गोल्डन सिम के लिए धोखाधड़ी करने वाले धराए

भोपाल, 17 मार्च(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। थाना गोरखपुर में 15 मार्च को हरजिन्दर सिंह उम्र 53 वर्ष निवासी गुप्तेश्वर वार्ड गुडलक अपार्टमेंट के सामने महानद्दा गोरखपुर ने लिखित शिकायत की थी कि वह स्पेयर पार्टस की दुकान चलाता है। दो फरवरी 22 को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके साढू भाई हरविन्दर सिंह निवासी प्रेमनगर के मोबाइल में गोल्डन नम्बर सीरीज के लिये टेक्सट मैसेज भेजा गया। जिसमें गोल्डन नम्बर सीरीज के लिये 49 हजार 999 रूपये के आफर में मोबाइल में बात करने तथा व्हाटसएप मैसेज करने के लिये लिखा था। तब हरविंदर सिंह ने इस स्कीम के बारे में मुझे बताया था। हरविंदर सिंह से मेने वह नंबर लेकर उक्त मोबाइल नम्बर के धारक से कॉल एवं व्हाटसएप पर मैसेज से बात की। मोबाइल नम्बर के धारक ने स्वयं को एयरटेल का एजेन्ट बताया एवं एयरटेल के गोल्डन मोबाइल नम्बर 900000000 की सिम के एलाटमेंट के लिये व्हाटसएप में टेक्सट इन्वाइस भेजी। जिसमें अकाउण्ट नम्बर, आईएफएससी कोड देते हुये बैंक खाते नम्बर पर 41 हजार 300 रूपये पेमेण्ट करने के लिये कहा गया था। मेने एयू स्माल फायनेंस बैंक शाखा नेपियर टाउन के खाते से बताये गये बैंक खाते में पेमेण्ट कर दी गई। किंतु अभी तक मुझे गोल्‍डन सिम प्राप्‍त नहीं हुई और न ही मोबाईल धारक उसका फोन उठा रहा है। अज्ञात व्यक्ति द्वारा मेरे साथ 41 हजार 300 रूपये की धोखाधडी की गयी है। शिकायत पर अज्ञात मोबाइल धारक के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।

पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा ने घटित हुई घटना को गंभीरता से लेते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण/अपराध श्री गोपाल खाण्डेल के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर श्री आलोक शर्मा के नेतृत्व में थाना गोरखपुर, क्राइम ब्रांच एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित कर अज्ञात आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।

विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि भरतीपुर के रहने वाले अशोक तीरथानी के बैंक अकाउंट में शिकायतकर्ता का पैसा ट्रांसफर कराया गया है। जिस पर अशोक तीरथानी को अभिरक्षा में लेते हुये सघन पूछताछ की गयी तो उसने अपने मित्र दिलीप कुकरेजा तथा शुभम उर्फ शिवम राय के साथ कई बैंक अकाउंट खोलकर धोखाधडी का पैसा बैंक अकाउंट में ट्रांजैक्शन करना स्वीकार किया।

टीम ने दिलीप कुकरेजा एवं शुभम राय को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर जानकारी प्राप्त हुई कि मुम्बई में रहने वाले रवि मिश्रा एवं राज के कहने पर शुभम राय ने जबलपुर शहर में कई लोगों के नाम से विभिन्न बैंकों में कई बैंक अकाउंट खुलवाये हैं। जिसमें रवि मिश्रा एवं राज एयरटेल कम्पनी का एजेंट बताकर लोगों को गोल्डन सिम प्रोवाईड कराने का लालच देकर अपने गिरोह के लोगों के खाते में पैसे ट्रांसफर कराते थे। इन पैसों में से शुभम राय अपना हिस्सा लेकर शेष राशि रवि मिश्रा को ट्रांसफर कर देता था। इस तरह शुभम राय ने अन्य लोगों को भी फर्जी खाता खोलने के लिए प्रेरित किया और 52 बैंक अकाउंट में लगभग तीन करोड रूपये का ट्रांजेक्शन कराया और अपने साथी रवि मिश्रा के साथ शेयर किया।

आरोपी शुभम राय की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त 52 बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन, सात नग एटीएम डेबिट कार्ड, एक पासबुक, दो चैक बुक, दो आधार कार्ड, एक पेनकार्ड, एक केवायसी फार्म, आठ मोबाईल फोन, एक स्कूटी जप्त की गयी है। आरोपीगण के बैंक खातो की जानकारी प्राप्त की गयी। जिसके अनुसार लगभग तीन करोड रुपये का धोखाधडी की गयी है। तीनों आरोपियों को प्रकरण में विधिवत गिरफ्तार करते हुये मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश करते हुये आरोपी शुभम राय को रिमाण्ड पर लिया जा रहा है।

गिरोह का मुख्य आरोपी मुम्बई निवासी रवि मिश्रा मूलतः बिहार पटना का रहने वाला है। वह लोगों को मैसेज एवं काल करके एयरटेल कम्पनी का वीआईपी नम्बर/फैंसी नम्बर देने का लालच देकर पैसों की मांग करता था। शुभम राय जबलपुर में लोगों को प्रति खाता 1000 रुपये का लालच देकर उनसे खाते खुलवाकर चैक बुक, एटीएम अपने पास रख लेता था तथा उक्त खातों में जालसाजी का पैसा डलवाकर शुभम राय अपना हिस्सा रखने के बाद शेष रूपए रवि मिश्रा के अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था।

आरोपी शुभम राय, रवि मिश्रा का दोस्त है जो कि पहले मुम्बई में लगभग पांच साल वर्ष 2007-2012 तक फिल्म सिटी में साथ में काम कर चुका है। पूर्व में शुभम राय इसी प्रकार की जालसाजी में वर्ष 2017 में लखनउ उत्तर प्रदेश में पकड़ा जा चुका है। आरोपी शुभम राय ने महाराष्ट्र, तमिलनाडू, केरल के अलावा कई राज्यों में धोखाधडी करना स्वीकारा किया है। अभी तक की पूछताछ में लगभग 500 से ज्यादा व्यक्तियों के साथ धोखाधडी एवं लगभग 52 बैंक अकाउंट खुलवाने एवं उसमें लगभग तीन करोड रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी प्राप्त हुई है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*