18 जिलों के 42 पुलिस अधिकारियों ने सीखीं उत्कृष्ट विवेचना की बारीकियाँ
भोपाल,07 फरवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)। पुलिस अधिकारी महिला अपराधों से संबंधित नये कानूनों की बारीकियाँ समझें और साक्ष्य आधारित, आधुनिक एवं स्मार्ट पुलिसिंग के जरिए महिला उत्पीड़न से संबंधित अपराधों की ऐसी विवेचना करें, जिससे कोई भी अपराधी बचने न पाए। यह बात पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने कही। श्री सिंह शुक्रवार को मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी में ”लैंगिक अपराधों की विवेचना में पुलिस की भूमिका” विषय पर संपन्न हुई मास्टर ट्रेनर्स की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा क्रिमनल जस्टिस सिस्टम के सभी अंगों के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है, तभी हम पीड़ित को न्याय और अपराधी को सजा दिलाने में सफल होंगे।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा महिला अपराधों की विवेचना के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देशों के परिपालन में पुलिस मुख्यालय की निर्देश पर यह कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में प्रदेश के 18 जिलों से आए उप निरीक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के 42 पुलिस अधिकारियों को खास तौर पर महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित अपराधों की उत्कृष्ट विवेचना करने के गुर सिखाए गए। समापन सत्र में विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री संजय राणा, मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के निदेशक श्री के.टी.वाइफे एवं संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवा डॉ वंदना खरे मंचासीन थीं।
पुलिस महानिदेशक श्री सिंह ने कहा कि महिला अपराधों की विवेचना के दौरान विशेष सावधानी व सतर्कता बरतने की जरूरत है। साक्ष्य जुटाने व डीएनए जाँच के लिए सैंपल भेजने से लेकर उसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने तक निर्धारित प्रोटोकॉल व समय-सीमा का पालन करें। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से इस काम को चुनौती के रूप में लेकर अंजाम देने को कहा।
विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री संजय राणा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के पालन में एक साल के भीतर प्रदेश भर में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 650 पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट विवेचना का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा विशेषज्ञ रिसोर्स पर्सन का लाभ जिले स्तर तक पहुँचाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए स्मार्ट क्लास तैयार किए जा रहे हैं।
कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा यौन अपराधों की उत्कृष्ट विवेचना व वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने की बारीकियां सहित इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अन्य दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। यहाँ प्रशिक्षित किए गए सभी मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने जिलों में जाकर पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।
समापन सत्र में पुलिस महानिदेशक ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं ने भी अपना फीडबैक दिया और प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया। आरंभ में पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के निदेशक श्री के.टी.वाईफे ने कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में पुस्तकें भेंट की गईं। समापन सत्र का संचालन प्रशिक्षण अकादमी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज पाण्डेय ने किया। अंत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मि पाण्डेय ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण श्रीमती निमिषा पाण्डेय व मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कमल मौर्य सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
शंका समाधान के लिए शुरू होगी इनफोरमेशन डेस्क
पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश पुलिस प्रशिक्षण अकादमी भौंरी की प्रशिक्षण व्यवस्था एवं सुविधाओं की सराहना की। साथ ही कहा कि यहाँ से प्रशिक्षण लेकर जाने वाले पुलिस अधिकारियों सहित अन्य विवेचना अधिकारियों की शंकाओं के समाधान के लिए अकादमी में एक इनफोरमेशन डेस्क शुरू की जाए।
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