भीमाशंकर शनकुशल ने भारोत्तोलन में जीता स्वर्ण पदक

भीमाशंकर शनकुशलःपिता के स्वप्न साकार करने की दिशा में बढ़ते कदम.

भोपाल,14 दिसंबर,(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)। राजधानी के भारतीय योग अनुसंधान केंद्र के नवयुवा खिलाड़ी भीमाशंकर शनकुशल ने दिल्ली में आयोजित भारोत्तोलन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। स्वर्गीय आचार्य हुकुमचंद शनकुशल के सबसे छोटे पुत्र का ये कौशल अब राज्य के भाल पर नए मुकुट के रूप में उभरकर सामने आ गया है।

भीमाशंकर शनकुशलः देश का परचम फहराने वाला लंबी दौड़ का घोड़ा.


नई दिल्ली के प्रहलादपुर स्टेडियम में आयोजित 68th स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया (एस.जी.एफ.आई- 2024) के इस आयोजन में भारोत्तोलन राष्ट्रीय खेलों में 122kg स्नैच और 152kg क्लीन एंड जर्क लगाकर उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है। प्रतियोगिता में देश भर के 24 अलग अलग राज्यों के प्रतियोगी शामिल हुए थे। इनके बीच मध्यप्रदेश के भीमाशंकर शनकुशल ने शानदार भारोत्तोलन का प्रदर्शन करके पहला स्थान प्राप्त किया है ।


स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया, एशिया के खेल संगठनों की प्रतिनिधि संस्था है। भीमाशंकर ने दसवीं क्लास के 81 किलो से कम वजन वाले छात्रों के बीच वैयक्तिक मुकाबले में ये सफलता हासिल की है।


एशियन खेलों को बढ़ावा देने और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने के लिए चीन के बीजिंग स्थित एशियन स्कूल स्पोर्टस् फेडरेशन के संयोजन में ये आयोजन हर साल किया जाता है। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ओलंपिक और अन्य वैश्विक मुकाबलों के लिए चयनित किया जाता है। आयोजन में स्वर्णपदक जीतकर लौट रहे भीमाशंकर शनकुशल का सोमवार दोपहर भोपाल स्टेशन पर भव्य नागरिक अभिनंदन किया जाएगा।

भीमाशंकर के बेहतर प्रदर्शन से राज्य के खेल जगत में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है.


गौरतलब है कि उनके पिता स्वर्गीय हुकुमचंद शनकुशल विश्व के प्रख्यात योगाचार्य रहे हैं। उनके आयुर्वेदिक उपायों ने व्यक्तित्व निर्माण की कई गुत्थियों को सुलझाने में सफलता पाई है।भीमाशंकर की मां श्रीमती शुभ्रा शनकुशल आर्टिस्टिक योग की खिलाड़ी रहीं हैं और उन्होंने अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन करके स्वर्णपदक हासिल किया था।


राज्य के खेल विभाग को नवयुवक भीमाशंकर की प्रतिभा ने अब गौर करने पर मजबूर किया है। भीमाशंकर हथाईखेड़ा डैम स्थित ज्ञानचेतना स्कूल की कक्षा दसवीं का छात्र है। इसकी उम्र 18 वर्ष है। राजधानी यूथ क्लब की व्यायामशाला में प्रशिक्षण पाने वाले भीमाशंकर के बड़े भाई ज्ञानेश्वर शनकुशल ने इस संस्था को नई ऊंचाईयां दी हैं। उसकी बड़ी बहन खुशबू शनकुशल ने एशियन गेम्स में योग चैम्पयिन है।राजधानी यूथ क्लब में प्रशिक्षण पाने वाले कई अन्य युवा खिलाड़ी भी बेहतर प्रदर्शन करके खेलों में अपना झंड़ा गाड़ रहे हैं।

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