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  • शिक्षा विभाग एमपी के हर जिले में चलाएगा विश्वस्तरीय स्कूल

    शिक्षा विभाग एमपी के हर जिले में चलाएगा विश्वस्तरीय स्कूल

    शिक्षा विभाग की बड़ी तैयारी, हर जिले में खुलेंगे नए स्कूल और होगी ग्लोबल ब्रांडिंग

    इस योजना को सभी विद्यालयों के लिए शिक्षा योजना का नाम दिया गया है

    भोपाल,8 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। मध्य प्रदेश स्कूल (MP School) शिक्षा मुक्त बोर्ड (School Education Open Board) ने सांस्कृतिक मूल्यों के साथ छात्रों को शिक्षित करेंगे। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। राज्य में अंतरराष्ट्रीय मानकों (international standards) के साथ 52 स्कूल स्थापित करने के लिए मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) और महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके बाद संस्कृत पाठ्यक्रम (Sanskrit) का अनिवार्य हिस्सा होगा। प्रत्येक जिले में ऐसा एक स्कूल स्थापित किया जाएगा।

    ये स्कूल पारंपरिक सांस्कृतिक मूल्यों के साथ शिक्षा पर ध्यान देंगे। एमपी ओपन स्कूल एजुकेशन बोर्ड के निदेशक पीआर तिवारी ने कहा कि स्कूल परिसर का उपयोग स्कूल के समय के बाद व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। इस योजना को सभी विद्यालयों के लिए शिक्षा योजना का नाम दिया गया है। एमओयू दस्तावेज में कहा गया है कि अकादमिक गतिविधियों में समकालीन इतिहास पर लघु फिल्मों का निर्माण, स्क्रीनिंग और अध्ययन शामिल है।

    तिवारी ने कहा कि इन स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अत्याधुनिक सुविधाओं से विकसित किया जाएगा। ये आवासीय विद्यालय लोअर किंडरगार्टन (LKG) से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा ओपन बोर्ड द्वारा स्थापित किया जाएगा।

    इन स्कूलों की ग्लोबल ब्रांडिंग अमेरिका स्थित एजेंसी- नॉर्थवेस्ट एक्रिडिटेशन कमीशन (NWAC) की मदद से की जाएगी। 42 देशों में मान्यता प्राप्त एनडब्ल्यूएसी की मदद से छात्रों की मार्कशीट और सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। शिक्षकों को सीखने और सिखाने के लिए एक टैबलेट के साथ एक मेमोरी और सिम कार्ड प्रदान किया जाएगा। सभी क्लासरूम स्मार्ट होंगे और शिक्षण में प्रोजेक्टर और प्रेजेंटेशन का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा।

    छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके मॉड्यूल उद्यमिता विकास संस्थान द्वारा तैयार किए जाएंगे। स्कूल भवनों को हरित परिसरों के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां छात्रों को जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।

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    ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल)स्कूल योजना के तहत प्रदेश के जिला मुख्यालयों में स्थित 53 शासकीय विद्यालयों को विश्व-स्तरीय विद्यालय के रूप में कायाकल्प करने के उद्देश्य से लोक शिक्षण संचालनालय,मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड और महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के बीच संयुक्त रूप से एमओयू साइन हुआ। इन्दरसिंह परमार (@Inder_Singh_Parmar) 8 Dec 2021
  • नई शिक्षा नीति 2020 में सार्थक शिक्षा पर जोर बोले राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार

    नई शिक्षा नीति 2020 में सार्थक शिक्षा पर जोर बोले राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार

    मध्य प्रदेश: नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी तौर पर लागू के निर्देश दे दिए गए हैं- राज्यमंत्री इन्दर सिंह परमार

    भोपाल,7 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप प्रदेश में नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा। परमार ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य शासन द्वारा गठित टास्क फोर्स की बैठक में प्रदेश में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता विकास और नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी तौर पर लागू करने के निर्देश दिए गए है। इसी तारतम्य में मंत्रालय में टास्क फोर्स के सदस्यों को चार समूह में बांटकर नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। टास्क फोर्स सदस्यों के मंथन से उपजे सुझावों और मार्गदर्शन संबंधी पहलुओं पर आधारित प्रेजेंटेशन दिया गया।

    परमार ने बताया कि टास्क फोर्स की बैठक में नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों में फंक्शनल लिट्रेसी और नुमरेसी के प्रशिक्षण ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन संचालित किए जाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समझ विकसित करने के लिए मॉड्यूल द्वारा प्रशिक्षण, प्रदेश में क्षेत्र के हिसाब से क्लस्टर आधारित शिक्षा व्यवस्था बनाने, कक्षा आठवीं में गणित और अंग्रेजी विषय पर कैप्सूल रिच कोर्स, स्थानीय कॉलेज के युवा छात्रों की मैपिंग कर वॉलिंटियर बनाए जाने, राज्य ओपन स्कूल में सेंटर बढ़ाने, मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा, शिक्षा कैलेंडर में सह शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल करने, प्रारंभिक- बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण, अनुभव और परिणाम आधारित शिक्षकों का चयन और पदस्थापना सहित भारत सरकार द्वारा प्रौढ़ शिक्षा हेतु चलाए जा रहे ‘पढ़ना लिखना अभियान’ और ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ आदि विभिन्न विषयो पर मंथन किया गया और सदस्य गणों के सुझाव लिए गए। राज्यमंत्री परमार ने कहा कि सदस्यों द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों पर राज्य शासन द्वारा गंभीरतापूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
    सभी के सुझाव के आधार पर नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से प्रदेश का शैक्षणिक माहौल बदलेगा और प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्य में शामिल होगा।

    राज्यमंत्री परमार की अध्यक्षता में टास्क फोर्स में सदस्य सचिव के रूप में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, संचालक सदस्य के रूप में आयुक्त, लोक शिक्षण अभय वर्मा, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस, पदेन सदस्य के रूप में सचिव मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल अनिल सुचारी, संचालक राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड और निदेशक,महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान प्रभात राज तिवारी शामिल है। शासकीय क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में उपसचिव, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के. के. द्विवेदी,
    अपर संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय धीरेन्द्र चतुर्वेदी,

    उपसंचालक, मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड संजय पटवा, सहायक निदेशक महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान छत्रवीर सिंह राठौर, सहायक प्राध्यापक शासकीय शिक्षा महाविद्यालय उज्जैन राजीव पांड्या, सहायक संचालक जबलपुर संभाग घनश्याम सोनी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी जिला अलीराजपुर प्रताप सिंह डाबर,
    प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोलायकला, जिला शाजापुर घनश्याम दीक्षित, प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरड़ जिला शाजापुर विवेक दुबे l

    प्राचार्य शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरिया उदय सिंह उइके, प्राचार्य शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, आगर मालवा रामचंद्र खंदार, प्रधानाध्यापक शासकीय जे ए सिंह माध्यमिक विद्यालय नं 1, ग्वालियर वीरेंद्र भदौरिया, व्याख्याता,जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, सीधी गौतम मणि अग्निहोत्री, व्याख्याता केंद्रीय विद्यालय
    क्र.2 ग्वालियर श्री दिवाकर शर्मा,
    शिक्षक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पनागर जबलपुर श्री अमृत लाल बारले, उच्च श्रेणी शिक्षक सावित्री बाई फूले शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुरहानपुर श्री संजय राउत, शिक्षक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कंदवार जिला सीधी श्री संदीप मिश्रा,
    सहायक शिक्षक शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्र.51 कुलकर्णी भट्टा इंदौर श्री राजेंद्र आचार्य, प्र प्रधानाध्यापक शासकीय प्राथमिक विद्यालय बदीपूरा बेटमा,
    जिला इंदौर श्री अनिल सरसिया शामिल है।

    इसी तरह अशासकीय क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में संस्कृत भाषा विशेषज्ञ,श्री आनंद दीक्षित, शिक्षाविद् श्री शिरोमणि दुबे, श्री राव कुलदीप सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार श्री अखिलेश श्रीवास्तव, शिशु शिक्षा विशेषज्ञ श्री प्रभात सिंह, सेवानिवृत्त प्राचार्य श्री आर पी प्रजापति, प्राचार्य श्रीमती नीतू सरावगी, प्राचार्य श्री विवेक शर्मा, शिक्षाविद् श्री शिवानंद सिन्हा, सेवानिवृत प्राचार्य श्री अशोक कंडेल, सेवानिवृत व्याख्याता श्री श्याम ताहेड, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ शालिनी रातोरिया, शिक्षाविद् श्री जयशंकर शर्मा, प्राचार्य श्रीमती पुनीता नेहरू, प्राचार्य श्री अरुण शुक्ला, शिक्षाविद् श्री देवकीनंदन चौरसिया, डीन डीपीएस श्रीमती मेघा मुक्तिबोध, प्राचार्य डीपीएस डॉ अजय कुमार शर्मा, परियोजना निदेशक डॉ अशोक जनवदे, शिशु शिक्षा विशेषज्ञ श्री सत्यनारायण शर्मा, शिक्षाविद् श्री राघवेन्द्र शुक्ल, सामाजिक कार्यकर्ता श्री मोहन नागर, श्री चंद्रदेव अष्ठाना और शिशु शिक्षा विशेषज्ञ सुश्री रेखा चूड़ासमा शामिल है।