नईदिल्ली( अनिल जैन)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकिंग और रियल एस्टेट क्षेत्र की बिगड़ी हालत के लिए पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार अब उन नीतियों को सुधार रही है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और खासकर छोटी और मझोली कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।संप्रग की सरकारों ने बैंकों पर दबाव डालकर ऐसे उद्योगपतियों को कर्ज दिलाया था जो केवल कागजी खानापूर्ती करते थे।
गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण के लिए होने वाले मतदान से पहले मोदी ने छोटे और मंझोले उद्योगपतियों से हमदर्दी जताते हुए कहा कि कई बड़े औद्योगिक घराने उनके बकाये का भुगतान समय पर नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब इन कंपनियों को ई-मार्केटप्लेस के जरिये सीधे सरकार को अपना माल बेचने की अनुमति दे दी गई है। इससे पहले मोदी के गृह राज्य गुजरात में सूक्ष्म, लघु और मझोली इकाइयों ने वस्तु एवं सेवा कर का विरोध किया था। मोदी ने यह कहकर तसल्ली दी थी कि जीएसटी से उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। अब यही बात वे बैंकिंग सुधार के सिलसिले में कह रहे हैं।
औद्योगिक संस्था फिक्की की 90वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा विधेयक के बारे में लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने जमाओं की सुरक्षा के बारे में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने में फिक्की से मदद करने को कहा। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका था जब मोदी ने किसी राष्ट्रीय उद्योग निकाय की बैठक को संबोधित किया। मोदी ने आयात पर निर्भरता खत्म करने और देश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कारोबारी समुदाय से मदद करने को कहा।
मोदी ने कहा, ‘पुराने कानूनों को खत्म किया जा रहा है और नए कानून बन रहे हैं। हम यूरिया, कपड़ा, उड्डयन, परिवहन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई नीति लाए हैं।’ उन्होंने कहा कि नई कपड़ा नीति से एक करोड़ रोजगार पैदा होंगे जबकि यूरिया नीति के कारण किसी नए संयंत्र को जोड़े बिना 18 से 28 लाख टन उत्पादन बढ़ा है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा, निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण और वित्तीय सेवा सहित 21 क्षेत्रों में 87 बड़े सुधार किए हैं। इन सुधारों के कारण पिछले 3 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है और यह 400 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। उन्होंने कहा, ‘निर्माण क्षेत्र में अब तक जितना भी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया है उसमें से 70 फीसदी पिछले 3 साल मे आया है जबकि वायु परिवहन के क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 75 फीसदी बढ़ा है।’
मोदी ने आंकड़ों का सहारा लेकर यह संदेश देने की कोशिश की कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है। उन्होंने कहा कि यात्री वाहनों की बिक्री नवंबर में सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़ी है, व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है, तिपहिया वाहनों की बिक्री 80 फीसदी बढ़ी है और दोपहिया वाहनों की बिक्री में 23 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण विश्व बैंक की ताजा सूची में कारोबार आसान बनाने के मामले में भारत ने 30 पायदान की छलांग लगाई है। सरकार ने मुद्रा योजना के तहत पिछले 3 साल में 4.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण देकर 3 करोड़ नए उद्यमी बनाए हैं।
मोदी ने कहा कि स्टार्ट अप कंपनियों के लिए सिडबी ने फंड ऑफ फंड्स बनाया है जबकि सरकार ने वैकल्पिक निवेश फंड की अनुमति दी है। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की गरीबोन्मुखी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 से महिलाओं के लिए मुफ्त रसोई गैस, सभी परिवारों के लिए बैंक खाते, युवाओं को ऋण और सस्ते मकानों की योजनाएं लागू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि जनधन योजना के तहत 30 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि जिन ग्रामीण इलाकों में ये खाते खोले गए हैं वहां महंगाई कम हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग जगत ने जीएसटी की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो उद्योग प्रतिनिधिमंडल जीएसटी लागू करने की मांग को लेकर मेरे पास आया करता था।’ उन्होंने कहा कि देश के रेस्तराओं ने जीएसटी में कमी का फायदा अपने ग्राहकों को नहीं दिया है, जबकि जनता की असुविधा को देखते हुए सरकार ने दरों को दुबारा संयोजित भी किया ।
मोदी ने कहा कि जीएसटी से बैंक क्रेडिट प्रवाह बढ़ेगा, कच्चे माल की गुणवत्ता बढ़ेगी और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारी भी जीएसटी को अपनाएं, भले ही उनका टर्नओवर कुछ लाख ही क्यों न हो। ऐसा नहीं है सरकार उनसे राजस्व कमाना चाहती है लेकिन इससे पारदर्शिता आएगी। 20 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी से दूर रखा गया है।
मोदी ने पिछली संप्रग सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने कुछ उद्योगपतियों को कर्ज देने के लिए बैंकों पर दबाव डाला। पिछली सरकार के अर्थशास्त्रियों ने विरासत के रूप में हमें बैंकिंग प्रणाली की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां दी थीं। यह राशि राष्ट्रमंडल खेलों, कोयला और 2जी स्पेक्ट्रम घोटालों से बड़ी थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान मध्य वर्ग के लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई बिल्डरों को दीं लेकिन उन्हें मकान नहीं मिला। मोदी ने सवाल किया, ‘क्या पिछली सरकार रेरा जैसा कानून नहीं बना सकती थी।’
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