विदेशी फंडिंग का गलत उपयोग कर धर्मांतरण कराने वाले NGO और PFI जैसे संगठनों की भूमिका की पूरी जांच की जा रही है, जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी- ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
(मध्य प्रदेश में 8 छात्रों के धर्मांतरण का आरोप लगा विदिशा के मिशनरी स्कूल में तोड़फोड़, दक्षिणपंथी हिंदू संगठन पर आरोप लगाया था और केस दर्ज हुआ हैं*
भोपाल,7 दिसंबर(प्रेस इंफार्मेशन सेंटर)।विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच व अन्य संगठनों ने स्कूल प्रबंधन पर आठ छात्रों का ईसाई धर्म में परिवर्तन करने का आरोप लगाया है. इन संगठनों ने स्कूल और चर्च पर विदेशों से पैसे लेने, छात्रों को तिलक नहीं लगाने और कलावा नहीं बांधने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगाया है
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा जिले के एक मिशनरी स्कूल (Vidisha missionary school vandalized) में दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों (Right wing Hindu organization) के कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ करने के मामले में ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयां दिया है कि विदेशी फंडिंग का गलत उपयोग कर धर्मांतरण कराने वाले NGO और PFI जैसे संगठनों की भूमिका की पूरी जांच की जा रही है और जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी |
क्या है पूरा मामला
दक्षिणपंथी संगठनों का आरोप है कि स्कूल में 8 छात्रों का धर्मांतरण कराया गया था जबकि स्कूल प्रशासन ने इस तरह के आरोपों से इनकार कदिया है. इलाके के पुलिस अधिकारी (SDOP) भारत भूषण शर्मा के मुताबिक फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने और तोड़फोड़ करने के मामले से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
भारत भूषण शर्मा ने बताया कि विदिशा जिला मुख्यालय से करीब 48 किलोमीटर दूर गंजबासौदा में सेंट जोसेफ स्कूल के परिसर में ये तोड़फोड़ की गई है.आरोपियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस घटना में स्कूल की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक हंगामा करने वाले लोगों ने स्कूल पर पथराव भी किया था.
उधर विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी नीकेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है. अग्रवाल ने कहा, ”हमारा कथित हंगामे से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि स्थानीय प्रशासन को सूचित करने के बाद हमारा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. इस धर्मांतरण के खिलाफ पिछले एक सप्ताह से कई संगठन विरोध कर रहे हैं और इसकी जांच की मांग कर रहे हैं. दूसरे राज्यों से लाए गए गरीब छात्रों का कथित तौर पर धर्मांतरण किया जा रहा है.’
प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच व अन्य संगठनों ने स्कूल प्रबंधन पर आठ छात्रों का ईसाई धर्म में परिवर्तन करने का आरोप लगाया है. इस ज्ञापन में इन संगठनों ने स्कूल और उसके चर्च पर विदेशों से पैसे लेने, छात्रों को तिलक नहीं लगाने और कलावा (कलाई में हिंदुओं द्वारा पहना जाने वाला पवित्र धागा) नहीं बांधने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगाया है. इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया कि छात्रों को ईसाई धर्म की प्रार्थना करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
स्कूल ने आरोपों से किया इनकार
रविवार को जिलाधिकारी को लिखे पत्र में सेंट जोसेफ चर्च और स्कूल प्रशासन ने धर्मांतरण के सभी आरोपों से इंकार किया है. चर्च ने कहा है कि 30 अक्टूबर को आठ ईसाई बच्चों का ईसाई धर्म रीति से संस्कार किया गया था ये हिंदू धर्म में ‘जनेऊ संस्कार’ की तरह ही होता है. चर्च ने इस मामले की जांच करने का भी आग्रह किया ताकि सच्चाई का पता चल सके. पत्र में चर्च ने स्थानीय यूट्यूब चैनलों पर धर्मांतरण की झूठी खबरें फैलाने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने का भी आरोप लगाया है और प्रशासन से उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है.
स्कूल के प्रिंसिपल ने एसडीओपी को लिखे पत्र में सुरक्षा की मांग करते हुए कहा है कि फिलहाल स्कूल में परीक्षाएं कराई जा रही हैं. पत्र में यह भी कहा गया है कि मीडिया में प्रसारित किए जा रहे कथित धर्मांतरण की तस्वीरें स्कूल परिसर की नहीं हैं. इस बीच, स्कूल प्रबंधन के प्रवक्ता ने बताया कि मीडिया के माध्यम से विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन को समय पर कार्रवाई के लिए संभावित गड़बड़ी के बारे में पहले से सूचित कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि लेकिन लोग इकट्ठा होने लगे और पथराव से स्कूल को कम से कम 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. जब यह घटना हुई, उस वक्त स्कूल में छात्र अपनी परीक्षाएं देने के लिए मौजूद थे
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