पिद्दी सीट से चुनाव लड़ने क्यों पहुंचे राहुल

भोपाल,15 अप्रैल(प्रेस सूचना केन्द्र)। केरल की वायनाड जैसी छोटी लोकसभा सीट से जीत सुनिश्चित करने पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दक्षिण प्रेम इस बार भारत की राजनीति को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट के अलावा वायनाड से जीत सुनिश्चित करने के पीछे कांग्रेस की रणनीति काम कर रही है।

दरअसल देश में काले धन की जो समानांतर अर्थव्यवस्था कांग्रेस के शासनकाल में विकसित हुई थी वो कांग्रेस की शक्ति का आधार रही है। नोटबंदी और जीएसटी ने उस अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसी वजह से व्यापारियों और साहूकारों का बहुत बड़ा वर्ग आर्थिक सुधारों की लहर से खफा हो गया है। कांग्रेस गरीब की बात जरूर करती रही है लेकिन उसकी पृष्ठभूमि में खड़े राजा महाराजाओं और साहूकारों की शक्ति कांग्रेस को हर चुनौती का सामना करने में सहयोग प्रदान करता रहा है। दक्षिण में जिन स्वयंसेवी संस्थाओं और कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है उससे भी मोदी सरकार के विरोध में नाराजगी देखी गई और कांग्रेस को इस बार दक्षिण भारत जैकपाट नजर आ रहा है।

केरल की वायनाड लोकसभा सीट के समीकरण देखे तो ये सीट2008 में अस्तित्व में आई. तब से अब तक इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा है. इस सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं. ये सातों विधानसभा सीटें मनंथावाड़ी, सुल्तानबथेरी, कल्पेट्टा और कोझीकोड जिलों में पड़ती हैं. 2009 से इस सीट पर कांग्रेस के एमआई शानवास सांसद हैं. अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के यहां से चुनाव लड़ने की वजह से यह संसदीय सीट हाई-प्रोफाइल सीटों में शुमार हो गई है और सभी की नजर इस सीट पर भी लग गई है.

वायनाड जिले की आबादी 8.18 लाख है जिनमें से 4.01 लाख पुरुष और 4.15 महिलाएं है. इस जिले की साक्षरता दर 89.03 प्रतिशत है. वायनाड में 49.48% हिंदू, 28.65% जनसंख्या मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी 21.34% है. केरल में कांग्रेस की अगुवाई वाली गठबंधन का नाम है यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ). जबकि दूसरी तरफ वामपथी दलों का गठबंधन का नाम है लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ).

2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वायनाड पर महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस के एमआई शानवास को सीपीएम के सत्यन मोकेरी से सिर्फ 1.81 फीसदी अधिक वोट मिले थे. शानवास को 3,77,035 और मोकेरी को 3,56,165 वोट मिले थे. बीजेपी तब चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी और उसके प्रत्याशी पीआर रस्मिलनाथ को 80,752 वोट मिले थे.

वायनाड लोकसभा सीट पर 2009 में पहली बार संसदीय चुनाव कराए गए जिसमें कांग्रेस को बड़ी जीत मिली थी. कांग्रेस के एमआई शानवास ने सीपीआई के एम रहमतुल्लाह को 1,53,439 के भारी अंतर से हराया था. शानवास को तब 4,10,703 और रहमतुल्लाह को 2,57,264 वोट मिले थे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दक्षिण के रण में उतरकर वहां के राजनीतिक समीकरण साधने की रणनीति पर काम रहे हैं. एक दौर में दक्षिण भारत कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता था, लेकिन वक्त के साथ छत्रपों ने कांग्रेस की जमीन को कब्जा लिया है. ऐसे में राहुल दक्षिण के सियासी रण में खुद उतरकर अपनी सियासी जमीन को वापस पाने की है.

वायनाड और मल्लपुरम इलाके में कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की मजबूत पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि पिछले दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस लगातार जीत दर्ज कर रही है. ऐसे में राहुल के लिए वायनाड की राह में बहुत ज्यादा दिक्कतें नहीं होंगी.

वायनाड एक पर्यटन स्थल भी है, इस लिहाज से भी राहुल गांधी के लिए इस लोकसभा सीट का चयन किया गया है।2008 से ही इस क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। यहां आठ जन जातियां निवास करती हैं। इसलिए बजट का बड़ा हिस्सा यहां विकास के नाम पर खर्च किया जाता रहा है। कोआपरेटिव सोसायटी बनाकर भी यहां की खेती और पर्यटन को संरक्षण देने का प्रयास बरसों से किया जाता रहा है। कांग्रेस की निगाह बहुत लंबे समय से इस सीट पर थी और इसे दक्षिण के इलाकों में सुरक्षित लांच पेड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

पर्यटन क्षेत्र वयनाड

वयनाड पर्यटन संगठन (डबल्यूटीओ) वयनाड में ‘जिम्मेदार और सतत् पर्यटन’ की संस्कृति लाने में मुख्य भूमिका निभा रहा है, जिसने वयनाड के उत्तरी जिले की चार पगडंडियों की पहली पगडंडी आपको यहाँ मिलेगी।

इन चार पगडंडियों में, हम आपका परिचय पहली पगडंडी ‘आउटडोर ट्रेल’ से कराएंगे जिसमें आपको वयनाड जिले के निम्नलिखित स्थल मिलेंगे ।

चेम्ब्रा पीक

2100 मीटर की ऊंचाई पर चेम्ब्रा पीक वयनाड के दक्षिणी हिस्से में मेप्पाडी के समीप स्थित है। यह इस क्षेत्र की चोटियों में सबसे ऊंची चोटी है और इसकी चढ़ाई काफी मुश्किलों भरी है। चेम्ब्रा पीक की चढ़ाई एक रोमांचक अनुभव है, जहां चढ़ाई के हर चरण में वयनाड का व्यापक विस्तार दिखाई पड़ता है और शिखर तक पहुंचते-पहुंचते यहां के दृश्य काफी विस्तृत बन जाते हैं। इस चोटी तक पहुंचकर वापस लौटने में एक दिन का समय लगता है। जो इसके शीर्ष पर कैंप करना चाहते हैं, बेशक उनके लिए तो यह एक यादगार अनुभव ही होगा।

कैंपिंग के लिए इच्छुक व्यक्ति वयनाड के कलपेट्टा में स्थित डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्रोमोशन काउंसिल से संपर्क कर सकते हैं।

नीलिमला

वयनाड के दक्षिणपूर्वी हिस्से में कलपेट्टा तथा सुल्तान बथेरी से आसानी से पहुंचे जाने वाली स्थिति में अवस्थित नीलिमला ट्रेकिंग के लिए एक उपयुक्त स्थान है, जहां ट्रेकिंग के लिए कई मार्ग उपलब्ध हैं। नीलिमला के शिखर पर से समीप की घाटी में मीनमुट्टी जलप्रपात का दृश्य बेहद यादगार हो उठता है।

मीनमुट्टी जलप्रपात

ऊटी और वयनाड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क से 2 कि.मी. की ट्रैकिंग करते हुए नीलिमला के पास स्थित इस खूबसूरत मीनमुट्टी जलप्रपात तक पहुँचा जा सकता है। यह वयनाड जिले का सबसे बड़ा जलप्रपात है जहाँ तीन धाराएँ लगभग 300 मीटर से नीचे गिरती हैं।

चेतलयम

एक और जलप्रपात जो पर्यटकों को वयनाड की ओर आकर्षित करता है, चेतालयम जलप्रपात है जो वयनाड के उत्तरी इलाके के सुल्तान बतेरी के पास है। मीनमुट्टी जलप्रपात की तुलना में यह आकार में थोड़ा छोटा है। यह जलप्रपात और आसपास के इलाके ट्रैकिंग और पक्षी प्रेमियों के लिए बेहतरीन जगह है।

पक्षीपातालम

ब्रह्मगिरी की पहाडियों पर 1700 मी. की ऊंचाई पर घने वन में पक्षीपातालम स्थित है। इस क्षेत्र में बड़े-बड़े बोल्डर देखने को मिलते हैं, उनमें से कुछ तो सचमुच विशाल हैं। यहां मौजूद कई सारी गुफाएं विभिन्न प्रकार के पक्षियों, जंतुओं और वनस्पतियों की विशेष किस्मों के वासस्थान हैं। पक्षीपातालम मानंतवाडी के पास स्थित है और यहाँ जाने के लिए आपको तिरुनेल्ली से शुरु करते हुए, जंगल में लगभग 7 कि.मी. की ट्रैकिंग करते हुए जाना होगा। पक्षीपातालम जाने वालों को डीएफओ – उत्तरी वयनाड से अनुमति लनी होती है।

बाणासुरा सागर बांध

बाणासुरा सागर पर बना बांध भारत के सबसे बड़े बांध के रूप में जाना जाता है। यह बांध वयनाड जिले के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है और यह करलाड झील के समीप है। बाणासुरा सागर बांध में बाणासुरा पीक की चढ़ाई के लिए प्रारंभ स्थान भी स्थित है। यहां का एक रोचक आकर्षण है द्वीपों का समूह, जिसका निर्माण जलाशय द्वारा आस-पास के क्षेत्रों को जलमग्न करने के कारण होता है।

एक ओर जहाँ आप वयनाड के मनोरम दृष्यों, ध्वनियों और खुशबू का मज़ा लेंगे, वहीं आप वयनाड के कुछ दुर्लभ चीज़ें भी खरीदना चाहेंगे जैसे यहाँ के मसाले, कॉफ़ी, चाय, बांस की वस्तुएँ, शहद और जड़ी-बूटी के पौधे।

वयनाड में ‘आउटडोर ट्रेल’ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, वयनाड पर्यटन संगठन से संपर्क करें।

संपर्क के विवरण

महासचिव

वयनाड पर्यटन संगठन

वासुदेवा एडम, पोझुताना पी.ओ.

वयनाड, केरल, भारत

पिन – 673575

टेलीफ़ोन +91-4936-255308, Fax.+91-4936-227341

ई-मेल [email protected]

कैसे पहुँचे

नज़दीकी रेल्वे स्टेशन – कोझिकोड (कालीकट) रेल्वे स्टेशन 62 कि.मी. दूरी पर है

नज़दीकी एयरपोर्ट – कोझिकोड (कालीकट) अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लगभग 65 कि.मी. दूरी पर है

लोकेशन

अक्षांश : 11.75847, देशांतर : 76.093826

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