भोपाल(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)3 नवंबर। 31 अक्टूबर की रात हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नजदीक घटित सामूहिक बलात्कार की वारदात के बाद पुलिस ने अब दोषियों को दंडित कराने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। बेहद शर्मनाक गेंगरेप की इस घटना के बाद आज पुलिस ने फोरेंसिक विशेषज्ञ को लेकर घटना स्थल का बारीकी से मुआयना किया। कई नए साक्ष्य भी जुटाए ताकि दोषियों को दंडित कराने के लिए सबूतों की कड़ी को आपस में जोड़ा जा सके। इसके लिए पुलिस ने प्रदेश के सबसे बड़े फोरेंसिक वैज्ञानिक डॉ.हर्ष शर्मा को बुलाया है।
सागर स्थित राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक डॉ.हर्ष शर्मा ने आज घटना स्थल का बारीकी से मुआयना किया। उन्होंने पुलिस को वारदात से जुड़े कई अहम सबूतों को एकत्र करने की सलाह दी। घटना स्थल पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं दिनेश चंद सागर ,डी.पी.गुप्ता आईजी रेल, भोपाल स्थित फोरेंसिक शाखा के प्रभारी डॉ.दिनेश शर्मा एवं संबंधित पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारियों के साथ घटना से सभी पहलुओं की छानबीन की।
राजधानी के प्रमुख क्षेत्र में घटित इस घटना के बाद पुलिस को भारी बदनामी झेलनी पड़ रही है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने पुलिस की अक्षमता के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। जन न्याय दल के अध्यक्ष एड्व्होकेट बृजबिहारी चौरसिया ने कहा कि बलात्कार जैसे संज्ञेय अपराध में पीड़िता की रिपोर्ट लिखने में पुलिस ने देरी करके सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। वरिष्ठ पत्रकार अनिल तिवारी ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ ने ललिता कुमारी विरुद्ध स्टेट आफ यूपी मामले में किसी भी संज्ञेय अपराध में प्रथम सूचना रिपोर्ट तत्काल दर्ज करने के निर्देश दिए थे। दिल्ली में घटित निर्भया कांड के बाद अनुच्छेद 141 में पुलिस एक्ट में संशोधन करते हुए कहा था कि ड्यूटी पर तैनात किसी भी अधिकारी की कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही पर धारा 166 ए के तहत कार्रवाई की जाना जरूरी है। इस धारा में लापरवाह अधिकारियों को समुचित आधार पाए जाने पर एक साल की सजा से दंडित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि विदिशा निवासी एक छात्रा जब 31 अक्टूबर को अपनी कोचिंग की पढ़ाई समाप्त करके ट्रेन पकड़कर घर जाने के लिए रेलवे पटरी से गुजर रही थी तभी वहां बैठे दो अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया था। उन्होंने लड़की से से बलात्कार किया और उसके सोने के कर्णफूल और मोबाईल भी छुड़ा लिए। यही नहीं उन्होंने अपने दो साथियों को भी बुला लिया। चारों अपराधियों ने लड़की से सात बार बलात्कार किया और लगभग चार घंटों तक उसे बंधक बनाए रखा था। बाद में अपराधियों के चंगुल से छूटकर लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में एमपीनगर पुलिस और हबीबगंज पुलिस ने अपना क्षेत्र न होने के कारण कार्रवाई करने से इंकार कर दिया। बाद में रेलवे पुलिस ने प्रकरण कायम कर मामले की तफतीश शुरु की।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि खुद लड़की ने अपने पिता के साथ मिलकर एक आरोपी को पक़ड़ा और उसे पुलिस के सुपुर्द किया। आज जब ये मामला अखबारों की सुर्खियां बना तब सरकार और पुलिस सभी सक्रिय हुए।
मध्यप्रदेश सरकार को इस मामले में काफी अपयश झेलना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पुलिस महकमें में अनावश्यक हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह पर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में विशेष बैठक ली और आरोपियों को दंडित कराने के निर्देश दिए। भोपाल डीआईजी संतोष सिंह की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं।
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