भोपाल,26 जनवरी(प्रेस सूचना केन्द्र)।भोपाल समाज समिति, भोपाल के तत्त्वावधान में टीन शेड जैन मंदिर के प्रांगण में झण्डा वंदन कर 71 वें गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। देश भक्ति से परिपूर्ण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री “मितुल प्रदीप” उपस्थित रहीं।
सुश्री मितुल, जन जन के रक्त में देशभक्ति का संचार करने वाले कालजयी गीत “ए मेरे वतन के लोगो” जैसे अनेक देशभक्ति गीतों के रचियता कवि प्रदीप की पुत्री हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के अंतराष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ कवि एवं गीतकार श्री कुंवर बैचेन ने की। कुंवर बैचेन जी की रचनाएं देश के 7 राज्यों के कॉलेज एवं स्कूल के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित है। उनकी अब तक 35 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है साथ ही एक महाकाव्य भी प्रकाशित हो चुका है। लगभग 60 दशकों से भी अधिक समय से काव्य मंचो का प्राधिनित्व कर रहे कवि कुंवर बैचेन के काव्यों पर लगभग 24 पीएचडी अवार्ड हो चुकी हैं एवं 8 पीएचडी शोध चलायमान हैं।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए अपने संबोधन में कवि प्रदीप की दो संदेशों के विषय में कहा । पहला संदेश “हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के” को दृष्टिगत रखते हुए बच्चों को संबोधित करते हुए दिया कि ये देश को संभालने वाले अब ये बच्चे है जो भावी भारत के कर्णधार हैं। दूसरे संदेश में “इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही संदेश हमारा’ को दृष्टिगत रखते आज के परिदृश्य में कवि प्रदीप द्वारा लिखी गयी पंक्तियों को आचरण में अंगीकार करने की अपील उन्होंने की। श्री कुंवर बैचेन ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सकारात्मकता पर जोर देते हुए कहा कि इस समय हमें एकता के सूत्र में बधने की आवश्यकता है तभी राष्ट्र तरक्की कर पायेगा। अपने गीत “भले ही हम में तुम में कुछ, ये रूप रंग का भेद हो..है खुशबुओं में फर्क क्या गुलाब हम गुलाब तुम” के माध्यम से आज के परिदृश्य में समाधान बताने की चेष्टा की साथ ही अपने गीत ” है हमारा नमन है वतन के लिए” के माध्यम से देशभक्ति के जज़्बातों को ज़ाहिर किया।
कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री शोभित जैन आई.ए. एस, टीन शेड जैन मंदिर के अध्यक्ष अमर जैन, संस्था के अध्यक्ष राकेश सिंघई, श्री सेठी जी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन श्री शशांक जैन, आई.टी कंसलटेंट द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन अमर जी जैन द्वारा किया गया।
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