पूरा किया।

    मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने सरकार का एक साल पूरा होने पर उठाए गए कल्याणकारी कदमों और निर्णयों का उल्लेख करते हुए लोगों के विकास के लिए तैयार किए गए विजन टू डिलीवरी 2020-25 की विशेषताओं की चर्चा की। अपर मुख्य सचिव योजना मोहम्मद सुलेमान ने आभार व्यक्त किया।

  • एक करोड़ उपभोक्ताओं को मिली सस्ती बिजली बोले प्रियव्रत सिंह

    एक करोड़ उपभोक्ताओं को मिली सस्ती बिजली बोले प्रियव्रत सिंह

    भोपाल,9 दिसंबर(प्रेस सूचना केन्द्र)। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने दावा किया है मध्यप्रदेश सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए एक करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को इंदिरा ज्योति योजना में सस्ती बिजली उपलब्ध कराई है। केवल सत्रह लाख उपभोक्ता इस सुविधा के दायरे में नहीं आए हैं। हितग्राही उपभोक्ताओं को अब तीस दिनों की बिजली खपत डेढ़ सौ यूनिट से कम होने पर सौ यूनिट का बिल मात्र सौ रुपए लिया जा रहा है।

    प्रेस वार्ता में श्री सिंह ने बताया कि उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिए राज्य सरकार 3400 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है। इससे 90 फीसदी उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब नई सरकार सत्ता में आई तब बिजली कंपनियों पर 37963 करोड़ रुपए का कर्ज था और लगभग 44975 करोड़ का संचयी घाटा था।

    उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस बयान को गैर लोकतांत्रिक बताया जिसमें उन्होंने उपभोक्ताओं से अधिक बिजली बिल का भुगतान न करने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के भड़काऊ बयानों से अराजकता फैल जाएगी जिसे नियंत्रण करने के लिए राज्य को अपने बहुमूल्य संसाधन खर्च करने होंगे।

    जुलाई महीने से लेकर अब तक ऊर्जा विभाग में कितने तबादले किए गए और इन तबादलों से विभाग को क्या लाभ हुआ पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये तबादले पांच साल की समयसीमा पूरी होने पर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तबादलों की निश्चित संख्या तो बता पाना फिलहाल संभव नहीं है लेकिन ये तबादले जरूरत के अनुसार ही किए गए हैं।

    नवंबर के महीने तक मीटर बदलने की समय सीमा बढ़ाए जाने की बात स्वीकार करते हुए श्री सिंह ने कहा कि ये समय सीमा मार्च 2020 तक तय की गई है।