अबकी बारी शिवसेना भारी, राऊत बोले सरकार बनाएंगे

मुंबई,2 नवंबर(प्रेस सूचना केन्द्र)। महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना युति के बीच मुख्यमंत्री को लेकर जो रार ठनी है उसका कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है। 50-50 सीटों पर तालमेल से चुनाव लड़कर भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें हासिल कीं हैं। स्वाभाविक तौर पर महाराष्ट्र के नागरिकों ने सर्वाधिक 25.7 प्रतिशत मत देकर भाजपा की निवृतमान सरकार को आगे अपना काम जारी रखने का जनादेश दिया है लेकिन उसका ये मत प्रतिशत तब है जब शिवसेना से उसका गठबंधन था। शिवसेना को भी इस चुनाव में 16.5 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। उसे भाजपा से गठबंधन की मंहगी कीमत चुकानी पड़ी है। यही वजह है कि शिवसेना अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की जिद पर अड़ी हुई है।

शिवसेना सांसद संजय राऊत ने आज अल्टीमेटम दिया है कि यदि भाजपा पंद्रह दिनों तक सरकार नहीं बना पाएगी तो फिर शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। शिवसेना हर हाल में अपना मुख्यमंत्री बनाने की जिद पर अड़ी हुई है। उसके नेताओं का कहना है कि एक बार सत्ता का संचालन भाजपा कर चुकी है इसलिए इस बार शिवसेना को मौका मिलना चाहिए। भाजपा का कहना है कि गठबंधन के बीच भाजपा ने ज्यादा सीटें पाईं हैं इसलिए बड़े दल होने के नाते उसे सरकार चलाने का अवसर मिलेगा। हालांकि कम सीटें आने के लिए शिवसेना अब भाजपा को ही दोषी बता रही है। उसके नेताओं का कहना है कि भाजपा के मत प्रतिशत में गिरावट बता रही है कि भाजपा को सत्ता चलाने का जनादेश नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के आए नतीजों के मुताबिक 2014 के 122 सीटों के मुकाबले भाजपा इस बार 105 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार पार्टी को 17 सीटों का नुकसान होने के साथ कुल मिले मतों में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है। आंकड़ो के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा महाराष्ट्र की राजनीति की तीन अहम पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मत प्रतिशत में भी गिरावट आई है। इसकी वजह कई सीटों पर बागियों के मिले मत हैं।

भाजपा ने 2014 में 260 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और उसके खाते में कुल पड़े मतों का 27.8 प्रतिशत गया जो इस चुनाव में घटकर 25.7 फीसदी रह गया। हालांकि, इस पिछले चुनाव में अकेले भाजपा लड़ी थी लेकिन इस बार वह शिवसेना के साथ गठबंधन में उतरी थी। शिवसेना को 288 सदस्यीय विधानसभा में 16.4 फीसदी मतों के साथ 56 सीटों पर जीत मिली है। इस प्रकार पिछले चुनाव के मुकाबले उसे सात सीटों और 2.9 फीसदी मतों का नुकसान हुआ है। हालांकि इस बार पार्टी ने 124 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जबकि पिछली बार 282 पर उसने दावेदारी की थी।

इस चुनाव में निर्दलीय सहित 28 गुटों को कुल 23.06 प्रतिशत मत मिले हैं जो 2014 के चुनाव के मुकाबले नौ फीसदी अधिक है और इन दलों को 19 सीटें मिली थीं। इन छोटे दलों में प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अगाड़ी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएमआईएम) शामिल हैं।

इस बार 13 निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को इस बार 16.7 फीसदी के साथ 54 सीटें मिली है, जो 2014 के मुकाबले 13 सीटें अधिक है। हालांकि राकांपा के मत प्रतिशत में गिरावट आई है। पार्टी को 2014 में 17.2 प्रतिशत मत मिले थे। पार्टी ने 2019 में 117 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे।

कांग्रेस को 2014 के 18 फीसदी के मुकाबले इस बार 15.9 प्रतिशत मिले हैं। हालांकि, उसकी सीटें 42 से बढ़कर 44 हो गई है। कांग्रेस ने इस बार 147 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जबकि पिछली बार 287 सीटों पर दावेदारी की थी। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मत प्रतिशत में भी गिरावट आई है। पार्टी को 2.3 प्रतिशत मत मिले हैं जो 2014 के मुकाबले 1.4 फीसदी कम है।

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