नई दिल्ली, 11 जून(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर). बीते 9 साल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारतीय रेलवे में अभूतपूर्व बदलाव देखा गया है. आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए मजबूत रेलवे नेटवर्क के महत्व को स्वीकार करते हुए, केंद्र की मोदी सरकार ने रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं.
मोदी सरकार ने पैसेंजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऑपरेशनल कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए रेलवे के बुनियादी ढांचे के एडवांसमेंट पर फोकस किया है. सिग्नलिंग और टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम को बढ़ाने के लिए पैसे का पर्याप्त आवंटन किया गया है और पुराने उपकरणों को अत्याधुनिक तकनीक से बदल दिया गया है. इससे दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है और रेलवे के समग्र सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार हुआ है.
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की योजना मोदी सरकार के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है. ये हाई-स्पीड कॉरिडोर, जैसे कि पश्चिमी डीएफसी और पूर्वी डीएफसी, गुड्स को सही तरीके से ट्रांसपोर्ट करने और मौजूदा रेलवे लाइनों पर भीड़ को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ये कॉरिडोर पूरे देश में गुड्स ढुलाई की निर्बाध आवाजाही को सुगम बनाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे.
केंद्र की मोदी सरकार भारत में हाई-स्पीड रेल (Bullet Train) लेकर आई है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना, जापान के सहयोग से, इंटरसिटी यात्रा में रिवोल्यूशन लाने के लिए तैयार है, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा. यह परियोजना न केवल तकनीकी प्रगति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ संबंधों को भी मजबूत करती है.
मोदी सरकार ने देश भर में रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी है. कई नई रेलवे लाइनें, दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो पहले से असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ती हैं और मौजूदा मार्गों पर भीड़भाड़ को कम करती हैं. इसके अलावा, सरकार ने भारतमाला परियोजना और सागरमाला परियोजनाएं शुरू की हैं, जो रेलवे को रोडवेज और पोर्ट कनेक्टिविटी के साथ इंटीग्रेट करती हैं, मल्टीमॉडल परिवहन को बढ़ावा देती हैं और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती हैं.
डिजिटल युग को गले लगाते हुए, मोदी सरकार ने पैसेंजर्स के अनुभव को बढ़ाने और संचालन को सिस्टमेटिक करने के लिए कई पहलें शुरू की हैं. भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) की वेबसाइट और मोबाइल ऐप की शुरुआत ने टिकट बुकिंग को आसान बना दिया है, जिससे फिजिकल टिकट काउंटरों पर निर्भरता कम हो गई है. इसके अतिरिक्त, रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाओं ने उन्हें डिजिटल हब में बदल दिया है.
भारत की गौरव गाथा में वंदे भारत ट्रेन ने बड़ा योगदान दिया है. इस अत्याधुनिक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन ने देश में रेल यात्रा में क्रांति ला दी है, कनेक्टिविटी को बढ़ाया है और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है. अपनी अत्याधुनिक तकनीक और बेहतर सुविधा के साथ, इसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को आकर्षित किया है, पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया है और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं. साथ ही तेजस ट्रेनों को भी लाया गया है. ये ट्रेनें प्राइवेट हाथों में हैं. डबल डेकर ट्रनों के भी इंट्रोड्यूस किया गया है.
पैसेंजर सुविधाओं पर सरकार का मुख्य फोकस रहा है. देश भर के स्टेशनों को बेहतर प्रतीक्षालयों, बेहतर स्वच्छता सुविधाओं और एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी सुविधाओं का आधुनिकीकरण किया गया है.
कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए, मोदी सरकार ने रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन पर बहुत जोर दिया है. ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन के 100% इलेक्ट्रिफिकेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सख्ती से पालन किया गया है, जिससे ईंधन की लागत में काफी बचत और ग्रीन रेलवे सिस्टम का रास्ता खुला है. इस संक्रमण ने न केवल प्रदूषण को कम किया है, बल्कि ट्रेन संचालन की गति और दक्षता को भी बढ़ाया है.
मोदी सरकार ने रोजगार के अवसर पैदा करने में रेलवे की क्षमता को पहचाना है. रेलवे कर्मियों के स्किल डेवलपमेंट के जरिए सक्षम कार्यबल बनाने के प्रयास किए गए हैं. भारतीय रेलवे विश्वविद्यालय और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी पहलें लोगों को रेलवे उद्योग में करियर बनाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए शुरू की गई हैं. इससे न केवल नौकरी चाहने वालों को लाभ हुआ है बल्कि रेलवे की समग्र मानव संसाधन क्षमताओं को भी मजबूती मिली है.
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