मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 16 नए मामले, प्रदेश में तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार पूरी तरह से सक्रिय
भोपाल,7 दिसंबर,(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।मध्य प्रदेश में कोरोना के नए केस स्थिर बने हुए हैं। पिछले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 16 नए केस सामने आए हैं और 13 लोगो स्वस्थ होकर घर लौटें है |
कुल मिलाकर 140 केस इस समय मध्य प्रदेश में एक्टिव है और 98.60 फीसदी रिकवरी रेट चल रहा है | ओमिक्रॉन वैरिएंट जिन राज्यों में मिले हैं, उनकी सीमाओं पर सतर्कता पहले से ही बढ़ा दी गई है।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना के मामलों में रिकवरी दर 98.60% बनी हुई है।
राजधानी भोपाल में सोमवार को कोरोना से 1004वीं मौत हुई थी । इससे पहले शहर में 25 नवंबर को एक मौत रिपोर्ट हुई थी। एक निजी अस्पताल में 84 वर्षीय कोरोन…
फ़ारूख़ अब्दुल्ला के बाद नरोत्तम मिश्रा ने साधा रशीद अल्वी और सलमान खुर्शीद पर निशाना, कहा जनता की गाढ़ी कमाई पर मुफ्त में पढ़ाई कराने वाला #JNU देश विरोधी वामपंथी विचारधारा का अड्डा बना दिया गया है
अक्सर विवादों में रहने वाली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) एक बार फिर चर्चा में है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) द्वारा सोमवार 6 दिसंबर की रात कथित तौर पर बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के समर्थन में नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग भी उठाई गई।
इसी के बीच आज मध्य प्रदेश के ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बड़ा बयान दे दिया है है जिसमें उन्होंने फ़ारूक़ अब्दुला समेत रशीदअल्वी और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद पर सीधा निशाना साधते हुए कहा है कि देश विरोधी वामपंथी गतिविधियों का अड्डा बना दिया गया है जेएनयू (JNU) को | इसी के साथ वो कहते है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग देश में फिर से माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है और JNU में देश विरोधी नारे इसी क्रोनोलॉजी के तहत लगे हैं।
जनता की गाढ़ी कमाई पर मुफ्त में पढ़ाई कराने वाला #JNU अब देश विरोधी वामपंथी विचारधारा का अड्डा बन गया है। अब इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
जानकारी के अनुसार, JNU कैंपस में एक नए विवाद की चिंगारी सुलगनी शुरू हो गई है। जेएनयूएसयू की ओर से 6 दिसंबर की रात एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया। 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ी गई थी, जिसके खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान JNU छात्रसंघ के कार्यकर्ताओं और यहां मौजूद लेफ्ट संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग की।
इस दौरान छात्रसंघ कार्यकर्ताओं की ओर से “नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ बाबरी” जैसे नारे लगाए गए, जिनको लेकर विवाद उठना लाजिमी है। बाबरी विध्वंस की घटना के 29 साल बाद जेएनयू कैंपस में छात्र संघ ने इस घटना के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकाला, जिसमें कहा गया की बाबरी मस्जिद दोबारा से बननी चाहिए।
दरअसल इस प्रदर्शन की कॉल जेएनयूएसयू द्वारा रात को 8:30 बजे दी गई थी। जेएनयू कैंपस के गंगा ढाबा पर रात 8:30 बजे काफी संख्या में लेफ्ट विंग के छात्र जमा हो गए और यहां से यह प्रदर्शन मार्च चंद्रभागा हॉस्टल तक पहुंचा। इससे पहले भी लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा कई विवादित बयान दिए गए हैं और 6 दिसंबर को चंद्रभागा हॉस्टल के चौखट पर एक बार फिर लेफ्ट समर्थक छात्रों ने एक नए विवाद की शुरुआत कर दी है। इसके बाद यह प्रदर्शन हॉस्टल तक पहुंचा, जिसके बाद छात्र यूनियन के नेताओं ने अपनी-अपनी बातों को रखा। इसी दौरान जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने अपनी स्पीच के दौरान कहा कि बाबरी मस्जिद दोबारा बनाकर उसे इंसाफ लिया जाएगा।
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