अंबेडकर पर राजनीति, सरकार ने स्वयं मोर्चा संभाला

भोपाल,18 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। (Madhya Pradesh Assembly)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर सदन में दिए गए बयान पर बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में हंगामा हुआ । शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने यह मामला उठाते हुए इसे संविधान को मानने वाले और पूरे अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान बताते हुए माफी मांगने की मांग की।
इसको लेकर सत्तापक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई तो पूरा विपक्ष आसंदी के समक्ष आ गया और नारेबाजी करने लगा। इसके विरोध में पहली बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री सहित सत्तापक्ष के सदस्य भी आसंदी के पास आ गए।
दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी होने लगे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने दस मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बाद में उन्होंने पूरे संवाद को कार्यवाही से विलोपित कर दिया।
शून्यकाल में उमंग सिंघार ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर आस्था के केंद्र हैं। भाजपा संविधान को तार-तार करने में लगी है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से पूरा समाज आहत हुआ है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि ऐसे कोई कुछ भी नहीं कह सकता है। सदन नियम और प्रक्रिया से चलता है। ऐसे किसी व्यक्ति जो सदन में अपना पक्ष नहीं रख सकता है, उसके बारे में चर्चा नहीं हो सकती है। संसद में कही किसी भी बात का उल्लेख यहां नहीं किया जा सकता है।
इस पर कांग्रेस के सदस्य एक साथ खड़े हो गए और अपनी बात जोर-जोर से रखने लगे। मुख्यमंत्री, मंत्री सहित सत्ता पक्ष के सभी सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े हो गए और कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया। जब कांग्रेस के सदस्य आसंदी के समक्ष आ गए तो मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य सदस्य भी आसंदी के समक्ष आ गए और दोनों पक्ष के बीच बहस होने लगी।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अध्यक्ष ने कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। बाद में संसदीय कार्य मंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि बिना तथ्य के किसी अन्य सदन में कही बात को यहां राजनीति के लिए उठाना नियम संगत नहीं है।
यदि किसी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति के लिए कुछ बोलना है तो पहले अनुमति ली जानी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष को अपनी गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस के सदस्यों ने सदन के बाहर नारेबाजी करते हुए आरोप दोहराए।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*